एशियन गेम्स में तेजिंदर ने रचा इतिहास, जानिए क्रिकेट से लेकर शॉटपुट में आने तक का सफर

एशियन गेम्स में तेजिंदर ने रचा इतिहास, जानिए क्रिकेट से लेकर शॉटपुट में आने तक का सफर

Bhaskar Hindi
Update: 2018-08-25 16:46 GMT
एशियन गेम्स में तेजिंदर ने रचा इतिहास, जानिए क्रिकेट से लेकर शॉटपुट में आने तक का सफर
हाईलाइट
  • उन्होंने 18वें एशियन गेम्स में भारत के लिए सातवां गोल्ड मेडल हासिल किया।
  • तेजिंदर बचपन में एक क्रिकेट खिलाड़ी बनना चाहते थे।
  • भारत के तेजिंदर पाल सिंह तूर ने शनिवार को इतिहास रच दिया है।

डिजिटल डेस्क, जकार्ता।  भारत के तेजिंदर पाल सिंह तूर ने शनिवार को इतिहास रच दिया। उन्होंने 18वें एशियन गेम्स में भारत के लिए सातवां गोल्ड मेडल हासिल किया। अपने पहले एशियन गेम्स में तेजिंदर ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 20.75 मीटर तक गोला फेंककर नया एशियन गेम्स रिकॉर्ड भी बनाया। पिछला रिकॉर्ड 20.57 मीटर का था, जो 2010 एशियन गेम्स में सऊदी अरब के सुल्तान अब्दुल मजीद ने बनाया था। तेजिंदर बचपन में एक क्रिकेट खिलाड़ी बनना चाहते थे, मगर अपने पिता के कहने पर वह शॉटपुट में आ गए। उनके पिता उस वक्त कैंसर जैसी गंभीर बिमारी से जूझ रहे थे, लेकिन इस निर्णय ने उनकी जिंदगी बदल दी। आइए जानते हैं उनके इस सफर के बारे में...

तेजिंदर का जन्म पंजाब के मोगा जिले में एक किसान के घर हुआ। बचपन में ही उनको क्रिकेट से काफी लगाव हो गया था। किसी अन्य बच्चे की तरह ही वह भी क्रिकेट में अपना करियर देखने लगे। शॉटपुट कभी उनके जेहन में नहीं आया। इस दौरान उनके पिता ने उन्हें कोई एकल स्पर्धा खेलने को लेकर प्रोत्साहित किया। तेजिंदर के चाचा शॉटपुट के खिलाड़ी थे और इस तरह वह शॉटपुट खेलने लगे। 2017 में पहली बार उनका नाम चर्चा में आया। उन्होंने एशिया चैंपियनशिप में शॉटपुट इवेंट में सिल्वर मेडल अपने नाम किया था। इसके बाद 2018 में 57वें नेशनल इंटर स्टेट एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गोल्ड अपने नाम किया। हालांकि तब वह वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए क्वालिफाई नहीं कर पाए थे। वह जीतकर भी खुश नहीं थे।

तेजिंदर 2018 में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में भी मेडल नहीं जीत सके और 8वें स्थान पर रहे। हालांकि उन्होंने हार नहीं मानी और खूब मेहनत की। इस दौरान उन्हें बहुत कठिनाइयां भी सहनी पड़ी। तेजिंदर ने एक इंटरव्यू में कहा था, "शॉटपुट के खेल में जैसे-जैसे आप ऊपर जाते हैं, खर्च उतना ही बढ़ता जाता है। आपको बेहतर खाना, अच्छा जिम और अच्छे जूते की जरूरत होती है। मेरे घर वाले इतना खर्च उठाने की हालत में नहीं थे, लेकिन सरकार ने मेरी बहुत मदद की।" यह तेजिंदर की मेहनत का ही नतीजा है कि उन्होंने देश के लिए गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास के पन्नों में अपना नाम हमेशा के लिए अंकित करवा लिया है।

 

 

तेजिंदर एशिया के नंबर एक रैंकिंग वाले खिलाड़ी हैं। वहीं उनकी वर्ल्ड रैंकिंग 49 है। तेजिंदर ने शनिवार को एशियन गेम्स में एक और रिकॉर्ड अपने नाम किया। उन्होंने भारत के लिए सबसे ज्यादा दूरी तक गोला फेंकने का रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया है। इससे पहले यह रिकॉर्ड ओम प्रकाश करहाना के नाम पर दर्ज था।

इससे पहले 18वें एशियन गेम्स के सातवें दिन इससे पहले भारत की बैडमिंटन स्टार पी वी सिंधु और साइना नेहवाल प्री क्वार्टर फाइनल मुकाबले जीतकर क्वार्टर फाइनल में पहुंच गई हैं। वहीं सौरभ घोषाल, दीपिका पल्लीकल और जोशना चिनप्पा स्क्वैश के सेमीफाइनल में हार गए और उन्हे ब्रॉन्ज मेडल से ही संतोष करना पड़ा। भारत अब तक 7 गोल्ड, पांच सिल्वर और 17 ब्रॉन्ज अपने नाम कर चुका है।

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