सुप्रीम कोर्ट ने कहा, पीएसयू से एजीआर की मांग पूरी तरह अनुचित

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, पीएसयू से एजीआर की मांग पूरी तरह अनुचित

IANS News
Update: 2020-06-11 12:00 GMT
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, पीएसयू से एजीआर की मांग पूरी तरह अनुचित

नई दिल्ली, 11 जून (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से स्वरूपित सकल राजस्व (एजीआर) की बकाया राशि के रूप में चार लाख करोड़ रुपये की दूरसंचार विभाग की मांग को खारिज करते हुए विभाग की खिंचाई की। अदालत ने विभाग के संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी।

अदालत ने पीएसयू से एजीआर की मांग को पूरी तरह से अनुचित करार देकर रोक दिया।

न्यायमूर्ति एस. अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति एमआर शाह के साथ न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की शीर्ष वाली एक खंडपीठ ने दूरसंचार विभाग का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि पीएसयू के खिलाफ दूरसंचार विभाग की बकाया मांगों को वापस लिया जाना चाहिए।

अदालत ने मेहता से पूछा कि क्या उन्होंने सरकार को सार्वजनिक उपक्रमों के खिलाफ मांगों को वापस लेने की सलाह दी है और साथ ही कहा, सार्वजनिक उपक्रमों के खिलाफ उठाई गई मांग पूरी तरह से अनुचित है।

पीठ ने कहा, हम आपसे अनुरोध करते हैं कि आप इसे (पीएसयू पर मांग) वापस लें अन्यथा हम अपने फैसले का दुरुपयोग करने के लिए उनके (दूरसंचार विभाग के अधिकारियों) के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे।

खंडपीठ ने कहा, हम चाहते हैं कि वे एक हलफनामा दायर करें कि यह उनके (दूरसंचार विभाग के अधिकारी) द्वारा कैसे किया जा सकता है? हम उन्हें दंडित करेंगे।

बता दें कि शीर्ष अदालत ने 18 मई को भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और अन्य मोबाइल सेवा नेटवर्क को दूरसंचार विभाग को देय बकाया राशि का स्वत: मूल्यांकन करने पर फटकार लगाई थी। कोर्ट ने कहा था कि उन्हें ब्याज के साथ बकाया राशि का भुगतान करना होगा। एक अनुमान के अनुसार यह राशि 1.6 लाख करोड़ रुपये है।

शीर्ष अदालत ने सरकार को देय बकाया राशि का पुन: आकलन करने की इन कंपनियों को अनुमति देने के लिए दूरसंचार विभाग को भी फटकार लगाई थी। कोर्ट ने कहा था कि राजस्व की गणना के मामले में उसका 24 अक्टूबर 2019 का आदेश ही अंतिम है।

Tags:    

Similar News