कच्चा तेल 14 साल के उच्चतम स्तर पर, एशियाई बाजार में कोहराम
- सोमवार को एशियाई शेयर बाजारों में कच्चे तेल के कारण आग लगी हुई है
डिजिटल डेस्क, नयी दिल्ली। रूस से कच्चे तेल के आयात पर प्रतिबंध लगाने की पश्चिमी देशों के मंशा ने न सिर्फ कच्चे तेल की कीमतों को आसमान पर पहुंच दिया है बल्कि प्रमुख एशियाई बाजारों में भी तबाही मचा दी है।
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार को बाजार खुलने ही ब्रेंट क्रूड वर्ष 2008 के बाद के उच्चतम 139.13 डॉलर प्रति बैरल पर और अमेरिकी क्रूड 130.50 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
फिलहाल ब्रेंट क्रूड 10.6 प्रतिशत यानी 12.60 डॉलर की तेजी के साथ 130.72 डॉलर प्रति बैरल पर है। अमेरिकी क्रूड भी नौ फीसदी की छलांग लगाकर 126.09 डॉलर प्रति बैरल पर है।
कच्चा तेल साल की शुरूआत से अब तक 67 प्रतिशत महंगा हुआ है और दुनिया भर के शेयर बाजारों पर इसका असर दिखने लगा है।
सोमवार को एशियाई शेयर बाजारों में कच्चे तेल के कारण आग लगी हुई है। जापान का निक्के ई और हांगकांग का हैंगशैंग तीन फीसदी से अधिक टूटा है जबकि चीन का शंघाई कंपोजिट और बीएसई का सेंसेक्स तथा एनएसई के निफ्टी में दो फीसदी से अधिक की गिरावट देखी जा रही है।
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिन्केन ने रविवार को कहा कि अमेरिकी सरकार और सहयोगी देश रूस से कच्चे तेल के आयात पर प्रतिबंध लगाने की सोच रहे हैं।
इसके बाद अमेरिका के निचली सदन की स्पीकर नैन्सी पेलोसी ने भी कहा कि प्रतिनिधि सभा रूस से तेल के आयात पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है और साथ ही सदन इस सप्ताह यूक्रेन के लिये 10 अरब डॉलर की सहायता राशि जारी कर सकता है।
उन्होंने कहा कि सदन रूस को वैश्विक अर्थव्यवस्था से अलग थलग करने के लिये सख्त पाबंदियां लगाने पर विचार कर रहा है।
गौरतलब है कि वैश्विक बाजार में पहले से ही यह आशंका जोर पर थी कि पश्चिमी देश कच्चे तेल के आयात को भी प्रतिबंध की सूची में शामिल कर देंगे।
रूस कच्चे तेल के उत्पादन के मामले में दुनिया में तीसरे और निर्यात के मामले में दूसरे स्थान पर है। ऐसी स्थिति में रूस से कच्चे तेल के आयात पर लगाया गया प्रतिबंध इसकी वैश्विक आपूर्ति के लिये बहुत बड़ा संकट है।
वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की आपूर्ति कम होने से इसके दाम तेजी से बढ़ रहे हैं, जिसके कारण दुनिया भर के शेयर बाजारों में भी कोहराम मचा हुआ है।
आईएएनएस
Created On :   7 March 2022 1:30 PM IST