अमित शाह ने कहा- NRC और NPR के बीच कोई संबंध नहीं, विपक्ष फैला रहा भ्रम

अमित शाह ने कहा- NRC और NPR के बीच कोई संबंध नहीं, विपक्ष फैला रहा भ्रम

Bhaskar Hindi
Update: 2019-12-24 13:55 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मंगलवार को नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (NRC) और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) के बीच किसी भी तरह के संबंध होने की बात को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने विपक्षी दलों पर NPR को लेकर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया।

शाह ने कहा, "मैं आज यह स्पष्ट रूप से कहता हूं कि NRC और NPR के बीच कोई संबंध नहीं है।" उन्होंने कहा, "पूरे भारत में NRC पर बहस करने की कोई आवश्यकता नहीं है।  उन्होंने कहा कि "पीएम मोदी सही कह रहे हैं, इस पर अभी तक मंत्रिमंडल या संसद में कोई चर्चा नहीं हुई है। जहां तक पार्टी के घोषणापत्र  की बात है, तो संसद में चर्चा होना और पार्टी के घोषणापत्र में शामिल होने अलग-अलग बात हैं।" 

उन्होंने कहा कि एनपीआर की जरूरत इसलिए है कि हर 10 साल में अंतरराज्यीय स्तर पर जनगणना में जबर्दस्त उथल-पुथल होती है। एक राज्य के लोग दूसरे राज्य में जाकर बस जाते हैं। जो लोग दूसरे राज्य में बसे हैं, उनकी जरूरतों के मुताबिक योजनाओं का आधार एनपीआर होगा।

शाह ने कहा, "यूपीए सरकार ने 2004 में एक कानून बनाया और 2010 की जनगणना के साथ एनपीआर सर्वे हुआ। इस बार फिर जनगणना के साथ एनपीआर की प्रक्रिया भी पूरी की जाएगी। इसके अंदर देश में रहने वाला हर कोई भी व्यक्ति एक ऐप में अपनी जानकारी देगा।"

शाह ने विपक्ष पर NPR को लेकर भ्रम फैलाने का भी आरोप लगाया। शाह ने कहा, "मुझे समझ नहीं आ रहा है कि किस तरह की राजनीति खेल रही है। विपक्ष डर का माहौल बनाने की कोशिश कर रहा है। किसी अल्पसंख्यक को एनपीआर से डरने की कोई जरूरत नहीं हैं।"

शाह ने कहा, "यह संभव है कि एनपीआर में कुछ नाम छूट गए हों, फिर भी उनकी नागरिकता को रद्द नहीं किया जाएगा क्योंकि यह एनआरसी की प्रक्रिया नहीं है। NRC एक अलग प्रक्रिया है। मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि एनपीआर की वजह से कोई भी नागरिकता नहीं खोएगा।"

नागरिकता संशोधन कानून पर सरकार की तरफ से संवाद में कमी पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि "हमारी तरफ से कुछ तो कमी रही होगी, मुझे यह स्वीकार करने में कोई समस्या नहीं है। मगर संसद में मेरा भाषण देख लीजिए, उसमें मैंने सब स्पष्ट कर दिया था कि नागरिकता जाने का कोई सवाल नहीं है।"

 

 

अमित शाह ने केरल और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्रियों के एनपीआर लागू करने से इनकार करने पर कहा, "मैं विनम्रतापूर्वक दोनों मुख्यमंत्रियों से अपील करता हूं कि ऐसा कोई कदम न उठाएं और अपने फैसलों की समीक्षा करें। सिर्फ अपनी राजनीति के लिए गरीबों को विकास के कार्यक्रमों से दूर न रखें।"

ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के नागरिकता संशोधन कानून की आलोचना पर अमित शाह ने कहा, "अगर हम कहें कि सूर्य पूर्व से उगता है तो ओवैसी जी कहेंगे कि सूर्य पश्चिम से उगता है। फिर भी मैं उन्हें फिर से विश्वास दिलाता हूं कि नागरिकता संशोधन कानून का NRC से कोई लेना-देना नहीं है।"

डिटेंशन सेंटर को लेकर पूछे सवाल पर अमित शाह ने कहा कि "दूसरे देश से गैर कानूनी तरीके से आने वालों को जेल में नहीं रखा जा सकता है, उसको डिटेंशन सेंटर में रखा जाता है।" उन्होंने कहा, "डिटेंशन सेंटर का एनआरसी से कोई  लेना देना नहीं हैं।" शाह ने कहा कि असम में सिर्फ एक डिटेंशन सेंटर है। हालांकि इसको लेकर मैं कंफर्म नहीं हूं, लेकिन इतना साफ कर देता हूं कि जो भी डिटेंशन सेंटर हैं, वो मोदी सरकार में नहीं बनाए गए हैं।"

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