बापू की डिग्री पर उपराज्यपाल ने उठाए सवाल, बापू के प्रपौत्र ने दिए महात्मा गांधी के पढ़ाई के सबूत, उपराज्यपाल को भेजी किताब

बापू की योग्यता पर सवाल बापू की डिग्री पर उपराज्यपाल ने उठाए सवाल, बापू के प्रपौत्र ने दिए महात्मा गांधी के पढ़ाई के सबूत, उपराज्यपाल को भेजी किताब

Dablu Kumar
Update: 2023-03-25 09:33 GMT
बापू की डिग्री पर उपराज्यपाल ने उठाए सवाल, बापू के प्रपौत्र ने दिए महात्मा गांधी के पढ़ाई के सबूत, उपराज्यपाल को भेजी किताब

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के बयानों का खंडन किया है। बीते गुरुवार को मनोज सिन्हा ने कहा था कि महात्मा गांधी के पास किसी भी विश्वविधालय की डिग्री नहीं थी और न ही बापू के पास लॉ की डिग्री थी। जिसके बाद उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के इस बयान पर दैनिक भास्कर ने महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी से बात की। इस दौरान तुषार गांधी ने मनोज सिन्हा के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जाहिलों को राज्यपाल बना देंगे तो यही नतीजा होगा। तुषार गांधी ने ट्विटर के माध्यम से भी मनोज सिन्हा पर जमकर हमला बोला है। 

तुषार गांधी ने ट्विटर के माध्यम से मनोज सिन्हा के बयानों का जवाब दिया है। उन्होंने ट्वीट किया- 'एम.के. गांधी ने राजकोट के अलफ्रेड हाईस्कूल से मैट्रिक पास की थी। साथ ही उन्होंने लंदन से भी मैट्रिक पास की। इसके बाद इनर टेम्पल से लॉ की डिग्री हासिल की थी। उसके साथ-साथ महात्मा गांधी ने दो- दो डिप्लोमा भी किए थे। इनमें एक डिप्लोमा लैटिन भाषा और दूसरा फ्रेंच भाषा में था। यह सभी बातें आत्मकथा में लिखी गई हैं।'

जानें पूरा मामला

दरअसल, यह पूरा मामला मध्य प्रदेश के ग्वालियर की आईटीएम यूनिवर्सिटी का है। जहां एक कार्यक्रम के दौरान जम्मू कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा ने गांधी जी की शैक्षणिक योग्यता के बारे में कहा कि महात्मा गांधी के पास लॉ की डिग्री नहीं थी। इस दौरान मनोज सिन्हा ने कहा कि कुछ लोग प्रतिकार भी करेंगे, लेकिन मैं तथ्यों के साथ आगे बात करूंगा। जिसके बाद एलजी ने कहा कि कौन कहेगा कि गांधी जी शिक्षित-प्रशिक्षित नहीं थे? लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनके (महात्मा गांधी) पास कोई यूनिवर्सिटी डिग्री या क्वालिफिकेशन नहीं थी। उनकी एकमात्र योग्यता हाई स्कूल डिप्लोमा थी। उनके पास बस यही एक डिप्लोमा था। जिसके बाद एलजी ने दावा किया कि महात्मा गांधी के पास लॉ की डिग्री नहीं होने के बावजूद भी उन्होंने लॉ प्रैक्टिस करने के लिए क्वॉलिफाई किया था। उन्होंने कहा कि वे केवल हाई स्कूल पास थे। बापू के पास यूनिवर्सिटी की योग्यता नहीं थी।

हालांकि उन्होंने अपने संबोधन के दौरान यह भी कहा था कि महात्मा गांधी के सामने कई चुनौतियां आई लेकिन उन्होंने सत्य को कभी नहीं त्यागा। उन्होंने हर बार अपनी अंतरध्वनि की बात सुनी। जिसकी वजह से वह राष्ट्रपिता बने।  

जिसके बाद तुषार गांधी ने ट्वीट किया कि "मैंने बापू की आत्मकथा की एक प्रति राजभवन जम्मू को इस उम्मीद के साथ भेजी है कि उपराज्यपाल पढ़ सकते हैं तो उन्हें इस बारे में जानकारी मिल जाएगी। साथ ही तुषार गांधी ने ट्विटर पर आगे लिखा कि मैं  सहमत हूं, बापू के पास पूरे कानून की डिग्री नहीं थी। तुषार गांधी अपने अगले ट्वीट में लिखते हैं कि कुछ लोग उन्हें  यह सुझाव दे रहे है कि वह उप राज्यपाल पर मुकदमा चलाए। राष्ट्रपति या राज्यपाल किसी भी कोर्ट के प्रति जवाब देह नहीं हैं। उन्होंने आगे लिखा कि पद पर रहते हुए राष्ट्रपति या राज्यपाल के खिलाफ कोई आपराधिक कार्यवाही नहीं की जाएगी। 

जम्मू कशमीर के उप राज्यपाल के ज्ञान वर्धन हेतु बापू की आत्मकथा इस संदेश के साथ राजभवन भेज दी है। 

 

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