Ramon Magsaysay Award: एजुकेट गर्ल्स को मिला रेमन मैग्सेसे पुरस्कार, भारत की लाखों बालिकाओं की शिक्षा में परिवर्तन लाने वाले 55,000 टीम बालिका स्वयंसेवकों को किया समर्पित

एजुकेट गर्ल्स को मिला रेमन मैग्सेसे पुरस्कार, भारत की लाखों बालिकाओं की शिक्षा में परिवर्तन लाने वाले 55,000 टीम बालिका स्वयंसेवकों को किया समर्पित

मनीला (फिलीपींस): भारत की गैर-लाभकारी संस्था एजुकेट गर्ल्स को प्रतिष्ठित रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार संस्था को भारत की लाखों बालिकाओं की शिक्षा में असाधारण परिवर्तन लाने और सामुदायिक सहयोग के माध्यम से शिक्षा को जन-आंदोलन बनाने के लिए प्रदान किया गया है।

एजुकेट गर्ल्स यह सम्मान पाने वाली पहली भारतीय संस्था बन गई है। संस्था ने यह एशिया का सर्वोच्च सम्मान अपने 55,000 टीम बालिका स्वयंसेवकों, फील्ड कोऑर्डिनेटर्स और स्थानीय युवा सलाहकार को समर्पित किया है, जो हर दिन यह सुनिश्चित करने में जुटे हैं कि भारत की हर बालिका को शिक्षा का अवसर मिले और वह अपने सपनों को साकार कर सके।

2007 में स्थापित एजुकेट गर्ल्स ने बीते लगभग दो दशकों में गरीबी और निरक्षरता के चक्र को तोड़ने की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया है। यह संस्था उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश और बिहार के 30,000 से अधिक गांवों में कार्यरत है। अपनी स्थापना से अब तक एजुकेट गर्ल्स ने 55,000 से अधिक सामुदायिक स्वयंसेवकों के सहयोग से 20 लाख से अधिक बालिकाओं को स्कूल से जोड़ा है और अपने उपचारात्मक शिक्षण कार्यक्रम के तहत 24 लाख से अधिक बच्चों की शिक्षा में सुधार किया है।

पुरस्कार ग्रहण करते हुए एजुकेट गर्ल्स की संस्थापिका सफीना हुसैन ने कहा, “यह पुरस्कार हमारी उन बालिकाओं के नाम है जो अपने साहस, हिम्मत और दृढ़ निश्चय से हमें हर दिन प्रेरित करती हैं। वे बालिकाएं जो घर के कामकाज के बीच देर रात तक पढ़ाई करती हैं ताकि स्वयं और अपने परिवार के लिए बेहतर भविष्य बना सकें। यह सम्मान उन अभिभावकों, शिक्षकों, समुदाय के सदस्यों और 55,000 टीम बालिका स्वयंसेवकों के नाम है जो हर दिन इन बालिकाओं के साथ खड़े हैं। जब समुदाय एकजुट होकर बालिका शिक्षा के लिए आगे आते हैं, तो हर लड़की को अवसर, आवाज़ और अपनी पहचान मिलती है।”

रेमन मैग्सेसे पुरस्कार की घोषणा 31 अगस्त 2025 को की गई थी और औपचारिक समारोह 7 नवम्बर 2025 को मनीला (फिलीपींस) के मेट्रोपॉलिटन थिएटर में आयोजित हुआ। एजुकेट गर्ल्स की 25 सदस्यीय टीम, जिसमें फील्ड कोऑर्डिनेटर्स, टीम बालिका स्वयंसेवक और प्रथम पीढ़ी के शिक्षार्थी इस समारोह में शामिल होने के लिए मनीला पहुंची।

एजुकेट गर्ल्स की सीईओ गायत्री नायर लोबो ने कहा, “यह पुरस्कार हमें याद दिलाता है कि जब समुदाय, सरकारें, स्थानीय साझेदार, कार्मिक, स्वयंसेवक और दानदाता एक साथ आते हैं, तो शिक्षा के क्षेत्र में असंभव को संभव बनाया जा सकता है। यह हमारे सामूहिक प्रयासों और सरकारी पहलों का सम्मान है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह हमें हमारे अगले लक्ष्य- वर्ष 2035 तक 1 करोड़ शिक्षार्थियों तक पहुंचने की प्रेरणा देता है। दुनिया भर में लाखों लड़कियां अभी भी सीखने के अवसर की प्रतीक्षा कर रही हैं और हम नहीं चाहते कि उन्हें अब और इंतजार करना पड़े।”

रेमन मैग्सेसे पुरस्कार संस्था ने एजुकेट गर्ल्स को “बालिकाओं और युवतियों की शिक्षा के माध्यम से सामाजिक रूढ़ियों को चुनौती देने, निरक्षरता की बेड़ियों से मुक्त करने और उनमें कौशल, साहस एवं आत्मनिर्भरता की भावना जगाने” के लिए सम्मानित किया। संस्था के सदस्य अब्दुर रहमान, जो 2010 में एजुकेट गर्ल्स के मुंबई मुख्यालय के पहले कर्मचारी के रूप में जुड़े थे, ने कहा, “यह यात्रा मेरे और संस्था दोनों के लिए अत्यंत प्रेरणादायक रही है। मैंने एजुकेट गर्ल्स की प्रगति के साथ-साथ लाखों बालिकाओं की बढ़ती आत्मनिर्भरता भी देखी है। मुझे आज भी याद है जब मैं राजस्थान के पाली जिले में गांव-गांव भ्रमण कर परिवारों से मिल रहा था और भोपु प्रचार के माध्यम से युवाओं को जोड़ रहा था। वही युवा आगे चलकर टीम बालिका बने — हमारे आंदोलन की रीढ़। एक छोटे से गांव से लेकर इस वैश्विक मंच तक पहुंचना वाकई अविश्वसनीय है।”

कार्यालय सहायक बालू गवांडे, जिन्होंने इस समारोह के लिए अपनी पहली अंतरराष्ट्रीय उड़ान भरी, ने कहा, “दो बेटियों के पिता के रूप में यह मिशन मेरे दिल के बहुत करीब है। एजुकेट गर्ल्स टीम का हिस्सा बनकर रेमन मैग्सेसे पुरस्कार प्राप्त करना गर्व और सम्मान का क्षण है।”

एजुकेट गर्ल्स ने एयर इंडिया का विशेष आभार व्यक्त किया, जिन्होंने पहली बार अंतरराष्ट्रीय यात्रा करने वाली बालिकाओं, शिक्षार्थियों और टीम बालिका स्वयंसेवकों के लिए मनीला तक की उड़ानें प्रायोजित कीं।

एजुकेट गर्ल्स के बारे में

एजुकेट गर्ल्स एक भारतीय गैर-लाभकारी संस्था है, जो राज्य सरकारों के साथ मिलकर ग्रामीण और शैक्षिक रूप से पिछड़े इलाकों में बालिकाओं की शिक्षा को सशक्त बनाने के लिए कार्यरत है। संस्था का कार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम, समग्र शिक्षा अभियान, राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) और उल्लास कार्यक्रम के अनुरूप है।

2007 से अब तक, एजुकेट गर्ल्स ने राज्य सरकारों के सहयोग से राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार के 30,000 से अधिक गांवों में 20 लाख से अधिक बालिकाओं का नामांकन सुनिश्चित किया है।

रेमन मैग्सेसे पुरस्कार के बारे में

रेमन मैग्सेसे पुरस्कार एशिया में “मानवता की महानता और प्रेरक नेतृत्व” के उत्सव के रूप में जाना जाता है। यह पुरस्कार हर वर्ष गुप्त वैश्विक नामांकन प्रक्रिया और कठोर मूल्यांकन के बाद चयनित व्यक्तियों या संस्थाओं को प्रदान किया जाता है।

Created On :   8 Nov 2025 1:57 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story