Coronavirus: ट्रंप के बयान के बाद फिर खबरों में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन, जानिए Covid-19 के इलाज में कितनी कारगर है ये दवा?

Coronavirus: ट्रंप के बयान के बाद फिर खबरों में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन, जानिए Covid-19 के इलाज में कितनी कारगर है ये दवा?

Bhaskar Hindi
Update: 2020-04-07 09:52 GMT
Coronavirus: ट्रंप के बयान के बाद फिर खबरों में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन, जानिए Covid-19 के इलाज में कितनी कारगर है ये दवा?

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के एक बयान के बाद एंटी-मलेरिया ड्रग हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन एक बार फिर ख़बरों में है। दरअसल डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बीते दिनों फोन पर कोरोना वायरस पर चर्चा की थी। इस दौरान उन्होंने कोरोना वायरस से लड़ने में मददगार माने जाने वाली दवाई हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की सप्लाई फिर शुरू करने को कहा, लेकिन अब दो दिन के बाद ट्रंप ने कहा है कि अगर भारत ये मदद नहीं करता तो फिर उसका करारा जवाब दिया जाता।

हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन क्या है?
हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का उपयोग मलेरिया के इलाज के लिए किया जाता है। साथ ही इसका प्रयोग आर्थराइटिस के उपचार में भी होता है। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान दवा का आविष्कार किया गया था। जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी ल्यूपस सेंटर के अनुसार, मलेरिया रोधी दवा ने मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द, स्किन रैशेज, इंफ्लेमेशन ऑफ हर्ट, लंग लाइनिंग, थकान और बुखार जैसे लक्षणों  में सुधार दिखाया है। हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन को ब्रांड नाम प्लाक्वेनिल के तहत बेचा जाता है और जेनेरिक के रूप में उपलब्ध है।

क्या यह उपयोग करने के लिए सुरक्षित है?
पिछले दिनों भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने SARS-CoV-2 वायरस से होने वाली बीमारी Covid-19 के उपचार के लिए हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन के उपयोग का सुझाव दिया था। इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च के महानिदेशक बलराम भार्गव ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की कोरोना वायरस संक्रमण के संदिग्ध या संक्रमित मरीजों की देखभाल करने वाले स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, जिनमे डॉक्टर, नर्से, सफाई कर्मचारी, हेल्पर आदि के इलाज के लिए सिफारिश की थी। इस दवा के साइड इफेक्ट भी है। दवा के साइड इफेक्ट्स में हार्ट ब्लॉक, हार्ट रिदम डिस्टर्बेंस, चक्कर आना, जी मिचलाना, मतली, उल्टी और दस्त हो सकते हैं। इसके अलावा इस दवा को अधिक या इसकी ओवरडोज लेने से दौरे भी पड़ सकते हैं या मरीज बेहोश हो सकता है।

एक व्यक्ति की मौत
21 मार्च को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन और एज़िथ्रोमाइसिन के कोरोना से बचने के लिए, इन दवाओं के कॉकटेल के रूप में इस्तेमाल करने की बात कही थी। इसके बाद एरिजोना में एक व्यक्ति और उसकी पत्नी ने मछली के टैंकों को साफ करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एडिटिव क्लोरोक्विन फॉस्फेट ले लिया। इससे उस व्यक्ति की मृत्यु हो गई, जबकि उसकी पत्नी हालत गंभीर है। इसके बाद, नेशनल इंस्टिट्यूट फॉर एलर्जीस ऐंड इन्फेक्शियस डिसीज के प्रमुख डॉ. एंथोनी फाउची ने सफाई दी थी कि ट्रंप के बयान किसी क्लिनिकल ट्रायल पर आधारित नहीं हैं बल्कि ये सिर्फ अनुमान हैं। डॉ. एंथनी फाउची के मुताबिक, सिर्फ शुरुआती परीक्षणों के आधार पर किसी दवा को मंजूरी नहीं दी जा सकती है।

कोरोना के इलाज में कितनी कारगर है हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन?
फ्रांस में कोरोनोवायरस के 40 रोगियों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दिया गया था। इसके बाद उनमें से आधे से अधिक मरीजों की तीन से छह दिनों के भीतर तबियत ठीक होने लगी। स्टडी में सामने आया कि मलेरिया-रोधी दवा, कोरोनावायरस के संक्रमण को धीमा कर सकती है। ये वायरस को कोशिकाओं में प्रवेश करने से रोकती है। लेकिन हाल ही में चीन की एक रिसर्च में सामने आया कि एक मरीज को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दिए जाने के बाद उसकी हालत बहुत खराब हो गई। जबकि चार रोगियों के लिवर परत इसका प्रभाव पड़ा। हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दिए जाने के बाद इन मरीजों को डायरिया भी हो गया।

कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में सेल बायोलॉजी की प्रोफेसर कैरीन ले रोच के मुताबिक, हाइड्रोक्लोरोक्वीन और क्लोरोक्वीन इंसानों की कोशिकाओं में अम्लीयता बढ़ा देते हैं। इससे वायरस के कोशिकाओं में प्रवेश करने की क्षमता पर असर पड़ता है। अगर वायरस कोशिकाओं के भीतर पहले से हैं तो उन्हें संख्या बढ़ाने से रोक देता है। प्रोफेसर कैरीन ले ने एएफपी से कहा, हालांकि, मुझे तमाम क्लीनिकल ट्रायल के नतीजे प्रकाशित होने का इंतजार है।तब तक इसके असरदार होेने की पुष्टि नहीं की जा सकती है।

भारत ने लगा थी दवा के एक्सपोर्ट पर रोक
कोरोना वायरस से लड़ने में मदद करने वाली मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन के निर्यात पर भारत सरकार ने रोक लगा दी थी। दवा की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए भारत ने ये रोक लगाई थी। वाणिज्य मंत्रालय के तहत आने वाले विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की ओर से जारी एक अधिसूचना में कहा गया था, "हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन और हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन बनाने वाले घटकों के निर्यात को तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है।" अधिसूचना में हालांकि, यह कहा गया था कि सरकार विदेश मंत्रालय की सिफारिश पर मानवीय आधार पर दवा के निर्यात की अनुमति देगी।

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