बिजनेस के लिहाज से खट्टा-मीठा रहा साल 2017
![year 2017 was cataclysm for the business year 2017 was cataclysm for the business](https://d35y6w71vgvcg1.cloudfront.net/media/2017/12/year-2017-was-cataclysm-for-the-business_730X365.jpg)
डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। 2017 विदाई की कगार पर खड़ा है। यह पूरा साल कारोबार और भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बहुत खास नहीं रहा। मोदी सरकार ने इस साल वस्तु एवं सेवा कर (GST) को लागू कर एक बहुत बड़ी उपलब्धि बेशक हासिल की हो, लेकिन उनकी इस उपलब्धि से आम जनता उलझी हुई नजर आई। 2016 में जिस तरह से नोटबंदी ने लोगों को दिन में तारे दिखा दिए थे। ठीक वैसा ही काम इस साल जीएसटी ने किया। वहीं महंगाई के मोर्चे पर भी सरकार को इस साल बहुत जूझना पड़ा है। इतना ही नहीं साल के खत्म होते-होते आधार कार्ड भी एक अहम मुद्दा बना गया।
आइए आपको बताते हैं कि बिजनेस के क्षेत्र में साल 2017 कैसे परेशानियों भरा रहा है......
आधार कार्ड
साल 2017 में आधार कार्ड आम जनता के लिए उतना ही जरूरी हो गया है जितना खाना। सरकार की किसी भी पॉलिसी का लाभ उठाने के लिए आपको सबसे पहले आधार को सेवा से लिंक कराना होगा तभी आप उस सेवा का फायदा उठा सकते हैं। बैंक खाता हो या पैन कार्ड, बीमा पॉलिसी हो या मोबाइल नंबर, आधार सबके लिए अति महत्वपूर्ण हो गया है और तय सीमा के भीतर इन सेवाओं और सुविधाओं को 31 मार्च 2018 तक आधार से लिंक करना अनिवार्य हो गया है। ऐसा नहीं करने से आपको मिल रही ये सुविधाएं बंद हो जाएंगी। पहले आधार लिंकिंग की अंतिम तारीख 31 दिसंबर 2017 थी।
आधार को सरकारी सेवाओं से लिंक कराने को लेकर बहुत से विवाद भी उठे हैं साथ ही सुप्रीम कोर्ट में आधार कार्ड की अनिवार्यता के खिलाफ दाखिल याचिका पर भी सुनवाई चल रही है।
GST
साल 2017 में सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि गुड्स एंड सर्विस टैक्स लाागू करना रही। यह देश का सबसे बड़ा टैक्स सुधार है। GST के आने के बाद देश के हर नागरिक के जीवन पर इसका असर पढा है। पूरे देश में एक जैसी टैक्स व्यवस्था लागू करने के लिए सरकार के बहुत प्रयासों के बाद 1 जुलाई 2017 से देश में समान टैक्स व्यवस्था GST लागू हो गई। GST में टैक्स के 4 स्लैब बनाए गए हैं। सभी वस्तुओं और सेवाओं को 5, 12, 18 और 28 फीसदी के टैक्स स्लैब में रखा गया है।
महंगाई की भारी मार
साल का एंड आ गया है, लेकिन महंगाई टस से मस नहीं हुई है। जिन वादों के साथ साल शुरू हुआ था उन वादों ने भी पूरा ना होने के उम्मीद में साल के अंत तक दम तोड़ दिया है। यह पूरा साल रसोई पर शनि की साढ़े साती जैसा रहा। जहां एक तरफ प्याज के दामों ने लोगों को खूब रूलाया वहीं टमाटर के दामों ने भी सबकी नाक में दम कर रखा है। स्थिति तो तब बेकाबू हो गई जब टमाटर के दाम 100 रुपए किलो के पार पहुंच गए और लोग टमाटर चोरी पर उतर आए। प्याज ने भी कोई कम लोग को नहीं रूलाया है। 5 से 10 रुपए किलो बिकने वाला प्याज 2017 में 50 से 80 रुपए किलो तक बिक रहा है। पैट्रोल, डीजल, LPG की कीमतों ने भी आम आदमी की जेब को तगड़ा झटका दिया है।
RBI ने जारी किए नए नोट
साल 2017 में देश भर के लोगों को RBI ने 2 नए करेंसी नोटों की सौगात दी। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इस साल 200 और 50 रुपए के नए नोट को जारी किए थे। बता दें कि 200 रुपए के नए नोट का बेस कलर ब्राइट येलो है। नोट पर आगे गांधी जी की तस्वीर है, जबकि पीछे के हिस्से पर सांची का स्तूप है। 50 रुपए के नए नोट का रंग हल्का नीला है। ऐसा पहली बार है कि जब RBI ने देश में 200 का नोट निकाला हो।
मूडीज ने बढ़ाई रेटिंग
नवंबर में ग्लोबल रेटिंग्स एजेंसी मूडीज ने 13 साल बाद भारत की रेटिंग सुधारी। एजेंसी ने भारत की रेटिंग बीएए3 से बढ़ाकर बीएए2 कर दी। रेटिंग आउटलुक भी पॉजिटीव से स्टेबल कर दिया। इतना ही नहीं मूडीज ने GST, नोटबंदी और आधार की तारीफ भी की। इसके अलावा बैंकों को पूंजी देने का फैसला भी रेटिंग एजेंसी को भा गया।
Created On :   29 Dec 2017 5:09 AM GMT