लोकसभा चुनाव 2024: बीजेपी अध्यक्ष नड्डा का कांग्रेस पर निशाना, एससी एसटी ओबीसी के अधिकार छीनकर मुसलमानों को देना चाहती है कांग्रेस

ANAND VANI
Update: 2024-04-26 13:04 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली।भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शुक्रवार को कांग्रेस पार्टी पर तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप लगाया।नड्डा ने कांग्रेस की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि कांग्रेस अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) लोगों के अधिकार छीनकर मुसलमानों को देना चाहती है।नड्डा ने कांग्रेस पर इन समुदायों के हक मारने की मंशा को लेकर जोरदार हमला किया।

बीजेपी अध्यक्ष नड्डा ने अपने एक वीडियो संदेश में कहा यह कांग्रेस का छिपा हुआ एजेंडा है।कांग्रेस के घोषणापत्र में भी तुष्टिकरण की स्पष्ट झलक दिख रही है। कांग्रेस का मानना है कि देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि देश के संसाधनों पर पहला हक गरीबों का है।नड्डा ने इसके पक्ष में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के 2009 में दिए एक बयान को बताया। नड्डा ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 2009 में जानबूझकर यह बयान दिया था कि अल्पसंख्यकों, खासकर मुसलमानों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए और देश में संसाधनों पर पहला अधिकार उनका होना चाहिए। नड्डा ने कांग्रेस पर एससी एसटी और ओबीसी लोगों से नफरत करने का आरोप भी लगाया। क्योंकि देश में अधिकांश आबादी उनमें शामिल है।

नड्डा ने कहा कि कांग्रेस की यूपीए सरकार के समय तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने दिसंबर 2006 में नेशनल डेवलपमेंट काउंसिल को संबोधित करते हुए कहा था कि हमें यह सुनिश्चित करने के लिए नवीन योजनाएं बनानी होंगी कि अल्पसंख्यकों, विशेषकर मुस्लिम अल्पसंख्यकों को विकास के लाभों में समान रूप से साझा करने के लिए सशक्त बनाया जाए और संसाधनों पर उनका पहला दावा होना चाहिए। इसके पश्चात 2009 में भी तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मुंबई में एक प्रेस वार्ता के दौरान इसी बयान को फिर से दिया था।

बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि 2014 के चुनावी घोषणापत्र में भी कांग्रेस ने यही सब बातें कही थी और 2024 में भी फिर से वही वादे कर रही है। कर्नाटक में भाजपा सरकार ने धार्मिक आधार को समाप्त कर दिया था, लेकिन कांग्रेस की सरकार आते ही मुस्लिमों को पिछड़ा वर्ग समुदाय में शामिल कर आरक्षण दे दिया गया। कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में लिखा है कि देश में बहुसंख्यकवाद के लिए कोई स्थान नहीं है, मतलब कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र से स्पष्ट कर दिया है कि कांग्रेस को पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और जनजाति से कितनी नफरत है।

बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कांग्रेस ने सच्चर कमिटी की रिपोर्ट से यह दावा करने का प्रयास किया गया था कि देश में मुस्लिमों की स्थिति दलितों से भी दयनीय है, इससे यह स्पष्ट होता है कि कांग्रेस पार्टी मुस्लिम आरक्षण के लिए एक लंबे समय से पृष्ठभूमि तैयार कर रही थी। कांग्रेस की अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग के अधिकारों पर डाका डालने की यह आदत बहुत पुरानी है।

नड्डा ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के एक भाषण का उदाहरण देते हुए कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने 1951 में कहा था कि पिछले 20 वर्षों में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 2000 भाषण दिए हैं, लेकिन एक बार भी अनुसूचित जाति के कल्याण के बारे में बात नहीं की है। पंडित नेहरू हमेशा मुस्लिमों के पक्षधर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी यह कदापि नहीं चाहती कि देश में मुस्लिमों की उपेक्षा हो, लेकिन एससी, एसटी और ओबीसी जिन्हें ज्यादा सामजिक सुरक्षा की आवश्यकता है, उनके अधिकारों को छीन कर एक वर्ग विशेष का तुष्टिकरण नहीं करना चाहिए।

बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस ने राष्ट्रीय धार्मिक और भाषाई अल्पसंख्यक आयोग का गठन कर मुस्लिमों को भी जातियों में बांटने की साजिश की। कांग्रेस ने यह भी साजिश रची कि अगर कोई धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम बनता है, तो उसका अनुसूचित जाति का दर्जा बना रहे, साथ ही पिछड़ा वर्ग के 27 प्रतिशत आरक्षण में से 6 प्रतिशत काटकर मुस्लिमों को आरक्षण दिया गया। कांग्रेस की सरकार ने कोर्ट के कानून को बदलकर एएमयू, जामिया-मिलिया जैसे संस्थानों में पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और जनजाति के आरक्षण को भी खत्म किया। 1981 में कांग्रेस ने पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और जनजाति के आरक्षण को छीनने के लिए एएमयू (संशोधन) अधिनियम लाकर कोर्ट के फैसले को बदल दिया।

 

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