यो-यो टेस्ट में फेल हुए संजू सैमसन, इंडिया-A टीम से हुए बाहर

यो-यो टेस्ट में फेल हुए संजू सैमसन, इंडिया-A टीम से हुए बाहर

Bhaskar Hindi
Update: 2018-06-12 05:30 GMT
यो-यो टेस्ट में फेल हुए संजू सैमसन, इंडिया-A टीम से हुए बाहर
हाईलाइट
  • इंग्लैंड टूर के लिए इंडिया-ए से बाहर हुए संजू सैमसन
  • युवराज और रैना भी हो चुके हैं यो-यो टेस्ट में फेल
  • यो-यो टेस्ट में पास न होने के कारण नहीं मिली इंग्लैंड जाने की इजाजत

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आईपीएल-11 में शानदार बल्लेबाजी कर इंडिया-A टीम में अपनी जगह बनाने वाले विकेटकीपर बल्लेबाज संजू सैमसन टीम के साथ लंदन नही जा पाए हैं। दिल्ली से लंदन के लिए रवाना हुई इंडिया ए की टीम के साथ संजू मौजूद नहीं थे हालांकि तब उनके न जाने की वजह सामने नहीं आई थी लेकिन अब संजू के टीम के साथ इंग्लैंड दौरे पर न जाने की वजह से पर्दा उठ गया है। खबरें हैं कि सैमसन यो यो टेस्ट में फेल हो गए हैं जिसके चलते उन्हें इंग्लैंड दौरे पर नहीं भेजा गया है। बेंगलुरू की नेशनल क्रिकेट एकादमी में 3 दिन पहले इंग्लैंड जाने वाली इंडिया ए टीम के खिलाड़ियों का टेस्ट हुआ था। रिपोर्ट के मुताबिक उस दौरान संजू का स्कोर 16.1 रहा जो निर्धारित मापदंडों से कम है और इसलिए उन्हें इंडिया ए टीम के साथ इंग्लैंड जाने की इजाजत नहीं दी गई। 

 


युवी-रैना भी हुए "यो-यो" टेस्ट के शिकार

 

यो-यो टेस्ट के चलते ये पहली बार नहीं है जब कोई खिलाड़ी किसी टूर से बाहर हुआ है। इससे पहले साल 2017 में श्रीलंका दौरे के लिए चुने गए स्टार क्रिकेटर युवराज सिंह और सुरेश रैना भी यो-यो टेस्ट में फेल हो गए थे और उन्हें भी टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था।

 

 

इसके बाद से अब तक रैना और युवराज लगातार कड़ी मेहनत कर रहे हैं और टीम इंडिया में वापसी की कोशिश में जुटे हुए हैं। यो-यो टेस्ट वैसे तो पहले भी होता था लेकिन पहले यह एक पारंपरिक बहीप टेस्ट ही हुआ करता था लेकिन विराट कोहली के टीम इंडिया का कप्तान बनने के बाद भारतीय टीम इस टेस्ट पर विशेष ध्यान दे रही है। अब 2019 विश्वकप को ध्यान में रखते हुए कप्तान विराट, कोच रवि शास्त्री और बीसीसीआई की चयन समिति के अध्यक्ष एमएस के प्रसाद ने इसे लेकर सख्त रुख अपनाया है साफ कहा है कि यो-यो टेस्ट को लेकर कोई कोताही नहीं बरती जाएगी। कोई कितना भी बड़ा खिलाड़ी क्यों न हो उसे यो-यो टेस्ट पास करना ही होगा और फिटनेस से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा। 

 

 

क्या है "यो-यो" टेस्ट ?

 

यो-यो टेस्ट में कई "कोन्स" की मदद से 20 मीटर की दूरी पर दो पंक्तियां बनाई जाती हैं। खिलाड़ी रेखा के पीछे अपना पांव रखकर शुरुआत करता है और निर्देश मिलते ही दौड़ना शुरू करता है। 20 मीटर की दूरी पर बनी दो पंक्तियों के बीच लगातार दौड़ना होता है और जब बीप बजती है तो मुड़ना होता है। हर एक मिनट या तय किए गए समय में खिलाड़ी को अपने दौड़ने की गति को तेज करना होता है। अगर वह समय पर रेखा तक नहीं पहुंचे तो दो और "बीप" के बाद उसे तेजी पकड़नी पड़ती है। अगर इसके बाद भी खिलाड़ी दो छोरों पर मानकों के मुताबिक तेजी हासिल नहीं कर पाता तो उसका परीक्षण रोक दिया जाता है।

यो-यो टेस्ट की पूरी प्रक्रिया सॉफ्टवेयर पर आधारित होती है, जिसमें नतीजे रिकॉर्ड किए जाते हैं। यो-यो टेस्ट में ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर सबसे आगे माने जाते हैं। इस टेस्ट में उनका औसतन स्कोर 21 होता है। 

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