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Jabalpur News: धमाकों की आवाज से खूंखार हुए श्वान अस्पताल में बढ़े डॉग बाइट के मरीज

Jabalpur News: शहरी से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक डॉग बाइट के केस रोजाना सामने आ रहे हैं। बीते करीब 1 हफ्ते में डॉग बाइट के केस और भी बढ़ गए हैं। पटाखों की आवाज श्वानों को असहज कर रही है, जिससे वे और भी खूंखार हो रहे हैं। गली-गली में स्ट्रीट डॉग्स की मौजूदगी इस बात का प्रमाण है कि जिम्मेदार अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। शहर में नगर निगम की डॉग कैचर्स टीमें नाकाफी साबित हो रही हैं।
वैक्सीनेशन और नसबंदी न होने से स्ट्रीट डॉग्स की आबादी भी बढ़ती जा रही है। शहर में स्ट्रीट डॉग्स की आबादी सवा लाख से भी अधिक है। रोजाना एक सैकड़ा से ज्यादा लोग डॉग बाइट का शिकार बन रहे हैं। शासकीय सहित निजी अस्पतालों में रैबीज के इंजेक्शन लगवाने के लिए रोजाना सैकड़ों मरीज पहुंच रहे हैं। जिला अस्पताल में ही हर माह 500 नए पीड़ित रैबीज का इंजेक्शन लगवाने के लिए आते हैं।
एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवाना जरूरी
जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. नवीन कोठारी ने बताया कि डॉग बाइट के मामले बढ़े हैं। बुधवार को कुछ ज्यादा केस आए, जिसके बाद मैंने भी मरीज देखे। पटाखे की तेज आवाज से डॉग्स कई बार आक्रामक हो जाते हैं और हमला कर देते है। डॉग बाइट अथवा नाखून लगने की स्थिति में भी एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवाना जरूरी है। इंजेक्शन पहले दिन के बाद, तीसरे, सातवें, चौदहवें और अट्टासइवें दिन लगता है।
रोजाना 10 से 15 डॉग्स का ही हो रहा बधियाकरण
नगर निगम की स्वास्थ्य अधिकारी अंकिता बर्मन ने बताया कि श्वानों की आबादी पर लगाम लगाने के लिए नसबंदी का कार्य किया जा रहा है। इसके लिए डॉग कैचर्स की 2 टीमें तैनात हैं। डॉग्स को विभिन्न क्षेत्रों से पकड़कर कंठौदा ले जाया जाता है और नसबंदी की जाती है। रोजाना 10 से 15 डॉग्स की नसबंदी ही हो पा रही है।
जिला अस्पताल की स्थिति
> रोजाना औसतन 100 से 150 पीड़ितों को रैबीज का इंजेक्शन लगता है।
> 1 जनवरी से लेकर अब तक 5 हजार से अधिक नए मरीज।
> 1 जनवरी से लेकर अब तक 18 हजार से अधिक रैबीज के इंजेक्शन लगाए गए।
इन बातों का रखें ध्यान
{ डॉग बाइट होने पर एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवाएं।
{ बाइट होने के बाद झाड़-फूंक न कराएं।
{ सतर्कता के साथ चलें।
{ डॉग्स पीछा कर रहे हैं तो भागें नहीं।
Created On :   24 Oct 2025 4:05 PM IST












