- Dainik Bhaskar Hindi
- Business
- Annadana farmer of India emerged as a great hero in the Korana lockdown period
दैनिक भास्कर हिंदी: कोराना लॉकडाउन अवधि में महानायक बनकर उभरा भारत का अन्नदाता किसान

हाईलाइट
- कोराना लॉकडाउन अवधि में महानायक बनकर उभरा भारत का अन्नदाता किसान
-कैलाश चौधरी, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री
वर्तमान में जहां पूरा विश्व कोरोना वायरस के संक्रमण से उबरने के लाख जतन कर रहा है, वहीं भारत देश भी इस महामारी से बचाव करने के लिए नित नए समाधान तलाशने की भरसक कोशिशों में लगा हुआ है।
कोरोना वायरस एवं इसके लगातार बढ़ते हुए संक्रमण को रोकने का सबसे कारगर उपाय लॉकडाउन साबित होता नजर आ रहा है। पूरा देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशानुसार लॉकडाउन का पालन करने का प्रयास कर रहा है। इन संवेदनशील परिस्थितियों को समझते हुए लोग घरों में रहते हुए लॉकडाउन का सख्ती से पालन कर अपना सहयोग प्रदान कर रहे हैं। राज्य सरकारें और प्रशासन अपने-अपने स्तर पर पूरी तरह से अलर्ट होकर कार्य करके सहयोग प्रदान कर रहा है। इसी का नतीजा है कि अन्य देशों की भांति कोरोना के संक्रमण के परिणाम से प्रभावित होने वाला आंकड़ा भारत में अभी तक विकराल रूप में सामने नहीं आ पाया है।
तमाम प्रयासों के माध्यम से भारत में संक्रमित मरीजों को बढ़ने से रोकने में हम भले ही कामयाब होते नजर आ रहे हैं लेकिन लॉकडाउन के प्रभाव के कारण दैनिक जीवनचर्या को सुचारू रख पाना अत्यंत कठिन सा हो गया है। एक तरफ देश की आर्थिक स्थिति लॉकडाउन के कारण काफी हद तक प्रभावित हुई है, वहीं दूसरी तरफ लोगों के लिए इन विपरीत परिस्थितियों में जीवन जीना दूभर हो रहा है।
इन सबके बीच एक सुखद पहलू उभर कर सामने आया है और वो है हमारे अन्नदाता का महत्व। इस लॉकडाउन में प्रत्येक व्यक्ति को ये बात समझ आ गई है कि हमारा किसान हमारे लिए किसी महानायक से कम नहीं है, जो लॉकडाउन के कारण घरों में बैठे लोगों के रोजमर्रा के लिए अनाज, दूध, फल, सब्जी आदि की आपूर्ति कीमतें बढ़ाने के बजाय सामान्य कीमत में करने का निरंतर प्रयास कर रहा है। आज सामान्य व्यक्ति से लेकर बड़े पूंजीपतियों तक को इस बात का भलीभांति एहसास हो रहा है कि विभिन्न प्रकार की जिन सुख-सुविधाओं को जुटाने के लिए दिन-रात एक करके उनके द्वारा मेहनत की जाती रही, जिनके बिना जीवन जीना असम्भव सा प्रतीत होता था। आज वो सब सुख-सुविधाएं हमारे भोजन के अन्न की कीमत के आगे नगण्य सी हो गई है।
आज केवल दो वक्त का अनाज, फल, सब्जी, दूध आदि की आपूर्ति सबसे बड़ी जरूरत बन गई है, जिसका जरिया हमारा वही सामान्य किसान बन रहा है जिसको हमने कभी कोई सम्मान अथवा महत्व दिया ही नहीं।
बाहर घूमने जाना, महंगे रेस्तरां में लजीज पकवान खाना, महंगी पोशाकें पहनना, मोबाइल, गाड़ी, आलीशान मकान जैसे अनेक प्रकार के लक्जरी सामानों की बड़ी लिस्ट की उपयोगिता एक मामूली किसान के द्वारा उगाए गए मुट्ठी भर अनाज के आगे आज गौण नजर आ रही है। छोटी-बड़ी इन सुख-सुविधाओं के बिना जीवन जिया जा सकता है, लेकिन बिना अन्न के जीवन जीने की कल्पना भी करना मुश्किल है। और उस अन्न को उत्पादित करने वाला कोई और नहीं बल्कि अपनी मेहनत और खून-पसीने को एक करने वाला हमारा भारतीय किसान ही है।
हमारा भारत देश कृषि प्रधान देश कहलाता है और इसमें 70 फीसदी आबादी किसानों की है। उसके बावजूद हमारे जीवन की अति महत्वपूर्ण जरूरतों को पूरा करने में सक्षम हमारा किसान न तो स्वयं सक्षम है और न ही किसी भी रूप में समृद्ध है।
इसका सबसे बड़ा कारण कृषि एवं किसान को अन्य रोजगार के कार्यो की तुलना में सबसे कम आकलन करके छोटा व अनुपयोगी कार्य समझ लेना है।
आजादी के इन 70 सालों में किसानों के लिए कई योजनाएं तो बनी लेकिन उन योजनाओं का लाभ किसान तक कितना पहुंच पाया है, इस पर नए सिरे से विचार की आवश्यकता है। सबकी थाली में अन्न पहुंचाने वाला किसान आज भी स्वयं दो वक्त की रोटी को तरस जाता है।
यदि आजादी के बाद से ही किसान, कृषि एवं पशुपालन आदि को सक्षम व मजबूत बनाने पर जोर दिया जाता तो आज भारत का स्वरूप कुछ और ही होता। आज किसान अपने गांव खेतों को छोड़कर अन्य रोजगार के विकल्प की तलाश में सुदूर शहरों में नहीं भटक रहा होता। कृषि प्रधान देश होने के बावजूद कृषि को कभी भी हमारी शिक्षा से नहीं जोड़ा गया जिसका परिणाम ये हुआ कि आज भी शिक्षित व्यक्ति कृषि के कार्य को रोजगार के रूप में अपनाना नहीं चाहता है।
प्राकृतिक आपदाएं, पानी का अभाव, कृषि संसाधनों का अभाव, किसानों का अशिक्षित होना, कृषि की उन्नत किस्मों की जानकारी का अभाव, कम लागत में अधिक आय प्राप्त करने की जानकारी का अभाव, कृषि के अलावा रोजगार के अन्य विकल्प को अपनाना, कृषि को आय का अच्छा स्त्रोत न बनने देना आदि कई ऐसे कारण रहे हैं जिससे किसान की स्थिति कभी भी सुदृढ नहीं हो पाई है।
हालांकि सरकार के द्वारा समय-समय पर किसानों के लिए कई लाभकारी योजनाएं बनाई जाती रही है लेकिन पिछली कांग्रेस एवं कांग्रेस समर्थित यूपीए सरकारों में किसान के अशिक्षित होने, योजनाओं की जानकारी किसान तक सही तरीके से न पहुंच पाने एवं आपदाओं के लिए सरकार द्वारा दी जाने वाली राहत राशि भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाने के कारण किसान की स्थिति सुधरने के बजाय दयनीय होती गई।
प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा जनधन योजना के माध्यम से सर्वप्रथम एक अच्छी पहल की गई जिसमें प्रत्येक भारतीय का बैंक में जीरो बैलेंस पर खाता खुलवाया गया। बैंक अकाउंट में खाता होने से सरकार आज जो भी जनकल्याण योजनाएं लागू कर रही है, उसका सीधा लाभ किसान, मजदूर एवं अन्य लाभार्थियों को प्राप्त हो पा रहा है।
प्रधानमंत्री द्वारा किसान हितैषी कुछ नई योजनाएं प्रारम्भ की गई है, जिसमें किसी भी रूप में आपदा के कारण यदि फसल का नुकसान हो जाता है तो उसका मुआवजा सीधे किसान के बैंक खाते में पहुंचाया जाता है। इसके अलावा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना किसानों के लिए काफी उपयोगी साबित हो रही है, जिसमें प्रत्येक किसान को 6 हजार रुपये सालाना दिया जा रहा है। केंद्र सरकार द्वारा लगभग 7.92 करोड़ किसानों के बैंक खातों में अब तक ये राशि पहुंचाई भी जा चुकी है। लॉकडाउन अवधि में कृषि उत्पादों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने में अंतराज्यीय बाधाओं को दूर करने के लिए कृषि मंत्रालय की ओर से कृषि मोबाइल रथ एप्प शुरू किया गया। इसके हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके किसान कृषि उत्पादों के परिवहन से संबंधित समस्याओं का समाधान करवा सकता है।
सरकारों द्वारा अधिक से अधिक किसानों को लाभ अथवा राहत पहुंचाने के प्रयास निरंतर जारी है, लेकिन इससे कृषि कार्य एवं किसानों से जुड़ी तमाम समस्याओं का स्थायी समाधान सम्भव नहीं है।
यदि किसान को वास्तविक रूप में सक्षम एवं सुदृढ किसान बनाना है तो कृषि से सम्बंधित समस्याओं का स्थायी निदान करना आवश्यक है। कृषि प्रधान भारत देश को पुन: कृषि प्रधान बनाने के लिए हर गांव एवं हर खेत में फसलें लहलहाती नजर आने लगे, इसके लिए शिक्षित युवा वर्ग स्वयं आगे आकर कृषि को रोजगार के रूप में अपनाना प्रारम्भ करें। फसलों को और अधिक उन्नत एवं अधिक आययुक्त बनाने के लिए किसानों को कृषि की समुचित जानकारी से अवगत करवाया जाए। उपजाऊ मिट्टी की जानकारी, उन्नत बीज का उत्पादन एवं वितरण, कम पानी में उन्नत फसल की खेती एवं समुचित व्यवस्था सहित फसलों का उचित मूल्य किसानों तक पहुंचने लगे तो लोगों का कृषि को रोजगार के रूप में अपनाने का रुझान भी बढ़ने लगेगा। रोजगार के रूप में कृषि को अधिक से अधिक अपनाने पर बढ़ती बेरोजगारी पर अंकुश भी लगाना सम्भव हो पायेगा।
यदि हमारा किसान स्वावलंबी और समृद्धशाली होकर उभरने लगे तो निश्चित रूप से इसका एक अच्छा प्रभाव हमारे भारत देश की अर्थव्यवस्था पर भी होगा और तब हमारा देश भी समृद्धशाली होकर विकसित देशों की अग्रिम पंक्ति में खड़ा नजर आएगा।
(लेखक भारत के केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री हैं, ये उनके निजी विचार हैं।)
MS Excel Training : आईसेक्ट द्वारा चार दिवसीय Advanced MS Excel Training का आयोजन
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आईसेक्ट द्वारा अपने employees के कौशल को बढ़ाने के प्रयास के तहत चार दिवसीय Advanced MS Excel Training का आयोजन किया गया। इसमें एक्सेल के Expert Trainer Shri Anil Upmanyu ने Excel की उपयोगिता से अवगत कराते हुए कई प्रकार के functions को सिखाया। इस दौरान उन्होंने पार्टिसिपेंट्स को प्रैक्टिकल एक्सरसाइज कराते हुए बारीकियों से अवगत कराया। उन्होंने यह भी बताया कि किस प्रकार एक्सेल बड़ी मात्रा में डाटा को हैंडल करता है और अलग-अलग कार्यों में इसका कैसे प्रयोग किया जा सकता है। वर्कशॉप में करीब 40 पार्टिसिपेंट्स ने हिस्सा लिया और उन्हें समापन अवसर पर सर्टिफिकेट्स प्रदान किए गए। समापन अवसर पर AISECT E-Learn के एजीएम प्रभाकर सिन्हा विशेष रूप से मौजूद रहे। उन्होंने ट्रेनर Shri Anil Upmanyuको विशेष रूप से धन्यवाद देते हुए वर्कशॉप की सराहना की और आगे भी ऐसे ही एडवांस स्तर के कौशल संबंधी ट्रेनिंग आयोजित करने की बात कही।
Training के आयोजन पर AISECT के निदेशक श्री सिद्धार्थ चतुर्वेदी जी ने कहा कि आईसेक्ट कौशल विकास के महत्व को समझता है इसलिए अपनी इसी प्रतिबद्धता को पूरा करते हुए लगातार कई उपयोगी ट्रेनिंग सेशन का आयोजन करता है। मुझे आशा है हमारे संस्थान के एम्पलॉइज द्वारा इसका पूरा लाभ लेते हुए अपना कौशल उन्नयन कर समाज के उत्थान के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभने में अपना योगदान देंगे।
Training session का संयोजन आईसेक्ट प्रबंधन के अलावा आईसेक्ट एचआर (Learning and Development) की श्रीमती अर्चना जैन द्वारा किया गया। इस सेशन का आयोजन जून माह के अंत में किया गया।
क्लोजिंग बेल: : गिरावट के साथ बंद हुआ बाजार, सेंसेक्स 111 अंक लुढ़का, निफ्टी भी टूटा
डिजिटल डेस्क, मुंबई। देश का शेयर बाजार कारोबारी सप्ताह के पांचवे और आखिरी दिन (01 जुलाई 2022, शुक्रवार) गिरावट के साथ बंद हुआ। इस दौरान सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही लाल निशान पर रहे। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 111.01 अंक यानी कि 0.21% की गिरावट के साथ 52,907.93 के स्तर पर बंद हुआ।
वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 28.20 अंक यानी कि 0.18% की गिरावट के साथ 15,752.05 के स्तर पर बंद हुआ।
जबकि बैंक निफ्टी में तेजी रही एवं उसने 114 अंकों की बढ़त के साथ 33539.45 पर सत्र की समाप्ति दी। निफ्टी के 50 शेयरों में से 36 में तेजी रही जो व्यापक खरीदारी दर्शाते हैं।क्षेत्र विशेष में रियलिटी तथा एफएमसीजी सूचकांक 1.5 प्रतिशत से 2.80 प्रतिशत बढ़े जबकि आयलएंडगैस सूचकांक ओएनजीसी तथा रिलायंस में बड़ी गिरावट के कारण 3 प्रतिशत गिरा। निफ्टी के शेयरों में आईटीसी, बजाज फाइनेंस,बजाज फिन सर्व, ब्रिटानिया में सर्वाधिक लाभ रहा जबकि ओएनजीसी, रिलायंस, बजाज ऑटो, पावर ग्रिड में सबसे अधिक हानि रही।
तकनीकी आधार पर दैनिक चार्ट पर निफ्टी ने हैमर सदृश कैंडल बनाया है जो आगामी सत्र में तेजी की चाल का संकेत है। साप्ताहिक चार्ट पर निफ्टी ने बुलिश हरामी कैंडल स्टिक प्रारूप की पुष्टि की है जो आनेवाले सत्र के लिए तेजी का संकेत है। निफ्टी ने 100 एचएमए पर सपोर्ट लिया है तथा इस स्तर के ऊपर बंदी दी है जो अगले सत्र के लिए एक शक्ति का परिदृश्य दर्शा रहा है। मोमेन्टम संकेतक दैनिक चार्ट पर स्टॉकिस्टिक एवं एमएसीडी सकारात्मक क्रॉसओवर के साथ ट्रेड कर रहे हैं, ये भी निफ्टी में बढ़त आने का संकेत है।
निफ्टी 15500 पर सपोर्ट ले सकता है, तेजी में 15900 तात्कालिक अवरोध है। 15900 के ऊपर जाने पर तेजी की चाल गति पकड़ सकती है। बैंक निफ्टी का सपोर्ट 32600 तथा अवरोध 34000 है। कुलमिला कर निफ्टी 15500 के सपोर्ट के साथ शक्तिशाली लग रहा है।आज के सत्र में निफ्टी तथा निफ्टी शेयरों ने वैश्विक, विशेषकर अमेरिकी शेयर बाजार में दुर्बलता के बाद भी अच्छी शक्ति दिखाई। यदि भारतीय बाजार वर्तमान स्तरों की रक्षा करने में सफल रहते हैं, टिक पाते हैं तो फिर एक तीव्र तेजी की चाल आ सकती है तथा बुरा समय कुछ समय विशेष के लिए समाप्त भी हो सकता है।
पलक कोठारी
रीसर्च एसोसिएट
चॉइस ब्रोकिंग
Source: Choice India
३२ साल के डॉ. राज पढियार ने देश भर में बनायी विशेष पहचान: गुजरात के गृहमंत्री, तेलंगाना एवं पोंडिचेरी के गवर्नर सहित देश विदेश की नामी हस्तियाँ करती है फ़ॉलो
डिजिटल डेस्क, भोपाल। थाने ज़िला के मीरा भायंदर के युवा उधमी - डॉ. राज पढियार ने अपने आंट्रेप्रेनरशीप और डिजिटल मीडिया से देश भर में अपनी विशेष पहचान बनायी हैं । इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है की उन्हें ट्विटर पर गुजरात के गृह मंत्री - हर्ष संघवीजी, तेलंगाना एवं पोंडिचेरी गवर्नर - डॉ. तमिलिसाई सौंदराराजन, तहसीन पूनावाला, कोंग्रेस के राष्ट्रीय युवा अध्यक्ष - बी श्रीनिवास, भाजपा के राष्ट्रीय युवा अध्यक्ष एव सांसद - तेजस्वी सूर्या, उद्धव ठाकरे साहेब के पीए - बी के राजपूत, इनकम टैक्स कमिशनर - सुग्रीव मीना, ABP न्यूज़ के ऐंकर - विकास भदोरिया, राहुल गांधी के पीएस - कौशल विद्यार्थी, बोलीवुड अभिनेता अमित साध, WTO के भारत के डिरेक्टर - आशीष चंडोरकर, दुबई के शेख़ - डॉ. मोहम्मद अल हेमीयरी समित भारत सरकार के कई मंत्रालय, विभिन्न राज्य के प्रदेशध्यक्ष, सांसद, अभिनेता, सामाजिक कार्यकर्ता एवं नामी हस्तियाँ फ़ॉलो करती है । यह सभी लोग डॉ. राज के शिक्षण एवं डिजिटल मीडिया के क्षेत्र के बदोलत इनके सम्पर्क में रहकर निरंतर चर्चा एवं वार्ता विमश करते रहते है ।
डॉ. राज पढियार - एशिया की प्रसिद्ध एजुकेशन कंपनी -
डिजिटल गुरुकुल के संस्थापक है जिसने अभी तक पूरी दुनिया में ४५,०००+ से ज़्यादा छात्रों को डिजिटल क्षेत्र में प्रशिक्षा देकर उन्हें रोज़गार एवं स्टार्टअप के हेतु योग्य बनाया है । कोरोना काल में डॉ. राज की संस्था ने १५००+ से ज़्यादा भारत, दुबई के युवाओं को डिजिटल स्किल की निशुल्क शिक्षा देकर उन्हें रोज़गार प्राप्त करने में सहायता करी ।
डॉ. राज पढियार अब तक ५०००+ से ज़्यादा लेक्चर ले चुके है जिसमें ३१,०००+ छात्रों को ट्रेनिंग देके उन्हें रोज़गार हेतु योग्य बना चुके है । उन्होंने अब तक अपनी २ किताबें पब्लिश करी है १ - सोशल मीडिया एंड पॉलिटिक्स इन इंडिया - जिसे भारत के अग्रणी राजनेताओ ने पढ़कर उसकी सराहना की है, २ - फ़ंडामेंटलस ओफ़ डिजिटल मार्केट जो डिजिटल मीडिया विषय पर लिखी हुई भारत की पहली एकाडेमिक बुक है - यह बुक भारत के २५० से ज़्यादा कॉलेज के लाइब्रेरी में उपलब्ध है।
डॉ. राज पढियार को शिक्षा एवं डिजिटल क्षेत्र में योगदान के चलते उन्हें “दुनिया के सर्वश्रेस्ठ १०० डिजिटल लीडर” में स्थान मिला जो भारत के लिए बहोत गर्व की बात थी । इसके अलावा उन्हें बॉलीवुड अभिनेत्री सोहा अली खान, कलाकार मुकेश खन्ना एवं कई बड़े कलाकारों ने विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया है ।
अपने स्टार्टप के शुरुआती दौर में काफ़ी स्ट्रगल करने के बाद डॉ. राज पढियार ने अपने अथाग परिश्रम एवं मेहनत से आज जो मुक़ाम तक पहोचे है जिससे उनकी देश विदेश में लोग सराहना कर रहे है और भारत का नाम और रोशन किया है।
मूवर्स और पैकर्स: कैसे एश्योरशिफ्ट ने भारत में स्थानांतरण के अनुभव को बेहतर बनाया है
डिजिटल डेस्क, भोपाल। देश में बढ़ती जनसंख्या, शैक्षिक प्रगति और मूल तोर से नौकरी के अवसर के कारण, देश के अंदर और विदेश के कई शहरों में, प्रवास करने वाले अन्य शहरों के लोगों की संख्या उल्लेखनीय मत्रा से वृद्धि पाई है।
इस कारण से स्थानांतरण सेवा के मांग में तेजी से वृद्धि हुई। कई पैकर्स एंड मूवर्स कंपनियों की स्थापना भी हुई है जो घर, कार्यालयों के सामना, कार, बाइक, आदि को स्थानांतरित करने के लिए आवश्यक सेवाएं प्रदान करती हैं। हालांकि, किसी भी नए उत्पाद के साथ, कई नकली और गैर-पेशेवर चलती कंपनि स्थापित होते हैं। धीरे-धीरे भारतीय स्थानांतरण बाजार में इस तरह के कंपनि आकर बेहद कम लागत वाली कोटेशन की पेशकश करके निर्दोष ग्राहकों का शिकार करना शुरू कर दिया। वे गुणवत्ता सेवाओं, अतिरिक्त सहायता आदि जैसे कई वादे करते हैं, लेकिन अंत में अक्सर ग्राहकों के पैसे और सामान लूट लेते हैं।
स्व-चलन के साथ आने वाली कठिनाइयों और जोखिमों को ध्यान में रखते हुए, पेशेवर स्थानांतरण सेवा प्रदाताओं को नियुक्त करने की सलाह दी जाती है लेकिन कंपनी के इतिहास और पृष्ठभूमि की जांच कर लेने के बाद। आपको एक पैकर्स मूवर्स कंपनी के पंजीकरण दस्तावेजों और पहले के ग्राहकों की कई समीक्षाएं पढ़ कर, उनका व्यापक शोध करना चाहिेए। लेकिन सामान्य ज्ञान के अनुसार, दस्तावेज़ीकरण, कंपनी विवरण, कार्यालय स्थान आदि की पुष्टि करना आसान काम नहीं है और पहली बार जांच करने वाले के लिए अत्यधिक समय लग सकता है।
प्रत्येक ग्राहक पहली कोशिश में अपने निकट के ईमानदार पैकर्स एंड मूवर्स कंपनी से संपर्क कर रहा है और बाजार में धोखाधड़ी सेवा प्रदाताओं का खात्मा हो रहा है, यह सुनिश्चित करने के लिए एश्योरशिफ्ट की स्थापना की गई थी।
AssureShift Packers and Movers एक मानक बन गया है यह भारत का सबसे अच्छी ऑनलाइन पैकर्स और मूवर्स निर्देशिका है, जिसमें 25 से अधिक शहरों के शीर्ष पैकर्स और मूवर्स की सूची है। 2017 की शुरुआत में लॉन्च होने के बाद से, एश्योरशिफ्ट ने देश भर में 50,000 से अधिक परिवारों और व्यक्तियों को सफलतापूर्वक स्थानांतरित किया है। हमारे पार्टनर पैकर्स और मूवर्स के पास पर्याप्त अनुभव है और वे घरेलू सामान पैकिंग और मूविंग, कार ट्रांसपोर्टेशन सर्विसेज, बाइक शिफ्टिंग सर्विसेज, ऑफिस शिफ्टिंग आदि जैसे सभी प्रकार के सामानों को स्थानांतरित करने के लिए अच्छी तरह से प्रशिक्षित हैं। हम सुनिश्चित करते हैं इस दौरान हमारी पार्टनर कंपनियां उच्च गुणवत्ता वाली सेवाओं, किफायती शुल्क, समय पर घर से पिकअप और डिलीवरी, पेशेवर व्यवहार जैसे पूर्ण ग्राहक सहायता का आश्वासन दे रही हैं।
एक बार जब ग्राहक पूछताछ फॉर्म भरते हैं, तो मुश्किल से 10 क्लिक के भीतर, एश्योरशिफ्ट निर्दिष्ट स्थानांतरण आवश्यकताओं के अनुसार ग्राहक के निकटतम 3 शीर्ष पैकर्स एंड मूवर्स कंपनियों को संदर्भित करता है। ग्राहक सटीक स्थानांतरण शुल्क प्राप्त करने के लिए प्री-मूव सर्वेक्षण कर सकते हैं और दरों, प्रोफाइल, समीक्षाओं और रेटिंग की तुलना करके सबसे उपयुक्त पैकर्स और मूवर्स कंपनी के साथ सौदा कर रहे हैं।
एश्योरशिफ्ट का 4-चरणीय तरीका एक सुनिश्चित स्थानांतरण के लिए
#1 पूर्ण तरह से बैकग्राउंड की जांच
एक पैकर्स और मूवर्स कंपनी की विश्वसनीयता साबित करने वाले मुख्य कागज-पत्र में से एक यह है कि उनके पास सरकार द्वारा दिए गए आवश्यक पंजीकरण दस्तावेज होना चाहिए। एश्योरशिफ्ट निम्न प्रकार से जाँच करके स्थानांतरण सेवा प्रदाताओं की पूरी गहराई से पृष्ठभूमि का सत्यापन करता है:
- कंपनी जीएसटी पंजीकरण,
- कार्यालय सेटअप, स्थान और प्रमाण,
- ओनर आईडी प्रूफ,
- संपर्क विवरण,
- ग्राहक प्रतिक्रिया के साथ पूर्व कार्य अनुभव,
- Google रेटिंग और समीक्षाएं।
एश्योरशिफ्ट ग्राहकों को परेशानी मुक्त और विश्वसनीय पैकिंग मूविंग सेवाएं प्रदान करने और उनके स्थानांतरण के अंत में 100% संतुष्टि की सुनिश्चित करता है।
#2 बजट के अनुकूल दरों पर सर्वोत्तम मिलान वाली सेवाएं
हमारे पार्टनर पैकर्स एंड मूवर्स के पास रिलोकेशन सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदर्शन करने का अच्छा अनुभव है और ग्राहकों की आवश्यकता के अनुसार किसी भी आइटम को स्थानांतरित करने के लिए अच्छी तरह से प्रशिक्षित हैं। वे शुरू से अंत तक पूरी प्रक्रिया को संभालने में सक्षम हैं, यानी, एक अच्छी तरह से नियोजित रणनीति तैयार करना, पैकिंग, लोडिंग, पूरी सुरक्षा के साथ वस्तुओं का परिवहन, और गंतव्य पर अनलोडिंग और अनपैकिंग करना।
युक्ति: भारत में सबसे सटीक पैकर्स और मूवर्स शुल्क प्राप्त करने के लिए (किसी भी आइटम को देश में किसी भी स्थान पर ले जाने के लिए), हमेशा एक भौतिक प्री-मूव सर्वेक्षण अनुरोध करें। जब मूवर्स व्यक्तिगत रूप से वस्तुओं का सर्वेक्षण करते हैं, तो उन्हें सटीक आवश्यकताओं का बेहतर विचार मिलता है और वे स्थानांतरण लागत की अधिक सटीक गणना करने में सक्षम होते हैं।
#3 लाइटनिंग-फास्ट रिस्पांस और एंड-टू-एंड सपोर्ट
एश्योरशिफ्ट ग्राहकों के किसी भी प्रश्न का तुरंत जवाब देकर आपके हर कदम को परेशान मुक्त बनाने के लिए निरंतर काम करता है।
- फॉर्म जमा करते ही ग्राहकों को तुरंत रेफर किए गए मूवर्स की पूरी जानकारी मिल जाएगी।
- हमारे मूवर्स भी जल्दी से स्थानांतरण लागत का अनुमान लगाते हैं या भौतिक पूर्व-चाल सर्वेक्षण के लिए घर भी आ सकते हैं।
- एश्योरशिफ्ट के उपयोग सेआसान इंटरफेस के साथ, कई मूवर्स के विवरणों की तुलना कम समय में आसानी से की जा सकती है (जैसे, चेकिंग शुल्क, सेवाओं की पेशकश, रेटिंग, समीक्षा, आदि)।
साथ ही, एश्योरशिफ्ट सुनिश्चित करता है कि ग्राहकों को पूरी स्थानांतरण प्रक्रिया के दौरान आवश्यक समर्थन मिले, यानी अनुरोध जमा करने के समय से लेकर सामान की अंतिम डोरस्टेप डिलीवरी तक।
# 4 नियमित प्रतिक्रिया और गुणवत्ता संरक्षण
एश्योरशिफ्ट ग्राहकों की पूर्ण संतुष्टि सुनिश्चित करने के लिए काम करता है। ग्राहकों से नियमित फीडबैक लेने से संभावित ग्राहकों को अच्छी तरह से सूचित निर्णय लेने में मदद मिलती है और साथ ही साथ हर दिन काम करने की प्रक्रिया में सुधार होता है। एश्योरशिफ्ट को ग्राहकों द्वारा सामना की स्थानांतरण के समय आने वाली विभिन्न समस्याओं जैसे कि अचानक मूल्य वृद्धि, सामान का नुकसान, स्थानांतरण के दौरान मूवर्स के अनैतिक व्यवहार पता चलता रहता है।
प्राप्त शिकायतों की गंभीरता के आधार पर, एश्योरशिफ्ट सेवा की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए आवश्यक कार्रवाई करता है, :जैसे
- गैर-पेशेवर मूवर्स और पैकर्स को अस्थायी रूप से निलंबित या वेबसाइट से उनके व्यावसायिक प्रोफाइल को स्थायी रूप से हटाकर दंडित करना, साथ ही साथ
- लिस्टिंग में उच्च रैंक मैं रख के शीर्ष प्रदर्शन करने वाली कंपनियों को पुरस्कृत करना ।
निष्कर्ष के तौर पर
एश्योरशिफ्ट समझती है कि कई सारे सामान ले जाना जोखिम भरा हो सकता है और वित्तीय, मानसिक और शारीरिक दबाव पैदा कर सकता है, खासकर बिना किसी पूर्व अनुभव से किया गया हो तो। इसके अलावा, बहुत से ग्राहक वास्तव में भरोसेमंद स्थानांतरण सेवा प्रदाताओं को किराए पर लेने का सही तरीका भी नहीं जानते हैं। और तो और क्योंकि वर्तमान समय में कई धोखाधड़ी करने वाली कंपनियां भी बाजार में स्थापित हैं।
धोखेबाज पैकर्स और मूवर्स को खत्म करने के मिशन के साथ, एश्योरशिफ्ट ने स्थानांतरण कंपनियों के काम काज़ की प्रक्रिया में सुधार लाई हे, और इसके परिणामस्वरूप, भारत में पैकिंग और स्थानांतरित करने की प्रक्रिया में क्रांतिकारी बदलाव आया है। एश्योरशिफ्ट के माध्यम से जाने का सबसे महत्वपूर्ण लाभ यह है कि भरोसेमंद पैकर्स और मूवर्स ढूंढना आसान हो जाता है, और बजट के अनुसार सही कंपनी मिनटों के अंदर मिल जाता है।
खबरें और भी हैं...
दैनिक भास्कर हिंदी: COVID-19: रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट किट के इस्तेमाल पर रोक, इस वजह से लिया गया फैसला
दैनिक भास्कर हिंदी: कांग्रेस: अनियोजित लॉकडाउन से करोड़ों नौकरियां गईं, सिब्बल बोले- 'अर्थव्यवस्था का लॉकआउट’
दैनिक भास्कर हिंदी: उड़ान के लिए तैयार हो रहा आईजीआई का टर्मिनल-3 (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)
दैनिक भास्कर हिंदी: देश मे राष्ट्रीय राजमार्गों पर सिर्फ 20 फीसदी ट्रकों का हो रहा परिचालन
दैनिक भास्कर हिंदी: पंजाब के होशियारपुर में संत पर हमले की विहिप ने निंदा की