रक्षा और गृह मंत्रालय ने कहा- सेना और पुलिस में 'मॉर्टर' या 'शहीद' जैसा कोई शब्द नहीं

रक्षा और गृह मंत्रालय ने कहा- सेना और पुलिस में 'मॉर्टर' या 'शहीद' जैसा कोई शब्द नहीं

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-15 18:22 GMT
रक्षा और गृह मंत्रालय ने कहा- सेना और पुलिस में 'मॉर्टर' या 'शहीद' जैसा कोई शब्द नहीं

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सेना या पुलिस के शब्दकोष में "मार्टर" या "शहीद" जैसा कोई शब्द नहीं है। यह जानकारी रक्षा और गृह मंत्रालय ने खुद दी है। एक RTI आवेदन के जवाब में इन विभाग से यह जानकारी हासिल हुई है। इसमें कहा गया है कि सेना और पुलिस में किसी भी कार्रवाई के दौरान मारे गए सैनिक या पुलिसकर्मी के लिए "शहीद" और "मॉर्टर" शब्द यूज नहीं किया जाता, इसकी बजाय "बैटल कैजुअल्टी" या "ऑपरेशन कैजुअल्टी" का उपयोग किया जाता है। 

केंद्रीय सूचना आयोग के पास एक RTI आवेदन आया था, जिसमें जानकारी मांगी गयी थी कि कानून और संविधान के मुताबिक ‘शहीद’ या "मॉर्टर"  शब्द का अर्थ और परिभाषा क्या है? आरटीआई आवेदन में इस बात की भी जानकारी मांगी गई थी कि इन शब्दों के इस्तेमाल पर लगाम लगाने के लिये कानूनी प्रावधान और उल्लंघन पर क्या सजा है।

काफी दिनों तक यह आवेदन गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के अलग-अलग विभागों में स्थानांतरित हुआ लेकिन इसका संतोषजनक जवाब आवेदनकर्ता को नहीं मिल पाया। संतोषजनक प्रतिक्रिया नहीं मिलने पर आवेदनकर्ता ने CEC से संपर्क किया। बता दें कि CEC सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत सर्वोच्च अपीली प्राधिकार है।

इस RTI आवेदन के जवाब में सूचना आयुक्त यशोवर्धन आजाद ने रक्षा और गृह मंत्रालय से जवाब मांगा। जवाब हासिल होने पर उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रालय की ओर से आए अधिकारी ने बताया है कि उनके मंत्रालय में ‘शहीद’ या ‘मॉर्टर’ शब्द इस्तेमाल नहीं किया जाता। वे ‘बैटल कैजुअल्टी’ का इस्तेमाल करते हैं। वहीं गृह मंत्रालय की ओर से आए अधिकारी ने बताया कि गृह मंत्रालय में भी शहीद’ या ‘मॉर्टर’ शब्द इस्तेमाल नहीं किए जाते। यहां ‘ऑपरेशन्स कैजुअल्टी’ शब्द का इस्तेमाल होता है। सूचना आयुक्त ने यह भी बताया कि ‘बैटल कैजुअल्टी’ और ‘ऑपरेशन्स कैजुअल्टी’ के मामलों को घोषित करने का फैसला कोर्ट ऑफ इंक्वायरी की रिपोर्ट आने के बाद लिया जाता है।

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