राज्य में जीका वायरस को लेकर अलर्ट जारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को संदिग्ध मामलों पर नजर रखने का आदेश

उत्तर प्रदेश राज्य में जीका वायरस को लेकर अलर्ट जारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को संदिग्ध मामलों पर नजर रखने का आदेश

IANS News
Update: 2021-10-26 06:30 GMT
राज्य में जीका वायरस को लेकर अलर्ट जारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को संदिग्ध मामलों पर नजर रखने का आदेश

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में जीका वायरस को लेकर अलर्ट जारी किया है और सप्ताहांत में कानपुर में पहला मामला सामने आने के बाद एक एडवाइजरी जारी की है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के महानिदेशक वेद व्रत सिंह द्वारा जारी एक आधिकारिक आदेश के अनुसार, राज्य के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को संदिग्ध मामलों पर नजर रखने के लिए कहा गया है, जबकि किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में प्रयोगशाला को परीक्षणों का संचालन करने के लिए लगाया गया है।

सिंह ने लोगों से अपील की है कि वे घबराएं नहीं और वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सरल लेकिन प्रभावी निवारक उपाय अपनाएं। जीका वायरस मुख्य रूप से एक संक्रमित एडीज प्रजाति के मच्छर (एई इजिप्टी और एई अल्बोपिक्टस) के काटने से लोगों में फैलता है। ये वही मच्छर हैं जो डेंगू और चिकनगुनिया भी फैलाते हैं। जीका वायरस केवल यौन संपर्क के माध्यम से लोगों के बीच संक्रामक है।

सीडीसी का सुझाव है कि जीका वायरस के लक्षण होने पर महिलाएं आठ सप्ताह तक और पुरुष छह महीने तक संक्रामक रहते हैं। जीका बुखार के लक्षणों और संकेतों में बुखार और ठंड लगना, जोड़ों में दर्द, त्वचा पर लाल चकत्ते और आंखे लाल होना शामिल हैं। हालांकि जीका बुखार सामान्य होता है, लेकिन यह अजन्मे बच्चों में गंभीर जन्म दोष पैदा कर सकता है।

(आईएएनएस)

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