आतंकवाद बनता जा रहा है बड़ा चुनावी मुद्दा!

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 आतंकवाद बनता जा रहा है बड़ा चुनावी मुद्दा!

IANS News
Update: 2022-02-23 14:04 GMT
आतंकवाद बनता जा रहा है बड़ा चुनावी मुद्दा!

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अब आतंकवाद बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर भाजपा का हर छोटा-बड़ा नेता बार-बार आतंकवाद का मुद्दा उठाकर समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव को घेरने की कोशिश कर रहा है। यूपी में चौथे चरण के लिए बुधवार को वोट डाले गए। इसके बाद अब प्रदेश में 3 चरणों- पांचवे, छठे और सातवें में मतदान होना है। वैसे तो भाजपा ने अहमदाबाद अदालत का फैसला आने के बाद से ही सपा को घेरना शुरू कर दिया था लेकिन अब भाजपा जोर-शोर से और लगातार इस मुद्दें को उठाकर यूपी के मतदाताओं को एक संदेश देने की कोशिश कर रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं 27 फरवरी को पांचवें चरण के तहत मतदान वाली सीटों पर प्रचार करते हुए मंगलवार को बहराइच की रैली में आतंकवाद के मुद्दें पर समाजवादी पार्टी पर तीखा हमला बोला था। प्रधानमंत्री मोदी ने सपा पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि परिवारवादियों ने आतंकी हमला करने वालों पर किस तरह से अपना प्यार उड़ेला है, यह सारा खेल जनता के सामने खुल चुका है। उन्होने कहा कि कौन किसकी मदद कर रहा था, ये अब उत्तर प्रदेश का बच्चा-बच्चा जान गया है।

पीएम ने जनसभा को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी सरकार ने उत्तर प्रदेश में बम धमाकें करने वाले आतंकियों को जेल से रिहा करने का फैसला कर लिया था, ये उन पर मुकदमा तक नहीं चलाना चाहते थे। पीएम मोदी ने तो यहां तक आरोप लगाया कि सपा सरकार तो आतंकी संगठनों पर प्रतिबंध तक लगाने के खिलाफ थी। मोदी ने यूपी की जनता को संदेश देते हुए कहा कि जो लोग देश की नहीं सोच सकते, देश की सुरक्षा को ताक पर रखते हैं वो यूपी का कभी भला नहीं कर सकते हैं।

गृह मंत्री अमित शाह भी यूपी में चुनाव प्रचार करते हुए मतदाताओं को यह बताते नजर आ रहे हैं कि सपा-बसपा की सरकारों ने उत्तर प्रदेश को आतंकवाद का हॉट स्पॉट बनाने का काम किया था। प्रयागराज और वाराणसी सहित पूर्वांचल के कई जिलों के लिए आतंकवाद एक बड़ा मुद्दा रहा है। सपा सरकार के दौरान लिए गए कुछ फैसलों और अपने नेताओं द्वारा दिए गए कुछ बयानों की वजह से अखिलेश यादव भी आमतौर पर इस मुद्दे पर बहुत आक्रामक ढंग से पलटवार नहीं कर पाते हैं, इसलिए भाजपा को यह लगता है कि इसके सहारे सपा को न केवल घेरा जा सकता है बल्कि इसके साथ ही मतदाताओं को भी प्रभावित किया जा सकता है। इसलिए भाजपा के तमाम दिग्गज नेता सभी मंचों से इस मुद्दें को बार-बार और लगातार उठाकर सपा को घेरने की कोशिश कर रहे हैं और आने वाले दिनों में इसमें और तेजी आने वाली है।

(आईएएनएस)

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