आपराधिक जांच के लिए नहीं किया जा सकता आधार के बायोमेट्रिक डाटा का इस्तेमाल : UIDAI

आपराधिक जांच के लिए नहीं किया जा सकता आधार के बायोमेट्रिक डाटा का इस्तेमाल : UIDAI

Bhaskar Hindi
Update: 2018-06-22 17:21 GMT
आपराधिक जांच के लिए नहीं किया जा सकता आधार के बायोमेट्रिक डाटा का इस्तेमाल : UIDAI
हाईलाइट
  • आधार अधिनियम की धारा 33 में सीमित छूट दी गई है।
  • आधार का इस्तेमाल आपराधिक जांच में नहीं किया जा सकता है।
  • आधार की बायोमेंट्रिक सूचना का इस्तेमाल उस स्थिति में किया जा सकता है जब राष्ट्रीय सुरक्षा का मसला हो।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आधार का इस्तेमाल आपराधिक जांच में नहीं किया जा सकता है। शुक्रवार को भारतीय विश्ष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) की तरफ से ये बात कही गई है। UIDAI की तरफ से ये बयान राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के उस बयान के बाद सामने आया है, जिसमें उन्होंने पुलिस को आधार डेटा का लिमिटेड एक्सेस दिए जाने की बात कही थी।

 



धारा 29 में बायोमेट्रिक सूचना के इस्तेमाल का जिक्र
UIDAI ने कहा कि आधार अधिनियम 2016 की धारा 29 के तहत आधार की बायोमेट्रिक सूचनाओं का इस्तेमाल आपराधिक जांच के लिए नहीं किया जा सकता है। हालांकि आधार अधिनियम की धारा 33 में सीमित छूट दी गई है। आधार की बायोमेंट्रिक सूचना का इस्तेमाल उस स्थिति में किया जा सकता है जब राष्ट्रीय सुरक्षा का मसला हो, लेकिन इसके लिए भी मंत्रिमंडलीय सचिव की अध्यक्षता वाली समिति की मंजूरी जरूरी है। 

सूचना किसी भी एजेंसी से साझा नहीं
वहीं UIDAI ने साफ किया कि आधार की सूचनाएं किसी भी आपराधिक जांच एजेंसी के साथ साझा नहीं की गई हैं। बायोमेट्रिक सूचनाओं का इस्तेमाल महज आधार बनाने और आधारधारक के सत्यापन के लिए किया जा सकता है। इसके अलावा किसी भी अन्य उद्देश्य के लिए इनका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। 

NCRB डायरेक्टर का प्रस्ताव
बता दें कि गुरुवार को नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) के डायरेक्टर इश कुमार ने पुलिस को आधार डेटा का लिमिटेड एक्सेस दिए जाने का प्रस्ताव रखा था। उन्होंने कहा था कि फर्स्ट टाइम अफेंडर्स और बिना शिनाख्त के शवों को ट्रेस करने में इससे मदद मिलेगी। एनसीआरबी डायरेक्टर का सुझाव ऐसे वक्त पर आया है, जब सुप्रीम कोर्ट में आधार की संवैधानिक वैधता पर सुनवाई चल रही है। इसमें निजता के अधिकार के हनन की बात कही गई है।  


 

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