तस्करी कर राजस्थान ले जाई गई त्रिपुरा की लड़की वापस परिवार को मिली (आईएएनएस इम्पैक्ट)

तस्करी कर राजस्थान ले जाई गई त्रिपुरा की लड़की वापस परिवार को मिली (आईएएनएस इम्पैक्ट)

IANS News
Update: 2020-07-16 15:00 GMT
तस्करी कर राजस्थान ले जाई गई त्रिपुरा की लड़की वापस परिवार को मिली (आईएएनएस इम्पैक्ट)
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अगरतला, 16 जुलाई (आईएएनएस)। महीनों बाद आखिरकार त्रिपुरा की एक 14 वर्षीय लड़की का अपने परिवार से मिलन हो गया, जिसे तस्करी का शिकार बनाकर राजस्थान में एक शख्स को बेच दिया गया था। वह बुधवार को उत्तरी त्रिपुरा के उनाकोटि जिले के उत्तर रताचेरा में अपने परिवार से मिली।

त्रिपुरा हाईकोर्ट ने गरीबी की मार झेल रही नाबालिग की राजस्थान में शादी के लिए बिक्री पर आईएएनएस की एक रिपोर्ट का संज्ञान लिया था। जयपुर में अधिकारियों ने मंगलवार को उसे त्रिपुरा के चार सदस्यीय अधिकारियों की टीम को सौंप दिया।

उनाकोटि के जिला पुलिस अधीक्षक (डीएसपी) रतिरंजन देवनाथ ने कहा कि लड़की बुधवार शाम अधिकारियों के साथ कैलाशहर (उनाकोटि जिला मुख्यालय) लौट आई। उन्होंने कहा कि बाद में उसे उसके परिवार से मिलाने ले जाया गया।

डीएसपी ने आईएएनएस को फोन पर बताया, कोविड -19 प्रोटोकॉल के अनुसार, वह कैलाशहर में 14 दिनों के लिए संस्थागत क्वांरटीन में रहेगी।

उन्होंने कहा कि वह राजस्थान में कोरोनोवायरस जांच में पॉजिटिव पाई गई थी, लेकिन ठीक हो गई। उसे राजस्थान में चिकित्सा प्रमाण पत्र जारी किया गया था।

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के समक्ष मामला उठाने वाले राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (आरएससीपीसीआर) के सदस्य शैलेंद्र पंड्या ने कहा, मुझे खुशी है कि एक भयावह समय के बाद वह अपने परिवार से फिर मिल गई है।

किशोरी की तकलीफों को आईएएनएस ने 16 जून को उजागर किया। उसके बाद उसे राजस्थान के झुंझुनू में स्वधारा महिला होम में भेज दिया गया। त्रिपुरा हाईकोर्ट ने रिपोर्ट का संज्ञान लिया और त्रिपुरा सरकार, त्रिपुरा राज्य मानवाधिकार आयोग, उनाकोटि जिला मजिस्ट्रेट और एनसीपीसीआर सहित छह प्राधिकारियों को नोटिस जारी किए।

नोटिस जारी करते हुए, एक डिवीजन बेंच, जिसमें मुख्य न्यायाधीश अकिल कुरैशी और न्यायमूर्ति सुभाशीष तलपत्रा शामिल थे, ने कहा, हम केवल लड़की की वर्तमान मानसिक स्थिति की कल्पना कर सकते हैं। हम सभी संबंधित अधिकारियों से अनुरोध करेंगे कि वे नाबालिग लड़की की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उचित तरीके सुझाएं।

मामला तब सामने आया जब लड़की अपने पति के घर से भाग गई। व्यक्ति ने 2 मई को मंडावा पुलिस स्टेशन में एक गुमशुदगी दर्ज कराई, जिसमें दावा किया गया कि उसकी पत्नी लापता हो गई है।

पुलिस ने 4 मई को उसका पता लगाया। लेकिन लड़की ने उस व्यक्ति के साथ जाने से इनकार कर दिया और सुरक्षा मांगी। तब झुंझुनू उप-मंडल मजिस्ट्रेट ने उसे आश्रय गृह में रखने का आदेश दिया। लड़की के पिता की पांच महीने पहले त्रिपुरा में मृत्यु हो गई थी।

एनसीपीसीआर ने उनाकोटि के डीएसपी को भी किशोरी पर रिपोर्ट देने को कहा था। झुंझुनू एसडीएम ने मंडावा पुलिस को मामले की फिर से जांच करने के लिए कहा, वहीं आरएससीपीसीआर ने बाल कल्याण समिति को पति के खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम, यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम और तस्कररोधी कानून के तहत प्राथमिकी दर्ज करने को कहा।

पांड्या ने कहा कि लड़की ने पुलिस को दिए अपने बयान में कहा कि उसे झुंझुनू में 1.5 लाख रुपये में बेचा गया था और कुछ महीनों तक घर में बंद रखा गया था।

उन्होंेने कहा कि चूंकि वह 10 सप्ताह की गर्भवती थी, इसलिए काउंसलर को उसकी काउंसलिंग के लिए नियुक्त किया गया था। उसकी सहमति से इस महीने की शुरुआत में उसका गर्भपात करा दिया गया।

राजस्थान पुलिस ने मामले के सिलसिले में झुंझुनू में दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है।

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