MP News: भाजपा के दबाव में काम कर रहा निर्वाचन आयोग, बीएलओ की नियुक्तियों में गड़बड़ी से लोकतंत्र को खतरा

- मध्य प्रदेश में जारी एसआईआर पर कांग्रेस ने एक बार फिर निशाना साधा है। पार्टी ने इस बार बीएलओ की नियुक्तियों पर मनमानी का आरोप लगाया है।
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मप्र में चल रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन ( एसआईआर ) पर कांग्रेस ने गुरुवार को फिर सवाल उठाए। कांग्रेस ने बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) की नियुक्तियों पर मनमानी का आरोप लगाया है। कांग्रेस की राज्य स्तरीय एसआईआर मॉनिटरिंग कमेटी के चेयरमैन सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि भाजपा सरकार के दबाव में निर्वाचन आयोग अपनी निष्पक्षता खोता जा रहा है। बड़े पैमाने पर धांधली और मनमानी हो रही। वर्मा ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों की खुलेआम अवहेलना करते हुए कई जिलों में फारेस्ट गार्ड, मिड-डे मील कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी सहायिका, और आउटसोर्स कर्मियों जैसे गैर-सरकारी कर्मचारियों को बीएलओ नियुक्त किया गया है।
यह न केवल नियमों का उल्लंघन है, बल्कि मतदान प्रक्रिया की निष्पक्षता पर भी प्रश्नचिह्न खड़ा करता है। जब अनुबंधित कर्मचारी और गैर-सरकारी व्यक्ति बीएलओ बनाए जाएंगे, तो मतदाता सूची की विश्वसनीयता कैसे सुनिश्चित होगी? क्या यह आस्थाई कर्मचारी स्थाई होने के लिए भाजपा की राज्य सरकार के अधीन मतदाता सूची को प्रभावित नहीं करेंगे? आयोग और प्रशासन की यह मनमानी लोकतंत्र की नींव को कमजोर कर रही है। केंद्रीय चुनाव आयोग को स्पष्ट करना चाहिए क्या इस तरह के निर्णय क्या चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल खडे नहीं करते? वर्मा ने कहा की वनरक्षक जैसे कर्मचारी अपने कार्यक्षेत्र से दूर होते हैं, उनके लिए मतदान केंद्र क्षेत्रों में घर-घर सत्यापन करना व्यावहारिक रूप से असंभव है वही मिड -ड़े मील व आंगनवाड़ी सहायिकाएं नियमित सरकारी कर्मचारी नहीं हैं, फिर भी बीएलओ बनाना पूरी तरह गैरकानूनी है। मीटर रीडर और कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी बीएलओ नियुक्त किए गए हैं, जिनकी नियुक्ति आयोग के पात्रता मानकों का उल्लंघन है।
अनेक जिलों में कलेक्टरों द्वारा जारी आदेशों के बावजूद बीएलओ नियुक्तियों में पारदर्शिता नहीं है। वहीं आधार कार्ड लिंकिंग को लेकर भी मतदाता सूची सत्यापन में ढिलाई बरती जा रही है। सर्वोच्च न्यायलय के आदेश के बाद भी आधारकार्ड को प्रामाणिक दस्तावजे मानने से परेहज किया जा रहा है। निर्वाचन आयोग ने बिना समुचित तैयारी के एसआईआर कार्यक्रम थोप दिया है। कई जिलों में फॉर्म, दस्तावेज और सामग्री तक उपलब्ध नहीं हैं। ऐसा लगता है कि सारी प्रक्रिया राजनीतिक दबाव में जल्दबाजी में की जा रही है ताकि मतदाता सूचियों में मनमाफिक संशोधन किए जा सकें। वर्मा ने चेतावनी दी कि यदि इन अनियमितताओं पर शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई, तो कांग्रेस पार्टी प्रदेश के सभी जिला निर्वाचन कार्यालयों पर चरणबद्ध विरोध प्रदर्शन करेगी।
कांग्रेस की ये है मांग
- बीएलओ की नियुक्तियों की त्वरित समीक्षा की जाए।
- अयोग्य व अनुचित बीएलओ को तत्काल हटाया जाए।
- सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार आधार कार्ड लिंकिंग अनिवार्य की जाए एवं उसे भी प्रामाणिक दस्तावेज मे शामिल किया जाए।
- निर्वाचन आयोग निष्पक्षता बरतते हुए भाजपा सरकार के दबाव से मुक्त होकर कार्य करे।
Created On :   7 Nov 2025 5:07 PM IST














