Jabalpur News: कड़ा रुख, कलेक्टर बताएं हैदराबाद से लाए गए घोड़ों की मौत का क्या है कारण

कड़ा रुख, कलेक्टर बताएं हैदराबाद से लाए गए घोड़ों की मौत का क्या है कारण
  • हाई कोर्ट ने पूछा प्रत्येक जीवित घोड़े की शारीरिक स्थिति क्या है
  • मामले पर अगली सुनवाई 25 जून को होगी।
  • आरोप लगाया कि लापरवाही के चलते 18 घोड़ों की मौत हो गई है।

Jabalpur News: हैदराबाद से जबलपुर लाए गए घोड़ों की मौत पर हाई कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। हाई कोर्ट ने कलेक्टर से पूछा है कि यहां लाने के बाद घोड़ों की मौत का क्या कारण है। एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा व जस्टिस विनय सराफ की खंडपीठ ने कलेक्टर को यह बताने भी कहा है कि वर्तमान में जीवित घोड़ों को किन हालात में रखा गया है।

प्रत्येक घोड़े की शारीरिक स्थिति क्या है और उनके लिए भोजन, पानी, दवाओं और आश्रय की क्या उपलब्धता है। हाई कोर्ट ने इस संबंध में कलेक्टर को विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए। कोर्ट ने यह बताने भी कहा कि हैदराबाद से लाते समय रास्ते में कितने घोड़ों की मौत हुई है। मामले पर अगली सुनवाई 25 जून को होगी।

हैदराबाद से यहां लाए गए घोड़ों पर क्रूरता का आरोप लगाने वाली जनहित याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। हाई कोर्ट ने कलेक्टर, एसपी, स्टेट एनिमल वेलफेयर बोर्ड के अलावा सचिन तिवारी, सुरेश पालाडुगु व अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। कोर्ट ने वाट्सअप जैसे अन्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से भी नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। जबलपुर की एनिमल एक्टिविस्ट सिमरन इस्सर ने जनहित याचिका दायर कर 100 से अधिक घोड़ों को क्रूरता पूर्वक भूखों मार डालने का सनसनीखेज आरोप लगाया है।

याचिका में कहा गया है कि हैदराबाद के एक व्यक्ति ने हॉर्स रेस पर ऑनलाइन गैम्बलिंग के जरिए फिलीपींस में 154 घोड़ों से अरबों रुपए कमाए। लेकिन, इन्हें भूखों मारने के लिए छोड़ दिया। इन्हीं में से 54 घोड़े ट्रक में लोड कर ठिकाने लगाने के लिए जबलपुर भेजे गए। इनकी हालत बेहद खस्ता है। याचिका में घोड़ों की क्रूरतापूर्वक हत्या की जांच कराए जाने व दोषियों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग की गई है।

अधिवक्ता उमेश त्रिपाठी ने बताया कि बीते कुछ वर्षों में भारतीय हॉर्स रेसिंग काफी प्रसिद्ध हुई है। इसमें कई प्रायोजक सामने आ रहे हैं। हैदराबाद निवासी सुरेश पालाडुगु हॉर्स पावर स्पोर्ट्स लीग का सूत्रधार है। उसके पास 154 घोड़े थे। 2023 में उसने हैदराबाद रेस क्लब में दो घोड़ों की रेस आरम्भ की। ट्रोपंग करेइस्ता नामक एप के जरिए उसने फिलीपींस में इसकी ऑनलाइन स्ट्रीमिंग की व सट्टा लगवाया।

इसके जरिए उसने अरबो रुपए कमाए। लेकिन, अक्टूबर 2024 में उसने अपने कर्मचारियों को वेतन देना बंद कर दिया। इससे 100 घोड़ों की भूख से मौत हो गई। बाकी 54 घोड़े उसने ट्रक में लोड कर जबलपुर के सचिन तिवारी के पास भेज दिए, जिसने उन्हें पनागर के समीप रैपुरा में स्थित फॉर्महाउस में रखा है। उन्होंने आरोप लगाया कि लापरवाही के चलते 18 घोड़ों की मौत हो गई है।

Created On :   21 Jun 2025 6:32 PM IST

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