भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के इन चमकते सितारों ने किया राजनीति की ओर रुख, अभिनेता से बने नेता

भोजपुरी इंड़स्ट्री से निकले नेता भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के इन चमकते सितारों ने किया राजनीति की ओर रुख, अभिनेता से बने नेता

Anupam Tiwari
Update: 2022-06-26 15:54 GMT
भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के इन चमकते सितारों ने किया राजनीति की ओर रुख, अभिनेता से बने नेता

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भोजपुरी इंडस्ट्री में भी अभिनेता से नेता बनने की होड़ मची हुई है। सबसे पहले भोजपुरी स्टार और गायक मनोज तिवारी भाजपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़कर दिल्ली के सांसद बने, इसके बाद सुपरस्टार रवि किशन गोरखपुर से लोकसभा सांसद है और रविवार को लोकसभा उपचुनाव में आजमगढ़ से सपा प्रत्याशी धर्मेन्द्र यादव को हराने के बाद दिनेश लाल यादव भाजपा से सांसद बने है। खास बात यह है कि तीनों सुपरस्टार भाजपा से ही सांसद बने है। इस प्रकार से देखा जाए तो भाजपा ने इन भोजपुरी कलाकारों की लोकप्रियता का बहुत बढ़िया इस्तेमाल किया है। जिसका फायदा भी पार्टी को मिला है।  

2014 में मनोज तिवारी दिल्ली से सांसद बने
 
गौरतलब है कि 2014 लोकसभा चुनाव से पहले मनोज तिवारी 2009 लोकसभा चुनाव में सपा के टिकट पर गोरखपुर से चुनाव लड़ चुके है ,हालांकि वो चुनाव हार गए थे। लेकिन फिर 2014 में भाजपा के टिकट से दिल्ली लोकसभा से चुनाव लड़ा और आम आदमी पार्टी के आनंद कुमार को हराकर सांसद बनें । 2019 में भी भाजपा के टिकट से चुनाव लड़ा और फिर से सांसद चुने गए और अब तक बनें हुए है। मनोज तिवारी दिल्ली भाजपा अध्यक्ष भी रह चुके है । 

2019 में यूपी के गोरखपुर से सांसद बने

रवि किशन भोजपुरी इंडस्ट्री के 350 से ज्यादा फिल्मों में काम करने का अलावा हिंदी, तेलगू और कन्नड़ फिल्मों में भी काम किया है। इनके चुनावी सफर की बात करें तो साल 2014 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था लेकिन हार गए थे। 2017 में भाजपा में शामिल हुए। 2019 में भाजपा ने गोरखपुर से टिकट दिया जहां से योगी आदित्यनाथ पूर्व सांसद थे और चुनाव जीत कर सांसद बनें। 

आजमगढ़ से सांसद बनें दिनेश लाल यादव 

साल 2003 में एक म्यूजिक एलबम के रीलिज के बाद भोजपुरी फिल्मों में काम शुरू कर दिया इसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। साल 2008 में भोजपुरी फिल्म निरहुआ रिक्शावाला से स्टार बनें दिनेश लाल यादव आज बहुत बड़े सुपरस्टार है। साल 2019 में दिनेश लाल निरहुआ भाजपा में शामिलहुए। इसी साल आजमगढ़ से लोकसभा चुनाव भी लड़ा।

भाजपा ने दिनेश लाल यादव को अखिलेश यादव के सामने उतारा था लेकिन वह चुनाव हार गए थे, लेकिन विधानसभा चुनाव में मिली जीत के बाद अखिलेश यादव ने आजमगढ़ लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद 23 जून 2022 को हुए लोकसभा उपचुनाव के नतीजे में दिनेश लाल यादव ने सपा के धर्मेन्द्र यादव को हराकर आजमगढ़ से सांसद चुने गए। आखिरकार दिनेश लाल यादव निरहुआ ने अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेंद यादव को हराकर बदला ले लिया। 

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