तेजस्वी बोले- लालू की जान को खतरा, गिरिराज ने कहा- जैसी करनी, वैसी भरनी

तेजस्वी बोले- लालू की जान को खतरा, गिरिराज ने कहा- जैसी करनी, वैसी भरनी

Bhaskar Hindi
Update: 2018-03-24 08:27 GMT
तेजस्वी बोले- लालू की जान को खतरा, गिरिराज ने कहा- जैसी करनी, वैसी भरनी

डिजिटल डेस्क, रांची। चारा घोटाले से जुड़े दुमका ट्रेजरी केस में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के चीफ लालू प्रसाद यादव को 14 साल की सजा सुनाए जाने पर उनके बेटे तेजस्वी यादव ने इसे बीजेपी और जेडीयू की साजिश बताया है। बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने शनिवार को CBI कोर्ट के फैसले के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि लालू जी को बीजेपी और जेडीयू ने फंसाया है और उनकी जान को खतरा है। वहीं मोदी सरकार में मंत्री गिरिराज सिंह ने इसे जैसी करनी, वैसी भरनी बताया है।

लालू जी की जान को खतरा : तेजस्वी

फैसले के बाद बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि "CBI कोर्ट के फैसले को हम हाईकोर्ट में चुनौती देंगे और चारों फैसलों को पढ़ने के बाद इस पर कानूनी कार्रवाई की रणनीति तैयार की जाएगी।" उन्होंने आगे कहा कि "मुझे इस बात की चिंता है कि अब लालू जी की जान को खतरा है और बीजेपी इसकी साजिश रच रही है।" 

 



जैसी करनी, वैसी भरनी : गिरिराज

वहीं लालू को 7-7 साल की सजा सुनाए जाने के बाद केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने इसे "जैसी करनी, वैसी भरनी" करार दिया है। उन्होंने कहा कि "कानून अपना काम करता है और मैं इस पर कुछ कहना नहीं चाहता। ये किसी पार्टी का फैसला नहीं है।"

लालू ने पशुओं को भी नहीं बख्शा : जेडीयू

जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि लालू जी ने तो पशुओं को भी नहीं बख्शा। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि "लालू और उनके परिवार के लिए ये मुश्किल वक्त है। लालू प्रसाद यादव को भ्रष्टाचार को लेकर चिंतन करना चाहिए कि उनकी गलतियों का खामियाजा राज्य के लोगों को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने अपने राज में कितने गलत फैसले लिए, जिसकी मार बिहार की जनता पर पड़ी।" राजीव ने आगे कहा कि "लालू जी के राज में बिहार में पशुओं पर भी रहम नहीं किया गया।"

चारा घोटाला : लालू यादव को 14 साल की सजा, 60 लाख का जुर्माना लगा

लालू को मिली है 7-7 साल की सजा

चारा घोटाले से जुड़े दुमका ट्रेजरी केस में लालू यादव अलग-अलग धाराओं के तहत 7-7 साल की सजा और 30-30 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। 3 करोड़ 13 लाख रुपए के इस घोटाले में लालू को कुल मिलाकर 14 साल की कैद और 60 लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई है। कोर्ट में मौजूद वकील विष्णु कुमार शर्मा ने बताया कि "उन्हें घोटाले में 7-7 साल की कैद और 30-30 लाख के जुर्माने की सजा सुनाई है और दोनों सजाएं अलग-अलग चलेंगी। इस हिसाब से लालू को 14 साल की कैद और 60 लाख रुपए जुर्माने की सजा हुई है। अगर लालू जुर्माना नहीं भरते हैं, तो उन्हें 1-1 साल की कैद और होगी।"

क्या है दुमका ट्रेजरी केस? 

जानकारी के मुताबिक, RJD चीफ लालू प्रसाद यादव पर आरोप है कि उन्होंने 96 फर्जी वाउचर के जरिए साल 1995-1996 के बीच दुमका ट्रेजरी से 3 करोड़ 13 लाख रुपए अवैध रूप से निकाले। इन पैसों को जानवरों के खाने-पीने का सामान, दवाईयां और एग्रीकल्चर इक्यूपमेंट्स के नाम पर निकाला गया। उस दौरान इस दुमका ट्रेजरी से सिर्फ 1 लाख 50 हजार रुपए तक ही निकाले जा सकते थे। ये सब तब हुआ जब लालू प्रसाद यादव बिहार के मुख्यमंत्री थे और इस केस में लालू के अलावा पूर्व सांसद आरके राणा, जगन्नाथ मिश्रा समेत 31 लोगों को आरोपी बनाया गया था। कोर्ट ने 19 मार्च को फैसला सुनाते हुए जगन्नाथ मिश्रा समेत 12 को बरी कर दिया था, जबकि लालू यादव समेत 19 लोगों को दोषी पाया था।

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