मक्खन लगा कर पत्नी को तंदूर में जलाने वाले सुशील शर्मा को रिहा करने के आदेश

मक्खन लगा कर पत्नी को तंदूर में जलाने वाले सुशील शर्मा को रिहा करने के आदेश

Bhaskar Hindi
Update: 2018-12-21 13:48 GMT
मक्खन लगा कर पत्नी को तंदूर में जलाने वाले सुशील शर्मा को रिहा करने के आदेश
हाईलाइट
  • कोर्ट ने शर्मा को फौरन रिहा करने का आदेश दिया है।
  • नैना साहनी तंदूरकांड के आरोपी सुशील कुमार शर्मा को दिल्ली हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है।
  • शर्मा ने अपनी पत्नी नैना की हत्या कर उसके शरीर को तंदूर में भून दिया था।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल दहला देने वाले नैना साहनी तंदूरकांड के आरोपी सुशील कुमार शर्मा को दिल्ली हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने शर्मा को फौरन रिहा करने का आदेश दिया है। इससे पहले 2000 में ट्रायल कोर्ट ने उन्हें फांसी की सजा सुनाई थी, जिसे हाईकोर्ट ने जारी रखा था। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को बदलते हुए शर्मा को राहत दी थी और सजा को उम्रकैद में बदल दिया था। बता दें कि 1995 में सुशील शर्मा ने अपनी पत्नी नैना की हत्या कर उसके शरीर को तंदूर में भून दिया था। 

शर्मा ने दिल्ली हाईकोर्ट में रिहाई को लेकर एक याचिका दायर की थी। 56 वर्षीय सुशील ने इस याचिका में कहा था कि वह 23 साल से जेल में हैं और इसमें अगर माफी की अवधी भी जोड़ दी जाए, तो वह जेल में 29 साल से बंद हैं। जबकि उम्रकैद की सजा काट रहे अपराधी को 20 साल और उससे भी ज्यादा घृणित अपराध करने वाले 25 साल में रिहा कर दिया जाता है। ऐसे में उन्हें इतने दिन तक जेल में रखा जाना अवैध है। इसके बाद कोर्ट ने एक्शन लेते हुए दिल्ली सरकार को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा था कि किसी व्यक्ति को 29 साल तक कैद में कैसे रखा जा सकता है और उन्हें अभी तक रिहा क्यों नहीं किया गया। 

बता दें कि सुशील शर्मा दिल्ली युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष हैं। साल 1995 में सुशील ने अपनी पत्नी नैना सहनी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। सुशील को शक था कि नैना का किसी दूसरे व्यक्ति से अवैध संबंध है। इसके बाद सुशील ने शव को काटकर दिल्ली के गोल मार्केट स्थित एक रेस्तरां के तंदूर में भूनने का प्रयास किया था। इतना ही नहीं उन्होंने नैना के शव पर मक्खन भी लगा दिया था। जब वह शव को भून रहा था, तभी एक सब्जी बेचने वाली महिला अनारो की नजर तंदूर से निकलते आग की लपटों पर पड़ी। अनारो को लगा कि रेस्तरां में आग लग गई है और वह चिल्लाने लगी। उनकी आवाज सुन वहीं मौजूद दिल्ली पुलिस का एक सिपाही अब्दुल नजीर तंदूर की तरफ भागा। नजीर तंदूर के पास जैसे ही पहुंचा, उसके पैरों तले जमीन खिसक गई।

हत्या के बाद सुशील मौके से फरार हो गया था। हालांकि पुलिस ने कुछ समय बाद सुशील को धड़ दबोचा था। तंदूर हत्याकांड से जाना जाने वाला यह मामले उन हाईप्रोफाइल मर्डर केस में से है, जिसमें DNA मैच और बार-बार पोस्टमार्टम कराने की जरूरत पड़ी थी। हालांकि कुछ समय बाद दिल्ली यूथ कांग्रेस के एक नेता मतलूब करीम ने कबूल किया था कि जिस महिला को भूना गया वह सुशील शर्मा की पत्नी नैना सहनी थीं। 

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