नाडा से हाथ मिलाना बताता है कि सीओए, सीईओ ने अपनी गलती मानी
नाडा से हाथ मिलाना बताता है कि सीओए, सीईओ ने अपनी गलती मानी
बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि सीओए के रहते हुए जिस तरह से चीजें हुई हैं वो निराशाजनक हैं और नाडा के अंतर्गत आना ताबूत में आखिरी कील ठोकने के समान है।
अधिकारी ने कहा, यह कुछ नहीं बल्कि बीसीसीआई सीईओ और सीओए की तरफ से हुई प्रशासनिक गलती को मानना है। सीईओ को वार्षिक तौर पर पांच करोड़ से ज्यादा रकम मिलती है और उन्हें पांच करोड़ के तकरीबन बोनस भी मिलता है, लेकिन उनके अंदर प्रशासन पूरी तरह से बीसीसीआई के डोपिंग रोधी कार्यक्रम को लेकर सही काम नहीं कर सका खासकर हाल ही में पृथ्वी शॉ के मामले में।
अधिकारी ने कहा, यह कदम (नाडा के साथ हाथ मिलाना) हो सकता है कि सिर्फ इसलिए उठाया गया हो ताकि शॉ के मामले में होने वाली जांच से बचा जाए। मीडिया में फैली खबरों तो यह भी बताती हैं कि चयनकर्ताओं को शॉ के निलंबन के बारे में भी नहीं पता था। सीईओ इस तरह की लापरवाही पर जांच से नहीं बच सकते। साथ ही इस पर फैसला लेने वाले भी नाडा के साथ हाथ मिलाकर लापरवाही की जांच से नहीं बच सकते।
अधिकारी ने कहा, यह फैसला नीति का हिस्सा है और सीईओ इस तरह का फैसला लेने की स्थिति में नहीं हैं। साथ ही मुझे लगता है कि कुछ गलत आश्वासन दिए गए हैं।
वर्षो पुरानी अकड़ को छोड़ते हुए बीसीसीआई ने नाडा के साथ हाथ मिलाया है, जिसका मतलब है कि बीसीसीआई के सभी क्रिकेटरों की डोपिंग की जांच नाडा किया करेगी।
--आईएएनएस