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लॉकडाउन से बढ़ा चीनी का उत्पादन, 270 लाख टन होने की उम्मीद

हाईलाइट
- लॉकडाउन से बढ़ा चीनी का उत्पादन, 270 लाख टन होने की उम्मीद
नई दिल्ली, 2 जून (आईएएनएस)। देश में निजी मिलों का शीर्ष संगठन इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) ने मंगलवार को कहा कि चालू गन्ना पेराई सीजन 2019-20 (अक्टूबर-सितंबर) में चीनी का उत्पादन 270 लाख टन हो सकता है। इससे पहले इस्मा ने इस साल 265 लाख टन चीनी का उत्पादन होने का अनुमान जारी किया था।
उद्योग संगठन ने कहा कि लॉकडाउन के चलते गुड़ और खंडसारी फैक्टरियां जल्दी बंद हो जाने के कारण उनमें खपत होने वाला गन्ना चीनी मिलों में आ गया जिसके कारण चीनी का उत्पादन पिछले अनुमान के मुकाबले बढ़ गया है।
इस्मा के आंकड़ों के अनुसार, चालू सीजन में 31 मई तक देशभर में 268.21 लाख टन चीनी का डत्पादन हुआ जोकि पिछले साल की समान अवधि के 327.53 लाख टन के मुकाबले 59.32 लाख टन कम है, लेकिन पूरे सीजन में पिछले साल के मुकाबले 60 लाख टन चीनी का उत्पादन कम रह सकता है।
देश में चीनी के सबसे बड़े उत्पादक उत्तर प्रदेश में 31 मई तक 125.46 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जोकि पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 7.65 लाख टन ज्यादा होने के साथ-साथ प्रदेश में अब तक का रिकॉर्ड उत्पादन है। उत्तर प्रदेश में 14 चीनी मिलें अभी भी चालू है जबकि देशभर में 18 मिलों में उत्पादन चल रहा है।
महाराष्ट्र में चीनी का उत्पादन 60.98 लाख टन हुआ है जोकि पिछले साल के मुकाबले 46.2 लाख टन कम है। पिछले साल महाराष्ट्र में चीनी का उत्पादन 107.20 लाख टन हुआ था। देश में चीनी का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक कर्नाटक है जहां इस बार 33.82 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है जबकि पिछले साल 43.25 लाख टन हुआ था। तमिलनाडु में चीनी का उत्पादन 5.78 लाख टन हुआ है जबकि पिछले साल 7.22 लाख टन हुआ था। वहीं, गुजरात, पंजाब, हरियाणा, आंधप्रदेश, तेलंगाना, बिहार, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और ओडिशा को मिलाकुर कुल चीनी का उत्पादन 42.17 लाख टन है।
उद्योग संगठन ने बताया कि लॉकडाउन में ढील के बाद मई से बिक्री में सुधार आया है और जून के लिए सरकार ने 18.5 लाख टन का कोटा रिलीज किया है। आगे होटल, रेस्तरां आदि के खुलने से देश में चीनी की मांग बढ़ने की उम्मीद है। इस्मा के अनुसार, चालू सीजन के आखिर में 30 सितंबर को चीनी का बकाया स्टॉक 115 लाख टन रह सकता है जबकि उद्योग संगठन ने पहले 95-100 लाख टन रहने का अनुमान जारी किया था।
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