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Update: 2018-04-13 15:42 GMT

डिजिटल डेस्क, जम्मू। जम्मू कश्मीर के फॉरेस्ट मिनिस्टर लाल सिंह और उद्योग मंत्री चंद्रप्रकाश गंगा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इन नेताओं ने कठुआ गैंगरेप मामले के आरोपियों का समर्थन किया था। दोनों ने जम्मू-कश्मीर बीजेपी अध्यक्ष सत शर्मा को अपना इस्तीफा सौंपा है। हालांकि अभी इनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है। शनिवार को होने वाली विधायक दल की बैठक में इस पर फैसला लिया जाएगा।

बीजेपी अध्यक्ष ने की इस्तीफे की पुष्टी
जम्मू-कश्मीर बीजेपी के अध्यक्ष सत शर्मा ने इस्तीफा सौंपे जाने की पुष्टी की है। सत शर्मा ने कहा, दोनों मंत्रियों से पार्टी ने इस्तीफा नहीं मांगा था। नैतिकता के आधार पर इन्होंने अपना इस्तीफा सौंपा है। शनिवार को राष्ट्रीय महासचिव राम माधव की मौजूदगी में होने वाली विधायक दल की बैठक में इस्तीफा स्वीकार करने पर फैसला लिया जाएगा। यहां हम आपको ये बता दें कि पिछले महीने इन दोनों मंत्रियों ने कठुआ में एक रैली को संबोधित करते हुए गैंगरेप केस के आरोपियों का बचाव किया था। यह रैली हिंदू एकता मंच ने आयोजित की थी। इस मामले में दोनों नेताओं से क्राइम ब्रांच ने भी पूछताछ की थी।

दबाव में दिया इस्तीफा
दोनों मंत्रियों के इस्तीफे के पीछे एक वजह ये भी मानी जा रही है कि गठबंधन सहयोगी पीडीपी और पीएमओ का दबाव था। पीडीपी विधायकों का कहना था कि भाजपा के इन मंत्रियों की वजह से पार्टी की छवि खराब हो रही है। इसका सीधा खामियाजा पार्टी को उठाना पड़ सकता था। पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की ओर से भी दोनों मंत्रियों को बर्खास्त करने में देरी पर सवाल उठाए गए थे। उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर सीएम महबूबा से उनपर कार्रवाई करने की मांग की थी।  

क्या है पूरा मामला?
दरअसल, 10 जनवरी को जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले की हीरानगर तहसील के रसाना गांव से एक 8 साल की बच्ची अगवा हो गई थी। इस बच्ची के साथ कई दिनों तक रेप किया गया और बाद में उसकी हत्या कर दी गई। गांव के जंगलों में बच्ची की लाश पड़ी मिली थी। जानकारी के मुताबिक, बच्ची को अगवा करके गांव के एक धार्मिक स्थल में रखा गया था, जहां उसे बार-बार नशा दिया और कई बार रेप किया गया। बच्ची को अपनी हवस का शिकार बनाने के बाद आरोपियों ने पहले बच्ची का गला घोंटा और बाद में उसके सिर पर पत्थर मार कर उसकी हत्या कर दी। 

 

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