ग्रीष्म कालीन पेयजल संकट से निदान पानें हेतु ग्राम मालाचुआ के लोगों ने स्टाप डेम में किया बोरी बंधान "खुशियों की दास्तां"!

खुशियों की दास्तां ग्रीष्म कालीन पेयजल संकट से निदान पानें हेतु ग्राम मालाचुआ के लोगों ने स्टाप डेम में किया बोरी बंधान "खुशियों की दास्तां"!

Aditya Upadhyaya
Update: 2021-12-06 11:37 GMT

डिजिटल डेस्क | उमरिया अग्र सोची सदा सुखी। कहने का आशय है कि संभावित संकट को भांप कर उससे निपटनें की पहले से ही तैयारी शुरू कर दी जाए तो संकट आयेगा ही नही। उमरिया जिले के पाली जनपद पंचायत के ग्राम मालाचुआ के लोगों ने ग्रीष्म काल में संभावित पेयजल संकट को दृष्टिगत रखते हुए जल स्रोतों में जल संरक्षण की तैयारी शुरू कर दी है। कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव एवं सीईओ जिला पंचायत ईला तिवारी ग्रामीण क्षेत्रों में भ्रमण के दौरान आम जन से जल संरक्षण एवं संवर्धन के संबंध में चर्चा कर उन्हें जल की एक एक बूंद बचानें के लिए प्रेरित करते है।

कलेक्टर ने ग्रामीणों को समझाईश दी कि जितना जल संरक्षण का महत्व है, उससे अधिक जल प्रबंधन का महत्व है। जल के एक एक बूंद का उपयोग सुनिश्चित करना, व्यर्थ में जल नही बहाना तथा पशु पक्षियों के जीवन को सुरक्षित बनानें हेतु जल का संरक्षण एवं संवर्धन तथा प्रबंधन आवश्यक है।

इसी बात से प्रेरित होकर ग्राम मालाचुआ के ग्रामीणों ने स्टाप डेम में बोरी बंधान कर जल का संरक्षण शुरू किया है। मानपुर जनपद पंचायत के ग्राम कोटिया, पनपथा के लोगों मे भी जल संरक्षण का कार्य नवंबर माह में पूरा कर ग्रीष्म कालीन पेयजल संकट से निदान की तैयारी का आगाज कर दिया है। सीईओ जिला पंचायत संबंधित जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी तथा ग्रामीण विकास विभाग का मैदानी अमला जल संरक्षण के कार्यो में तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान कर रहा है। प्रस्तुतकर्ता गजेंद्र द्विवेदी

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