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Jabalpur News: करोड़ों रुपए से संवर रहे मदन महल स्टेशन में सीढ़ियों पर बैठने को मजबूर हो रहे हैं पैसेंजर

- प्लेटफाॅर्म पर पर्याप्त कुर्सियां नहीं, पंखे भी जब चाहे हो जाते हैं बंद
- जिस वक्त ट्रेन आने का समय होता है उससे पहले यहां यात्रियों का हुजूम एकत्र हो जाता है।
- मजबूरन यात्रियों को प्लेटफाॅर्म पर स्टेशन के प्रवेश द्वार पर बनी सीढ़ियों और शेड के पिलर पर बैठना पड़ रहा है।
Jabalpur News: पश्चिम मध्य रेल, जबलपुर मंडल के सबसे करीबी स्टेशन को डेढ़ सौ करोड़ रुपए की लागत से लंबे समय से संवारा जा रहा है। यहां टर्मिनल बिल्डिंग से लेकर नए रिटार्निंग रूम, पार्सल ऑफिस और टीसी के लिए रेस्ट हाउस बनाया जा रहा है। मगर यात्रियों को सुविधा देने का दावा करने वाला रेलवे पैसेंजरों के बैठने के लिए पर्याप्त कुर्सियां तक नहीं लगा पा रहा, जिससे यात्रियों को प्लेटफॉर्म की सीढ़ियों पर बैठना पड़ता है।
यहां ट्रेनों का स्टाॅपेज काफी कम समय का होने के कारण यात्रियों की भीड़ एक साथ आती है। इस दौरान जिसे जहां जगह मिलती है वह वहीं बैठ जाता है। वहीं कभी-कभी तो यहां पंखे तक धोखा दे रहे हैं जिससे यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
प्लेटफाॅर्म बढ़ाया, अब बना रहे ऑफिस
लोगों का कहना है कि यहां एक प्लेटफाॅर्म की संख्या बढ़ाई गई। टर्मिनल भवन तक बनाया और अब रेस्ट हाउस और काॅमर्शियल कार्यालय का निर्माण कराया जा रहा है। इन सब कार्यों को रेलवे यात्री सुविधा से जोड़ रहा है। मगर यात्रियाें की बेसिक सुविधाओं का तो यहां अभाव बना हुआ है। खासकर बैठने को लेकर कुर्सियाें की कमी तो काफी पीड़ादायक है।
सीढ़ियों और पिलर पर बैठते हैं यात्री
जिस वक्त ट्रेन आने का समय होता है उससे पहले यहां यात्रियों का हुजूम एकत्र हो जाता है। इस भीड़ के हिसाब से यहां लगी कुर्सियां पर्याप्त नहीं होतीं। मजबूरन यात्रियों को प्लेटफाॅर्म पर स्टेशन के प्रवेश द्वार पर बनी सीढ़ियों और शेड के पिलर पर बैठना पड़ रहा है।
रोजाना 41 ट्रेनों की आवाजाही
मदन महल स्टेशन से रोजाना 41 ट्रेनों की है आवाजाही।
हर ट्रेन का स्टाॅपेज मात्र दो मिनट का है।
एक समय में पहुुंचते हैं डेढ़ सौ से दो सौ तक यात्री।
Created On :   4 July 2025 2:36 PM IST