कोर्ट प्रोसिडिंग को LIVE दिखाए या नहीं? SC ने अटॉर्नी जनरल से मांगी मदद

कोर्ट प्रोसिडिंग को LIVE दिखाए या नहीं? SC ने अटॉर्नी जनरल से मांगी मदद

Bhaskar Hindi
Update: 2018-02-10 05:17 GMT
कोर्ट प्रोसिडिंग को LIVE दिखाए या नहीं? SC ने अटॉर्नी जनरल से मांगी मदद

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की सीनियर एडवोकेट इंदिरा जयसिंह ने पिटीशन फाइल कर देश से जुड़े मुद्दों का लाइव टेलीकास्ट करने की मांग की थी। अब इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को इस मसले पर अपनी बात रखने को कहा है। इसके साथ ही चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) दीपक मिश्रा की बेंच ने अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल को भी इस मामले में मदद करने को कहा है। बता दें कि इंदिरा जयसिंह की इस पिटीशन पर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने पिछली सुनवाई में कहा था कि इस पर सोचा जाएगा।


देश से जुड़े मसलों को लाइव दिखाया जाए

सीनियर एडवोकेट इंदिरा जयसिंह ने अपनी पिटिशन में मांग की है कि देश से जुड़े मुद्दों की सुनवाई की वीडियो रिकॉर्डिंग हो और उसको लाइव दिखाया जाए। इंदिरा जयसिंह ने इस दौरान विदेशी अदालतों का उदाहरण भी दिया। इसके साथ ही उन्होंने ये भी मांग की है कि इस पिटीशन पर जल्द से जल्द सुनवाई करने को भी कहा था। इंदिरा जयसिंह की इस पिटीशन पर CJI दीपक मिश्रा वाली 3 जजों की बेंच ने केंद्र सरकार से अपनी बात रखने को कहा है, साथ ही अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल से भी मदद करने को भी कहा है

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न्याय होते देखे देश: इंदिरा जयसिंह

गुरुवार को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) दीपक मिश्रा की बेंच के सामने पिटीशन फाइल करते हुए इंदिरा जयसिंह ने ये भी कहा था कि "सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही का लाइव टेलीकास्ट होने से देश न्याय होने के साथ-साथ न्याय होते भी देख सकता है।" उन्होंने ये भी कहा कि "अगर सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही का लाइव टेलीकास्ट किया जाता है, तो इससे उसके फैसलों की गलत रिपोर्टिंग को भी रोकने में मदद मिलेगी।"

लाइव न हो तो यू-ट्यूब पर अपलोड करें

अपनी पिटीशन में इंदिरा जयसिंह ने ये भी कहा है कि "सुप्रीम कोर्ट के फैसले पूरे देश को प्रभावित करते हैं, इसलिए देश को ये जानने का अधिकार है कि ये फैसला कैसे लिया गया है।" उन्होंने ये भी कहा कि "अगर लाइव दिखाना संभव न हो तो कोर्ट की कार्यवाही की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाए और बाद में इसे यू-ट्यूब अपलोड किया जाए।

अभी सिर्फ केस से जुड़े लोग ही देख पाते हैं

अभी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान उस केस से जुड़े लोग ही देख पाते हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ही कुछ पत्रकारों और बाकी लोगों को सुनवाई के दौरान कोर्ट रूम में एंट्री मिलती है। कोर्ट की परमिशन के बिना कोई भी शख्स उसकी कार्यवाही को नहीं देख सकता है। अगर कोर्ट सीनियर एडवोकेट की पिटीशन पर सुनवाई के बाद लाइव टेलीकास्ट करने का फैसला देता है, तो ये एक ऐतिहासिक कदम होगा। बता दें कि इंटरनेशनल कोर्ट की सुनवाई का लाइव टेलीकास्ट किया जाता है। पिछले साल जब कुलभूषण जाधव केस की सुनवाई इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) में की गई थी, तो उसको भी लाइव दिखाया गया था। 

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