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गीत ग़ज़ल संध्या: वनमाली सृजन केंद्रों के राष्ट्रीय सम्मेलन का दूसरा दिन की राष्ट्रीय संगोष्ठियों और गीत ग़ज़ल संध्या के नाम रहा

- वनमाली सृजन केंद्रों के राष्ट्रीय सम्मेलन का भव्य समापन समारोह पूर्वक हुआ
- राष्ट्रीय संगोष्ठियों में हुआ वैचारिक मंथन
भोपाल। राष्ट्रीय संगोष्ठी : विश्व रंग अंतरराष्ट्रीय हिंदी ओलंपियाड स्वरूप और परिकल्पना
सर्वप्रथम 'विश्व रंग अतंरराष्ट्रीय हिंदी ओलंपियाड : स्वरूप और परिकल्पना' विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी संतोष चौबे की अध्यक्षता में आयोजित हुई।
उल्लेखनीय है कि मॉरीशस में विश्व रंग के भव्य एवं ऐतिहासिक आयोजन के अवसर पर मॉरीशस के महामहिम राष्ट्रपति और माननीय प्रधानमंत्री की गरिमामय उपस्थिति में विश्व रंग के निदेशक एवं रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति संतोष चौबे ने हिंदी के वैश्विक विस्तार के लिए 'विश्व रंग अंतरराष्ट्रीय हिंदी ओलंपियाड–2025' की घोषणा की थी।
संतोष चौबे ने इस अवसर पर विश्व रंग फाउंडेशन (भारत), रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय, भोपाल (भारत) एवं वनमाली सृजन पीठ (भारत) द्वारा पचास से अधिक देशों में 14 सितंबर हिंदी दिवस से 30 सितंबर अंतरराष्ट्रीय अनुवाद दिवस तक आयोजित होने जा रहे विश्व रंग अंतरराष्ट्रीय हिंदी ओलंपियाड–2025 के विषय में विस्तार से जानकारी दी।
इस अवसर पर वक्ता के रूप में वरिष्ठ शिक्षाविद् प्रोफेसर अमिताभ सक्सेना, डॉ. सी.वी. रामन विश्वविद्यालय के कुलगुरु डॉ. अरुण जोशी, टैगोर अंतरराष्ट्रीय हिंदी केंद्र के निदेशक डॉ. जवाहर कर्नावट, एजीयू की निदेशक डॉ. पुष्पा असिवाल, रामकिशन भारद्वाज, अनूप चौबे, लियाकत अली खोकर ने अपने विचार साझा किए। इस अवसर पर 'विश्व रंग अंतरराष्ट्रीय हिंदी ओलंपियाड' का पोस्टर और फोल्डर लोकार्पित हुआ। इसका संचालन डॉ. विशाखा राजूरकर राज द्वारा किया गया।
राष्ट्रीय संगोष्ठी: पुस्तक संस्कृत के विकास में विश्व रंग पुस्तक यात्रा का महत्व
पुस्तक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए विश्व रंग के अंतर्गत देश भर में बड़े पैमाने पर पुस्तक यात्राओं का आयोजन आईसेक्ट समूह के विश्वविद्यालयों द्वारा किया जाता है। इनमें वनमाली सृजन केंद्रों का बड़ा योगदान होता है। इसी तारतम्य में 'पुस्तक संस्कृति के विकास में विश्व रंग पुस्तक यात्रा का महत्व' विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन विश्व रंग के निदेशक एवं रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति संतोष चौबे की अध्यक्षता में आयोजित हुआ। इस संगोष्ठी में वक्ता के रूप में संतोष कौशिक, संतोष उपाध्याय (भोपाल), योगेश मिश्रा (बिलासपुर), निशांत श्रीवास्तव (जबलपुर), रिशु कुमार(वैशाली, बिहार), प्रवीण तिवारी (रीवा), अब्दुल मजी़द (रायपुर), मिथिलेश राय, अमृत राज निगम (शहडोल) ने पुस्तक यात्राओं से जुड़े अपने अनुभव एवं विचार व्यक्त किये। इसका संचालन विश्व रंग सचिवालय के सचिव संजय सिंह राठौर ने किया। इस अवसर पर पुस्तक यात्रा पर केंद्रित फिल्म का प्रदर्शन किया गया। इसके साथ ही पूर्व में आयोजित की गई ग्यारह पुस्तक यात्राओं भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, रायसेन, रीवा, खंडवा (मध्यप्रदेश), बिलासपुर, रायपुर (छत्तीसगढ़), हजारीबाग (झारखंड), वैशाली (बिहार) के महत्वपूर्ण दस्तावेजों पर केंद्रित पुस्तकों का लोकार्पण किया गया।
राष्ट्रीय संगोष्ठी : स्थानीय संस्कृति का दस्तावेजीकरण
वनमाली सृजन केंद्रों के राष्ट्रीय सम्मेलन में वरिष्ठ ललित निबंधकार डॉ. श्रीराम परिहार की अध्यक्षता में 'स्थानीय संस्कृति का दस्तावेजीकरण' विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गई। इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में 'इलेक्ट्रॉनिकी आपके लिए' की संपादक डॉ. विनीत चौबे, टैगोर विश्व कला एवं संस्कृति केंद्र के निदेशक विनय उपाध्याय, वरिष्ठ संगीतकार संतोष कौशिक ने अपने विचार व्यक्त किये। इसका संचालन युवा कवि मुदित श्रीवास्तव ने किया। इस अवसर पर 'निमाड़ का लोक पर्व संजा' पुस्तक का लोकार्पण किया गया। विश्व रंग में लोक कला पर केंद्रित सांस्कृतिक सत्रों "लोक रंग" पर केंद्रित फिल्म का प्रदर्शन भी किया ।
Created On :   2 Aug 2025 7:29 PM IST