केंद्र एजीआर का 96 प्रतिशत बकाया वापस लेने को तैयार

Center ready to withdraw 96 percent of AGR dues
केंद्र एजीआर का 96 प्रतिशत बकाया वापस लेने को तैयार
केंद्र एजीआर का 96 प्रतिशत बकाया वापस लेने को तैयार

नई दिल्ली, 18 जून (आईएएनएस)। केंद्र ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि वह समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) मामले में विभिन्न सार्वजनिक उपक्रमों पर लंबित चार लाख करोड़ रुपये की 96 प्रतिशत राशि वापस लेने को तैयार है।

केंद्र की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि केंद्र पीएसयू से मांगे गए एजीआर के 96 फीसदी हिस्से को वापस ले रहा है।

मेहता ने शीर्ष अदालत में एक हलफनामा दायर कर बताया कि क्यों पीएसयू पर एजीआर बकाया उठाया गया और अदालत के समक्ष दलील दी गई कि चार लाख करोड़ रुपये के बिल का 96 प्रतिशत वापस लिया जा रहा है।

शीर्ष अदालत ने कहा कि पीएसयू दूरसंचार सेवाएं प्रदान करने के व्यवसाय में नहीं हैं।

पिछले हफ्ते शीर्ष अदालत ने एजीआर मामले पर उसके पिछले साल के फैसले की आड़ में विभिन्न सार्वजनिक उपक्रमों से चार लाख करोड़ रुपये की मांग को उठाने के लिए दूरसंचार विभाग (डीओटी) को फटकार लगाई थी और उसके संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही शुरू करने की चेतावनी दी थी।

शीर्ष अदालत ने सॉलिसिटर जनरल से कहा था कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों से दूरसंचार के बकाया राशि की मांग को वापस लिया जाना चाहिए।

मेहता ने कहा कि पीएसयू दूरसंचार स्पेक्ट्रम ले रखे हैं।

पीठ ने मेहता से पूछा कि सरकार ने विभिन्न सार्वजनिक उपक्रमों से मांग करने के फामूर्ले को तैयार करने के लिए एजीआर पर उसके फैसले का इस्तेमाल कैसे किया।

पीठ ने कहा कि कई वर्षों तक कोई मांग क्यों नहीं की गई, जबकि फैसला आने के बाद मामले को उठाया गया। बता दें कि अक्टूबर 2019 में एजीआर के संबंध में फैसला आया था।

पीठ ने कहा, पीएसयू के खिलाफ मांग पूरी तरह से अस्वीकार्य है।

Created On :   18 Jun 2020 10:30 AM GMT

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