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दैनिक भास्कर हिंदी: पाकिस्तान की तर्ज पर चीनी वस्तुओं पर भी बढ़े आयात शुल्क : उद्योग

हाईलाइट
- पाकिस्तान की तर्ज पर चीनी वस्तुओं पर भी बढ़े आयात शुल्क : उद्योग
नई दिल्ली, 19 जून (आईएएनएस)। चीनी वस्तुओं के बहिष्कार की आवाज उठने होने के साथ-साथ देसी उद्योग को बढ़ावा देने की मांग की तेज हो गई। देश के कारोबारी चाहते हैं कि सरकार पाकिस्तान की तर्ज पर ही चीनी वस्तुओं पर भी भारी आयात शुल्क लगा दे ताकि आयात महंगा होने से देसी उद्योग को प्रोत्साहन मिले।
सरहद पर चीन के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सेना के अधिकारी समेत 20 सैनिकों के शहीद होने के बाद से देश के जनमानस में गुस्सा है और चीनी वस्तुओं का बहिष्कार करने की आवाज तेज हो गई है। केंद्र सरकार के दो मंत्रियों ने भी लोगों से चीनी वस्तुओं का बहिष्कार करने की अपील की है।
हालांकि देश के कारोबारी कहते हैं कि चीन को सबक सिखाने का सबसे अच्छा तरीका यह होगा कि जिस तरह पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तानी वस्तुओं पर आयात शुल्क पिछले साल 200 फीसदी बढ़ा दिया था उसी प्रकार चीनी वस्तुओं पर भी भारी आयात शुल्क लगा दिया जाए।
पिछले साल फरवरी में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 40 जवान शहीद हो गए थे जिसके बाद भारत ने पाकिस्तान को 1996 में सबसे तरजीही राष्ट्र का दर्जा छिनने के साथ-साथ पाकिस्तानी वस्तुओं के आयात पर शुल्क में 200 फीसदी की वृद्धि कर दी थी।
इंडियन इंपोर्ट्स चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के डायरेक्टर टी. के. पांडेय ने आईएएनएस को कहा, चीनी वस्तुओं का लोग बहिष्कार कर रहे हैं जिससे आयातक भी नये सौदों से बच रहे हैं। लेकिन मजबूरी यह है कि आज हर हाथ में चीनी मोबाइल है और इसी प्रकार कई अन्य वस्तुएं भी हैं। इसलिए जब हम इससे बेहतर क्वालिटी के देसी उत्पाद लोगों को देंगे तो चीनी वस्तुओं को लोग खुद नापसंद करने लगेंगे।
पांडेय ने कहा कि सरकार को चीनी वस्तुओं पर आयात शुल्क उसी प्रकार बढ़ा देना चाहिए जिस प्रकार पाकिस्तानी वस्तुओं पर पिछले साल बढ़ाया गया था।
चीन से भारत इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, इलेक्ट्रिक मशीनरी, टेलीविजन इक्वीपमेंट, गार्मेंट एसेसरीज समेत अनेक कच्चे माल और तैयार वस्तुओं का आयात करता है जबकि चीन भारत से रूई, धागे, खनिज, रासायनिक उत्पाद व अन्य सामान खरीदता है। भारत द्वारा चीन का चीन को जितने मूल्य का सालाना निर्यात किया जाता है उससे तकरीबन पांच गुना मूल्य का सामान चीन से भारत आता है।
कपड़ा उद्योग में भी रंग-रंजक समेत कई प्रकार की एक्सेसरी का जो इस्तेमाल होता है उसका आयात चीन से सस्ता पड़ता है।
कान्फेडरेशन ऑफ इंडियन टेक्सटाइल इंडस्ट्री के पूर्व चेयरमैन संजय जैन ने कहा कि सरकार को चीनी से आयातित खिलौने, मूर्तियां व अन्य तैयार वस्तुओं पर शुल्क बढ़ाना चाहिए और घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहन देना चाहिए। उन्होंने कहा कि कच्चे माल के आयात पर आयात शुल्क ज्यादा बढ़ाने से देश में बनने वाली वस्तुएं महंगी हो सकती हैं।
भारत-चीन सीमा पर लद्दाख स्थित गलवान घाटी में 15 जून को दोनों देशों की सेना के बीच झड़प में भारतीय सेना के एक अधिकारी समेत 20 सैनिक शहीद हो गए। इस घटना के बाद देश में चीनी वस्तुओं के बहिष्कार की आवाज तेज हो गई है।
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने भी लोगों से चीनी वस्तुओं का उपयोग नहीं करने की अपील की है। पासवान ने चीन से आयातित उत्पादों को भारतीय मानक ब्यूरो के मानकों पर परखने और मानकों का सख्ती से पालन करने की बात कही है।
गणतंत्र दिवस : स्कोप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन में मनाया गया गणतंत्र दिवस समारोह
डिजिटल डेस्क, भोपाल। स्कोप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में 74वां गणतंत्र दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. डी.एस. राघव निदेशक, स्कोप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन उपस्थित थे। गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में डॉ. सत्येंद्र खरे, सेक्ट कॉलेज ऑफ प्रोफेशनल एजुकेशन के प्रिंसिपल, डॉ. नीलम सिंह, सेक्ट कॉलेज ऑफ बीएड की प्रिंसिपल और डॉ. प्रकृति चतुर्वेदी, स्कोप पब्लिक हायर सेकेंडरी स्कूल की प्रिंसिपल विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुएl कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. डी.एस.राघव ने झन्डा फंहराया गया तथा विद्यालय के छात्र छात्राओं ने अनुशासन एवं कौशल का परिचय देते हुए आकर्षक परेड की प्रस्तुति दीl विद्यालय के बच्चों द्वारा शारीरिक व्यायाम के महत्व को प्रकट करते हुए मनमोहक पीटी प्रस्तुत की गई l
स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज, बी.एड कॉलेज, स्कोप प्रोफेशनल कॉलेज तथा स्कोप स्कूल के विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय एकता अखंडता एवं देश प्रेम से ओतप्रोत प्रस्तुतियां दीl कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण उरी हमले पर आधारित नृत्य नाटिका तथा रानी लक्ष्मीबाई के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को चित्रित करता हुआ नृत्य गीत था। मुख्य अतिथि डॉ डीएस राघव ने अपने संबोधन में कहा कि हम अपने कर्तव्यों का निर्वाहन ईमानदारी एवं पूर्ण निष्ठा के साथ करते हैं तो यही आज के समय में हमारी सच्ची देश सेवा है। कार्यक्रम के अंत में विद्यालय की प्राचार्या डॉ. प्रकृति चतुर्वेदी ने सभी को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कार्यक्रम की आयोजन समिति के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हम अपने उद्देश्य के प्रति ईमानदार रहेंगे और उसके प्रति पूर्ण कर्तव्यनिष्ठा से कार्य करेंगेl
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