मूल्यांकन की डेडलाइन खत्म, नागपुर में भी नहीं जांच पाए मुबंई विवि की कॉपियां

मूल्यांकन की डेडलाइन खत्म, नागपुर में भी नहीं जांच पाए मुबंई विवि की कॉपियां

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-01 09:15 GMT
मूल्यांकन की डेडलाइन खत्म, नागपुर में भी नहीं जांच पाए मुबंई विवि की कॉपियां

डिजिटल डेस्क,नागपुर। परिणामों की लेट-लतीफी से चौतरफा किरकिरी झेल रहे मुंबई विश्वविद्यालय को राज्यपाल कार्यालय ने हर हाल में 31 जुलाई तक परिणाम घोषित करने के आदेश दिए थे। सोमवार को समय बीत गया, लेकिन धनवटे कॉलेज में जारी 2 लाख उत्तर पुस्तिकाओं में से बीते 10 दिनों में महज 5 हजार उत्तर पुस्तिकाएं ही जांची जा सकी है। 

दरअसल राज्यपाल कार्यालय से डेडलाइन मिलने के बाद मुंबई विवि ने नागपुर विश्वविद्यालय की मदद ली थी। धनवटे साइंस कॉलेज परिसर में इसके लिए केंद्र बनाया गया था। धनवटे कॉलेज के प्राचार्य डॉ. बबनराव तायवाडे की अध्यक्षता में इसके लिए समिति गठित की गई है और इस काम में 250 शिक्षकों को नियुक्त किया गया है।

इन कारणों से हुए फेल
मूल्यांकन पूरा न हो पाने पर सोमवार को नागपुर विश्वविद्यालय के कुलगुरु डॉ.सिद्धार्थ विनायक काणे ने सफाई दी है। उन्होंने पत्रकारों से दावा किया कि इस मूल्यांकन में नागपुर विवि का कोई सीधा दखल नहीं था। विवि ने सिर्फ अपने मूल्यांकनकर्ताओं को मूल्यांकन के लिए उपलब्ध कराया था, लेकिन इसके बाद मुंबई विश्वविद्यालय की ओर से कई तकनीकी कमियां रह गई, जिससे मूल्यांकन की रफ्तार धीमी पड़ गई। पहले तो मूल्यांकनकर्ताओं की जानकारी सिस्टम में फीड करने में समय बीता। फिर उत्तरपुस्तिकाओं की सॉफ्ट कॉपी सिस्टम में लोड होने में समय बर्बाद हुआ। इन्ही कारणों के चलते मूल्यांकन की रफ्तार धीमी रह गई।

ऐसी थी प्रक्रिया
मुंबई विश्वविद्यालय के विद्यार्थी परिणामों की धीमी गति से परेशान थे। राज्यपाल कार्यालय ने नाराजगी जताते हुए विवि को 31 जुलाई तक का अल्टीमेटम देकर रिजल्ट घोषित करने के आदेश जारी किए थे। इस सब के बावजूद मुंबई विश्वविद्यालय अपनी कॉमर्स समेत अन्य पाठ्यक्रमों की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन नहीं कर सका था। ऐसे में रिजल्ट समय पर आएगा या नहीं, यह तय नहीं था। इसके बाद मुंबई विवि ने नागपुर विवि की शरण ली थी। नागपुर विवि ऑनस्क्रीन प्रणाली से यह मूल्यांकन कर रहा था। सारा डाटा मुंबई विश्वविद्यालय को भेजा जाने वाला है।

Similar News