#Infosys : नंदन नीलेकणी को फिर कमान, 4 बोर्ड डायरेक्टर्स का इस्तीफा

डिजिटल डेस्क, बेंगलुरू। नंदन नीलेकणी की इंफोसिस में वापसी हो गई है। इंफोसिस के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) नंदन नीलेकणी को कंपनी का चेयरमैन नियुक्त किया गया है। विशाल सिक्का के इंफोसिस के सीईओ पद से इस्तीफा देने के बाद अब कंपनी बोर्ड ने उन्हें नॉन एग्जिक्यूटिव नॉन इंडिपेंडेंट चेयरमैन बनाया है। वहीं बोर्ड के 4 डायरेक्टर ने इस्तीफा दे दिया है।
UIDAI के लिए बनाई थी इन्फोसिस से दूरी
कुछ एडवाइजरी फर्म्स ने पहले ही नंदन निलेकणी के गैर-कार्यकारी अध्यक्ष की भूमिका में लाने की बात को और चल रहे विवाद को खत्म करने का सपोर्ट किया था। गौरतलब है कि निलेकणी ने भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण जॉइन करने के लिए जून 2009 में इस्तीफा देने के बाद से इन्फोसिस से लगातार दूरी बनाए रखी है। माना जाता है कि जब मूर्ति साल 2013 में दोबारा कंपनी में लौटे तो उन्होंने निलेकणी को भी ऐसा करने के लिए कहा, लेकिन वो नहीं माने।
खास बात यह है इस साल जून के अंत में इन्फोसिस में म्यूचुअल फंडों की हिस्सेदारी 8.95 फीसदी और बीमा कंपनियों की 11.05 फीसदी है। कंपनी में इन दोनों की हिस्सेदारी करीब 20 फीसदी है। इसके अलावा संस्थापकों की इक्विटी हिस्सेदारी भी लगभग 12 फीसदी है। संस्थापकों के साथ विवाद में इन्फोसिस के सीईओ एवं एमडी विशाल सिक्का के बीते हफ्ते अचानक इस्तीफा देने के बाद से कंपनी में शीर्ष पद के लिए कयास लगाए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि निदेशक बोर्ड के एक्जीक्यूटिव चेयरमैन आर शेषसायी और को-चेयरमैन रवि वेंकटेशन का कंपनी के संस्थापकों के साथ टकराव को देखते हुए उनकी भी विदाई हो सकती है। बालाकृष्णन बीते सोमवार को ही मांग उठाई थी कि इन्फोसिस के बोर्ड का पुनर्गठन किया जाए। इससे पहले इन दोनों को अपने पद से हट जाना चाहिए।
मूर्ति करेंगे निवेशकों से बात
इन्फोसिस के सह-संस्थापक नारायणमूर्ति की कंपनी के बड़े निवेशकों के साथ बहुप्रतीक्षित बातचीत उनके बीमार होने के चलते टल गई है। यह बातचीत बुधवार को प्रस्तावित थी। अब वह ग्लोबल निवेशकों के साथ कांफ्रेंस कॉल के जरिये 29 अगस्त को बात करेंगे। इस दौरान मूर्ति कंपनी में कॉरपोरेट गवर्नेंस और अन्य मुद्दों को लेकर निवेशकों को आश्वस्त करेंगे।
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह इन्फोसिस के पहले गैर-संस्थापक सीईओ विशाल सिक्का ने अपने पद से अचानक इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद लगातार दो सत्रों में कंपनी का शेयर 15 प्रतिशत टूट गया था और उसके बाजार पूंजीकरण में 34,000 करोड़ रुपये की कमी आई थी।
Created On :   24 Aug 2017 8:56 AM IST