Toolkit Case: दिशा रवि की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित, 23 फरवरी को आएगा फैसला, जानें कोर्ट में क्या हुआ

Toolkit Case: दिशा रवि की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित, 23 फरवरी को आएगा फैसला, जानें कोर्ट में क्या हुआ

Bhaskar Hindi
Update: 2021-02-20 12:46 GMT
Toolkit Case: दिशा रवि की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित, 23 फरवरी को आएगा फैसला, जानें कोर्ट में क्या हुआ
हाईलाइट
  • कोर्ट ने कल न्यायिक हिरासत में भेजा था
  • पटियाला हाउस कोर्ट में हुई सुनवाई
  • जमानत अर्जी पर तीन घंटे चली बहस
  • ‘टूलकिट’ मामले में दिशा को बेंगलुरू से गिरफ्तार किया था

डिजिडल डेस्क, नई दिल्ली। टूलकिट मामले में क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि की जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। एडिशनल सेशन जज धर्मेंद्र राणा की बेंच अब मंगलवार को फैसला सुनाएगी। बता दें कि शुक्रवार को दिशा रवि ने बेल की अर्जी लगाई थी। कोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने कहा कि दिशा रवि को शान्तनु के साथ आमने सामने बैठाकर पूछताछ करनी है। सरकारी वकील ने जमानत अर्जी का विरोध किया।

दिल्ली पुलिस का कहना
दिल्ली पुलिस की तरफ से कहा गया कि इस मामले में कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं, जिन्हें हम सील बंद लिफाफे में देना चाहते हैं। इस पर जज ने कहा कि आप दस्तावेज दाखिल कर करें। जज ने पूछा कि दिशा रवि को किन धाराओं में गिरफ्तार किया गया है, इस पर दिल्ली पुलिस ने दस्तावेज सौंपे।

दिल्ली पुलिस ने कहा कि मो धालीवाल की तरफ से सोशल मीडिया पर खालिस्तान समर्थन में पेज बनाया गया। पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन ने किसानों के आंदोलन का इस्तेमाल किया और भारत की छवि खराब करने की कोशिश की. कनाडा का पोएटिक जस्टिक फाउंडेशन से जुड़ा धालीवाल भारत मे किसानों की आड़ में माहौल खराब करने की फिराक में था। अगर वो सीधे कोई कार्रवाई करता तो एक्सपोज़ हो जाता इसलिए उसने भारत में कुछ चेहरों का सहारा लिया। पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन लगातार भारत के खिलाफ उसकी छवि को खराब करने की कोशिश करता है।

दिशा के वकील ने दी सफाई
वहीं दिशा रवि के वकील सिद्धार्थ अग्रवाल ने कोर्ट में कहा कि मेरे मुवक्किल दिशा रवि का खालिस्तान से कोई संबंध नहीं है। उसका सिख फॉर जस्टिस या पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन (पीजेएफ) से भी कोई संबंध नहीं है। इस मामले में यह साफ है कि अगर आप विरोध करेंगे तो राजद्रोह का केस लग जाएगा।

‘टूलकिट’ मामले में दिशा को बेंगलुरू से गिरफ्तार किया था
दरअसल, दिल्ली पुलिस ने दिशा रवि को ग्रेटा थनबर्ग द्वारा साझा किए गए किसानों के आंदोलन का समर्थन करने वाले ‘टूलकिट’ मामले में 13 फरवरी को दिशा को बेंगलुरू से गिरफ्तार किया था। इसके बाद दिल्ली पुलिस शुक्रवार को दिशा को लेकर कोर्ट पहुंची। उसकी 5 दिन की रिमांड 19 फरवरी को खत्म हो रही थी। इसलिए पुलिस ने कोर्ट से 3 दिन की और रिमांड मांगी थी। पटियाला हाउस कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की मांग को मंजूर करते हुए यह आदेश दिए थे।

दिशा रवि के समर्थन में ग्रेटा थनबर्ग ने किया ट्वीट
दिशा रवि के समर्थन में स्वीडन की इंटरनेशनल क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने शुक्रवार को ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा कि बोलने की आजादी और शांतिपूर्ण विरोध के अधिकार के साथ कोई समझौता नहीं हो सकता। किसी भी लोकतंत्र में यह मूल अधिकार होना चाहिए। ग्रेटा ने Fridays For Future के एक ट्वीट पर रिप्लाई करते हुए यह बात लिखी, जिसमें उन्होंने #StandWithDishaRavi हैशटैग किया था। 

ग्रेटा 3 फरवरी को किसान आंदोलन से जुड़ी टूलकिट ट्वीट की थी
ग्रेटा इससे पहले ने 3 फरवरी को ट्विटर पर किसान आंदोलन से जुड़ी टूलकिट शेयर की थी। इसके अगले दिन उन्होंने एक द्वीट कर कहा था कि कोई भी ताकत उन्हें किसानों का समर्थन करने से रोक नहीं सकती। दिल्ली पुलिस का कहना है कि दिशा रवि के साथ-साथ शांतनु मुलुक और निकिता जैकब ने किसान आंदोलन से जुड़ी इस टूल किट को एडिट किया था।

Tags:    

Similar News