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विस्फोट मामला: कबाड़ में बारूद की खोज, मिले सालों पुराने खोखे
डिजिटल डेस्कजबलपुर। अधारताल थाना क्षेत्र स्थित खजरी-खिरिया बायपास स्थित हिस्ट्रीशीटर शमीम कबाड़ी के कबाडख़ाने में विगत 25 अप्रैल को हुए विस्फोट के बाद एक बात सामने आई है कि कबाड़ से बारूद निकाला जाता था, लेकिन इस बारूद का क्या किया जाता था और इसे कहाँ जमा कर रखा जाता था, इसका पता नहीं चल सका है। वहीं जाँच के दौरान कबाड़ के स्क्रैप में कुछ ऐसे बम मिले हैं, जो सालों पुराने हैं, जिनकी जाँच की जा रही है। उधर हादसे के बाद गिरफ्तार किए गए शमीम कबाड़ी के पुत्र फहीम व पार्टनर सुल्तान की रिमांड अवधि पूरी होने पर आज बुधवार को दोनों को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
जानकारों के अनुसार हादसे के बाद हिरासत में लिए गए शमीम कबाड़ी के पुत्र ने पुलिस की पूछताछ में बताया था कि उसके नाम पर आयुध निर्माणी खमरिया की एलपीआर रेंज में गिरने वाले बमों को उठाने के अलावा बैतूल के आमला एयरफोर्स से बमों के स्क्रैप खरीदने का ठेका है। इस आधार पर एसपीजी की टीम द्वारा आमला एयरफोर्स के अधिकारियों से संपर्क कर जानकारी माँगी गई है कि शमीम कबाड़ी से जुड़ी फर्म व किसी दूसरे कबाड़ी के द्वारा कितनी बार स्क्रैप लिया गया है।
रिकॉर्ड खँगाल रही है पुलिस
सूत्रों के अनुसार जाँच एजेंसियाँ घटना के बाद फरार हुए शमीम कबाड़ी का रिकॉर्ड खँगाल रही हैं। जानकारों के अनुसार उसके कबाडख़ाने में क्या-क्या गतिविधियाँ संचालित होती थीं, पिछले 5 साल में उसने कहाँ-कहाँ से स्क्रैप उठाया था और उसके बारूद व खोखे का क्या उपयोग हुआ, इसका पता लगाया जा रहा है।
पाकिस्तान भागने की आशंका
जानकारों के अनुसार वारदात के बाद फरार हुआ हिस्ट्रीशीटर शमीम कबाड़ी पाकिस्तान व यूपी की ओर भागा है, लेकिन पुलिस अधिकारी उसके पाकिस्तान भागने से इनकार कर रहे हैं। जाँच टीमों को उसका सुराग लगा है और जल्द ही उसकी गिरफ्तारी की संभावना जताई जा रही है।
शहर से बाहर जाने वाले बार्डरों पर निगरानी
जानकारों के अनुसार विस्फोट होने के बाद शमीम कबाड़ी को आशंका थी कि पुलिस उसके घर पहुँच सकती है, जिसके चलते वह कार लेकर भाग निकला था। उसके शहर छोड़कर भागने की आशंका नजर आने पर शहर से बाहर जाने वाली सभी बार्डरों पर निगरानी बढ़ा दी गई है। वहाँ लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खँगाली जा रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि शमीम किस दिशा में भागा है। पी-5
चप्पे-चप्पे की पड़ताल
जानकारों के अनुसार एनएसजी की टीम यह पता लगाने में जुटी है कि कबाड़ में कितने विस्फोटक मौजूद हैं, इसके लिए करीब दस हजार वर्गफीट में फैले कबाडख़ाने में चप्पे-चप्पे की जाँच की जा रही है। पूरी तरह संतुष्ट होने के बाद कबाड़ में मिले आयुध स्क्रैप का नष्टीकरण किया जाएगा।
वर्जन
विस्फोट के बाद एनएसजी और बीडीएस की टीमें लगातार कबाडख़ाने में विस्फोटकों की तलाश कर रही हैं, ताकि उनका विधिवत निराकरण कराया जा सके।
टीके विद्यार्थी, डीआईजी
Created On :   30 April 2024 5:57 PM GMT