बांग्लादेश : पीएम के शीर्ष सहयोगी से जुड़ी रिपोर्ट पर संपादक पर मुकदमा

बांग्लादेश : पीएम के शीर्ष सहयोगी से जुड़ी रिपोर्ट पर संपादक पर मुकदमा

IANS News
Update: 2020-06-28 16:30 GMT
बांग्लादेश : पीएम के शीर्ष सहयोगी से जुड़ी रिपोर्ट पर संपादक पर मुकदमा

ढाका, 28 जून (आईएएनएस)। बांग्लादेश में दैनिक इंकलाब के संपादक पर डिजिटल सुरक्षा अधिनियम के तहत मुकदमा दायर किया गया है।

उनके खिलाफ यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि उन्होंने एक ऐसा कॉलम प्रकाशित किया था जिसमें प्रधानमंत्री के राजनीतिक सलाहकार को हटाने की बात सरकार से कही गई थी।

ए.एम.एम. बहाउद्दीन अपने पिता और दिवंगत राजनीतिज्ञ मौलाना मन्नान द्वारा शुरू किए गए दैनिक के संपादक हैं, जिन पर युद्ध अपराधों का आरोप लगाया गया था। पुलिस ने कहा कि दैनिक के रिपोर्टर स्टालिन सरकार पर भी मुकदमा दायर किया गया है।

मन्नान 1971 के बांग्लादेश युद्ध के दौरान हमलावर पाकिस्तानी सेना के एक महत्वपूर्ण सहयोगी थे। उन पर मानवता के खिलाफ अपराधों के आरोप लगे थे।

मन्नान ने पाकिस्तानी सशस्त्र बलों द्वारा किए गए नरसंहार और दुष्कर्म का समर्थन करते हुए कई बयान दिए थे। पाकिस्तानी सेना के सदस्यों के साथ उनके करीबी संबंध थे जो बांग्लादेशी बुद्धिजीवियों की हत्याओं में शामिल थे।

मन्नान की मृत्यु के बाद, उनके बेटे बहाउद्दीन ने दैनिक को संपादक के रूप में प्रकाशित करना जारी रखा और उन पर धर्मनिरपेक्ष व्यक्तियों और बुद्धिजीवियों के खिलाफ अपमानजनक व विकृत सामग्री प्रकाशित करने का आरोप लग चुका है।

दैनिक इंकलाब के खिलाफ मामला गुलशन पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया है। ड्यूटी ऑफिसर नजरुल इस्लाम ने कहा कि दैनिक द्वारा एच. टी. इमाम को हटाओ शीर्षक से गुरुवार को एक रिपोर्ट प्रकाशित की गई थी जिस पर वकील सौमित्र सरकार ने मामला दर्ज कराया है।

दैनिक ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के राजनीतिक सलाहकार एच.टी. इमाम के खिलाफ रिपोर्ट 26 जून को प्रकाशित की थी। इसे ऐसा माना गया कि इसमें एक तरह से सरकार को प्रधानमंत्री के राजनीतिक सलाहकार को हटाने का निर्देश दिया गया है।

वकील सौमित्र सरकार ने कहा, मुझे लगता है कि बांग्लादेश के प्रशासन के बारे में जो लिखा गया है, वह सरकार को अस्थिर करने की एक साजिश है। राज्य को अस्थिर करने और सरकार के खिलाफ असंतोष पैदा करने की साजिश के तहत रिपोर्ट में सरकार, संसद और शीर्ष सरकारी अधिकारियों के बारे में बेहद आक्रामक, गलत, विकृत, आधारहीन, अपमानजनक और आपत्तिजनक जानकारी दी गई है।

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