बिहार: विधानसभा चुनाव से पहले शिक्षकों को नीतीश सरकार का तोहफा, 22 फीसदी सैलरी बढ़ाई 

बिहार: विधानसभा चुनाव से पहले शिक्षकों को नीतीश सरकार का तोहफा, 22 फीसदी सैलरी बढ़ाई 

Bhaskar Hindi
Update: 2020-08-18 15:25 GMT
बिहार: विधानसभा चुनाव से पहले शिक्षकों को नीतीश सरकार का तोहफा, 22 फीसदी सैलरी बढ़ाई 

डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए नीतीश सरकार ने बड़ा दांव खेला है। मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में नीतीश सरकार ने नियोजित शिक्षकों की सैलरी 22 फीसदी बढ़ाने का फैसला लिया है। नियोजित शिक्षकों को 1 अप्रैल 2021 से बढ़ा हुआ वेतन मिलेगा। इस फैसले के बाद सरकार के खजाने पर 2765 करोड़ रुपये का बोझ बढ़ेगा। कैबिनेट में नियोजित शिक्षकों के लिए सेवा शर्त नियमावली पर भी मुहर लगा दी गई।

नई सेवा शर्त नियमावली के लागू होने के बाद नियोजित शिक्षकों को प्रमोशन और स्थानांतरण जैसी सुविधाओं का भी लाभ मिलेगा। माना जा रहा है कि 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के मौके पर नई सेवा शर्त नियमावली की अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। बिहार कैबिनेट के इस फैसले के बाद तकरीबन 3.5 लाख नियोजित शिक्षकों को इसका फायदा मिलेगा। बता दें कि 15 अगस्त को गांधी मैदान में अपने भाषण के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऐलान किया था कि नियोजित शिक्षकों के लिए नई सेवा शर्त नियमावली जल्द लागू की जाएगी।बिहार के नियोजित शिक्षक पिछले कई वर्षों से नई सेवा शर्त नियमावली के लागू होने की मांग कर रहे थे।

शिक्षकों के वेतन को 1560 करोड़ स्वीकृत
समग्र शिक्षा अभियान के तहत कार्यरत शिक्षकों के जुलाई और अगस्त के वेतन के लिए 1560 करोड़ जारी होंगे। कैबिनेट ने राशि जारी करने की स्वीकृति दे दी है। वहीं राज्य के प्रस्वीकृति प्राप्त 47 संस्कृति विद्यालयों में स्वीकृत पदों के विरुद्ध 15 फरवरी 2011 के पूर्व विधिवत रूप से नियुक्त शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मियों को छठे एवं सातवें वेतन संरचना के अनुरूप पुनरीक्षत दर से अनुदान देने की मंजूरी कैबिनेट ने दी है। वहीं पुनर्बहाल स्वीकृति प्राप्त संस्कृत विद्यालयों में 15 फरवरी 2011 के बाद स्वीकृत पद के विरुद्ध नियुक्त शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मियों को पांच मार्च 2019 के प्रभाव से नवीन वेतन संरचना में नए दर से वेतन की स्वीकृति दी गई। 

पांच सालों में 60 प्रतिशत वेतन बढ़ा
आरके महाजन ने कहा कि एक जुलाई 2015 में इन शिक्षकों के लिए वेतनमान लागू किया गया। उस समय 20 प्रतिशत वेतन वृद्धि की गई। 2017 में सातवें वेतनमान के अनुरूप 17 प्रतिशत की वेतन वृद्धि की गई। वर्तमान में ईपीएफ को मिलाकर करीब 20 प्रतिशत की वेतन वृद्धि की जा रही है। इस प्रकार पांच सालों में 60 प्रतिशत वेतन बढ़ा। 

ऐच्छिक स्तानांतरण का लाभ 
महिला और दिव्यांग शिक्षकों तथा पुस्तकालयाध्यक्षों को अपने नियोजन इकाई तथा अपने जिले से बाहर एक बार ऐच्छिक स्थानांतरण का लाभ मिलेगा। वहीं पुरुष शिक्षकों तथा पुस्तकालयाध्यक्षों को इसका लाभ आपसी सहमति (पारस्परिक) से मिलेगा। आरके महाजन ने कहा कि कई महिला शिक्षक थी, जो शादी से पहले से नियुक्त थी, पर बाद में उन्हें दिक्कत होने लगी। इस फैसले से ऐसी महिला शिक्षकों को भी काफी लाभ होगा। 

प्रोन्नति का लाभ
प्राथमिक से मध्य विद्यालय तथा माध्यमिक विद्यालय से उच्च माध्यमिक विद्यालय में योग्य शिक्षकों की प्रोन्नति होगी। मध्य और उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में 50 प्रतिशत पद प्रोन्नति से ही भरे जाएंगे। वे प्रचार्य भी बन सकेंगे।

 

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