सर्टिफिकेट कोर्स: रबीन्द्रनाथ टैगौर युनिवर्सिटी में हिन्दी छंद लेखन सर्टिफिकेट कोर्स के दो बैच सम्पन्न हुवा, प्रमाण पत्र वितरण समारोह सम्पन्न

रबीन्द्रनाथ टैगौर युनिवर्सिटी में हिन्दी छंद लेखन सर्टिफिकेट कोर्स के दो बैच सम्पन्न हुवा, प्रमाण पत्र वितरण समारोह सम्पन्न
  • गाजियाबाद के कवि योगेश समदर्शी युनिवर्सिटी के माध्यम से संचालित करते हैं यह छंद कोर्स
  • हरियाणा, पंजाब, बिहार, मध्यप्रदेश, गुजरात, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के शहरों से 25 छात्रों ने लिया इस कोर्स में हिस्सा

भोपाल। छंद ही काव्य का वास्तविक स्वरूप है, आज के मंचों से जिस तरह से मूल छंदों का लोप हो रहा है ऐसे में ये छंद प्रशिक्षण कोर्स छंदों के आंदोलन को तेज करेगा। रबीन्द्रनाथ टैगौर युनिवर्सिटी के द्वारा संचालित इस छंद प्रशिक्षण कोर्स को आज की महती जरूरत समझा जाना चाहिए। यह विचार प्रसिद्ध कवि धर्मेन्द्र सौलंकी ने भोपाल स्थित रबीन्द्रनाथ टैगोर युनिवर्सिटी के कथा ऑडिटोरियम में व्यक्त किए। हिन्दी छंद लेखन प्रशिक्षण कोर्स के दो कोर्स में उत्तीर्ण छात्रों के प्रमाण पत्र वितरण समारोह में बोलते हुए धर्मेन्द्र सौलंकी जी ने कहा कि राष्ट्रीय कवि मैथिलि शरण गुप्त ने कहा था कि केवल मनोरंजन न कवि का कर्म होना चाहिए। उसमें उचित उपदेश का भी मर्म होना चाहिए। अत: यह छंद प्रशिक्षण भविष्य के कवियों को इस मूलभूत शिक्षा को देने का सुंदर मंच तैयार करके देगा।

यूनिवर्सिटी की उप कुलसचिव डॉ पूजा चतुर्वेदी ने बताया कि भोपाल स्थित रबीन्द्रनाथ टैगौर यूनिवर्सिटी द्वारा एक ऑनलाइन कोर्स संचालित किया जा रहा है। यह कोर्स पहला ऐसा कोर्स है जो कवियों को हिन्दी के छंदों की प्राथमिक जानकारी सिखाता है। इस कोर्स का संचालन यूनिवर्सिटी के मानवीकि एवं उदार कला संकाय के तहत संचालित होता है। डॉ चतुर्वेदी ने कहा कि यूनिवर्सिटी कौशल के अन्य अनेक प्रोग्राम संचालित कर रही है। यूनिवर्सिटी का उद्देश्य है कि शिक्षा के साथ साथ छात्रों का स्किल डवलपमेंट हो और वो स्वावलंबन की दिशा में मजबूत हो सके। इसी उद्देश्य से यूनिवर्सिटी द्वारा विभिनन कौशल कोर्स संचालित किए जा रहे हैं।

मानविकी एवं उदार कला संकाय की डीन डॉ रुचि मिश्री तिवारी ने कोर्स के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि यह कोर्स ऑनलाइन संचालित होता है और तीन माह का यह कोर्स है जिसमें अब तक दो बैचों में देश भर के नवोदित कवि जुड कर इस कोर्स को पूरा कर चुके हैं और परीक्षा के बाद सफल हो कर आज प्रमाण पत्र प्राप्त कर रहे हैं।

इस कोर्स के प्रमुख शिक्षक कवि योगेश के समदर्शी ने बताया कि गत वर्ष अक्टूबर माह से इस कोर्स का प्रारंभ किया गया था। जिसके दो बैच अप्रैल माह तक सम्पन्न हुए उन्हीं सफल छात्रों को भोपाल में एक भव्य कार्यक्रम के तहत प्रमाण पत्र वितरित किए गए और सभी प्रतिभागियों ने अपने छंद प्रस्तुत किए। इस अवसर पर प्रसिद्ध कवि धर्मेन्द्र सौलंकी जी कार्यक्रम के अध्यक्ष के रूप में उपस्थित रहे। जबकि डॉ पूजा चतुर्वेदी मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में शामिल हुईं। विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ रुचि मिश्रा तिवारी उपस्थित रहीं।

कार्यक्रम में दो छात्रों की कविता संकलन पुस्तकों का विमोचन भी हुआ जिनमें नवीन कानूनगो की पुस्तक काव्य समर्पण एवं पूनम शुक्ला की पुस्तक भाव कानन शामिल रहीं।

इस अवसर पर 25 से अधिक छात्रों की उपस्थिति रही। यूनिवर्सिटी के हिन्दी विभाग के वरिष्ठ सहयोगी भी इस अवसर पर उपिस्थत रहे।

कार्यक्रम में उपस्थित हो कर प्रमाण पत्र हासिल करने वाले एवं अपने छंद प्रस्तुत करने वालों में खुशबू जैन, रोहतक (हरियाणा), अंकित, रोहतक (हरियाणा) मोनिका कटारिया, पंचकूला (हरियाणा), लकी अहिरवार, दिल्ली, लोमेश कुमार गौड़, हरदा, कपिल दुबे, हरदा , मुकेश शांडिल्य, हरदा, नवीन कानूनगो, गोविंदगढ़, जयपुर (राजस्थान) ज्योति बाला पाल, बरेली, अनिल शर्मा 'चिंतक', चंडीगढ़, प्रीतम सिंह तंवर, प्रियंका श्रीवास्तव, पटना (बिहार), संगीता गोविल (दिल्ली), सुस्मिता दशोरा, अहमदाबाद (गुजरात), पूनम शुक्ला,बरेली (उत्तर प्रदेश), रचना चेतन मनहर, डॉ मीनू पांडे, भोपाल, मनीष सुमन, बेगूसराय (बिहार), डॉ. ज्योति सिंह इंदौर से शामिल रहे।

कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन गाजियाबाद से कवि योगेश समदर्शी ने किया जबकि कार्यक्रम का संचालन अनिल चिंतक ने किया।

Created On :   8 Aug 2025 5:35 PM IST

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