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Jabalpur News: सरकार से 10 हजार वसूले पर ई-अटेंडेंस से परहेज

Jabalpur News: ई-अटेंडेंस का विरोध करने वाली शिक्षिका का दोहरा रवैया सामने आया है। गुरुवार को विभाग द्वारा वह पत्र सार्वजनिक िकया गया, जिसमें शिक्षिका ने सरकारी मदद के जरिए टैब खरीदा था। उन्होंने यह कहकर हड़कंप मचा दिया था कि वह अपने निजी मोबाइल पर थर्ड पार्टी एप डाउनलोड नहीं करेंगी क्योंकि इससे उनका निजी डाटा और जानकारी लीक होने का डर है। अब विभाग का कहना है कि जब उन्होंने सरकारी मदद से टैब खरीदा है तो फिर वह उनका निजी कैसे हो गया।
शिक्षिका पर अब स्कूल शिक्षा विभाग कड़ी कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। विगत दिनों शासकीय उच्चतर माध्यमिक स्कूल महाराजपुर की शिक्षिका ज्योति पाण्डे को प्रिंसिपल ने कारण बताओ नोटिस जारी किया था जिसमें उल्लेख था कि उनके द्वारा हमारे शिक्षक एप पर ई-अटेंडेंस नहीं लगाई जा रही है, जबकि शासन द्वारा समस्त लोक सेवकों को उक्त एप पर अटेंडेंस लगाना अनिवार्य किया गया है। यही कारण था कि उन्हें शोकॉज नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया। इसके जवाब में ज्योति पांडे ने वाट्सएप पर पत्र वायरल किया और कहा कि मेरे पास जो एंड्रॉयड फोन है वह शासन द्वारा प्रदत्त न होकर मेरा निजी मोबाइल है जिसमें मेरी निजी जानकारी, फोटो, वित्तीय जानकारी आदि होती है। शासन द्वारा उसके डाटा और साइबर क्राइम से सुरक्षा के आश्वासन से क्षतिपूर्ति के आश्वासन के बिना किसी थर्ड पार्टी एप को फोन की एक्सेस देना संभव नहीं है।
अगस्त 2023 में खरीदा था 15 हजार रुपए का टैबलेट
बताया जाता है कि शिक्षिका ज्योति पांडे को वर्ष 2023 के अगस्त माह में शासन की तरफ से 10 हजार रुपयों की मदद मिली थी और इसके द्वारा उन्होंने 15 हजार 500 रुपयों का टैबलेट खरीदा था। टैबलेट मोबाइल का ही एक बड़ा वर्जन होता है जिसकी स्क्रीन बड़ी होती है और उससे वार्तालाप के साथ ऑडियो, वीडियो सभी कार्य लिए जा सकते हैं। ऐसे में शिक्षिका का यह कहना कि शासन उन्हें मोबाइल दे तो वे ई-अटेंडेंस लगाने तैयार हैं पूरी तरह से गलत है।
दुष्प्रचार पर हो सकती है विभागीय कार्रवाई
शिक्षा विभाग के जानकारों का कहना है कि शिक्षिका ने सरकारी मदद लेते हुए भी शासकीय योजना का दुष्प्रचार किया है। इस पर उन्हें कठोर कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। उनके कारण ई-अटेंडेंस का विरोध किया जा रहा है, जबकि इसके कारण बहुत से शिक्षक स्कूलों में नजर आ रहे हैं जो स्कूल जाने से कतराते थे। इसके साथ ही उन्होंने शासकीय पत्र को वाट्सएप के जरिए सार्वजनिक किया, यह भी शासकीय कार्य में उल्लंघन का मामला है।
अभी प्रकरण हमारे पास आएगा, इसके बाद उचित कार्रवाई के लिए शासन को लिखा जाएगा। महाराजपुर स्कूल की शिक्षिका ने शासन की योजना से राशि प्राप्त की और उसके बाद भी सरकारी आदेश मानने से इनकार कर रही हैं यह तो नियमों का उल्लंघन ही है।
- घनश्याम सोनी, जिला शिक्षा अधिकारी
Created On :   24 Oct 2025 6:52 PM IST












