आक्रोश: शराबबंदी के लिए महिलाएं पहुंची थाने

शराबबंदी के लिए महिलाएं पहुंची थाने
  • अवैध शराब, मटका, जुआ खुलेआम जारी
  • महिलाओं और बच्चों को परेशानी हो रही
  • महिलाओं के गुस्से से कुछ देर के लिए माहौल गंभीर

डिजिटल डेस्क, बालापुर. खामखेड़ गांव में अवैध शराब, मटका, जुआ खुलेआम जारी है। जिसके कारण कई परिवार बर्बाद हो गए और कुछ महिलाओं को वैधव्य प्राप्त हुआ है। बार-बार मांग के बावजूद शराबबंदी नहीं होने से नाराज गांव की करीब एक सौ महिलाएं योद्धा बन गईं और बालापुर थाने में दस्तक दी। यदि दस दिन के भीतर गांव में अवैध शराब का कारोबार बंद नहीं हुआ, तो वे पुलिस अधीक्षक से शिकायत करने की चेतावनी दी है। यहां से 10 किमी दूर खामखेड़ गांव में खुलेआम अवैध शराब बेची जा रही है। इसके साथ ही सट्टा, मटका, जुआ जैसे अवैध धंधे भी सामने आए हैं।

महिलाओं और बच्चों को परेशानी हो रही है। गांव की करीब सौ महिलाएं इन अवैध धंधों के खिलाफ कार्रवाई के लिए थाने पहुंचीं। नाराज महिलाओं ने 'हमारे यहां शराब की बिक्री बंद हो' के नारे लगाए। शराब बंदी के लिए ग्राम पंचायत में पहले भी प्रस्ताव लिया जा चुका है। पुलिस स्टेशन के निरीक्षक अनिल जुमाले को ने ना.पो.का.अमोल ओहेकर के माध्यम से महिलाओं ने ज्ञापन सौंपा है। उपस्थित महिलाओं ने परेशानी बताते हुए कहा कि अवैध गतिविधियों के कारण युवा नशे के आदी हो गए हैं और हर वर्ष शराब के कारण एक व्यक्ति की मौत हो जाती है।

शराब की वजह से मरने वाले शख्स की विधवा पत्नी ने बताया कि कैसे उसकी जिंदगी तबाह हो गई। महिलाओं के गुस्से से कुछ देर के लिए माहौल गंभीर हो गया। उसके बाद ओहेकर ने कार्रवाई का ठोस आश्वासन दिया। ज्ञापन देते अवसर सरपंच पति उद्धव हेगे, पूर्व सरपंच प्रदीप इंगले, सुरेश इंगले, ग्रापं कर्मचारी आकाश इंगले, ग्रापं सदस्य शाम इंगले, हिम्मत इंगले, शेलद ग्रापं सरपंच पति सागर उपर्वट, राजेश इंगले समेत ग्रापं सदस्य और खामखेड़ गांव की असंख्य महिलाएं उपस्थित थीं।

Created On :   13 Sep 2023 12:08 PM GMT

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