जबलपुर: प्री-पेड बूथ दिला सकता है एम्बुलेंस माफिया से राहत!

प्री-पेड बूथ दिला सकता है एम्बुलेंस माफिया से राहत!
मेडिकल कॉलेज में नई व्यवस्था बनाने लोगाें ने दिया सुझाव, अस्पताल प्रबंधन ने कहा- मीटिंग में रखेंगे प्रस्ताव

डिजिटल डेस्क,जबलपुर।

नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में एम्बुलेंस माफिया के आतंक की खबरें आए दिन सुर्खियाँ बटोरती हैं। बीते हफ्ते भी दो निजी एम्बुलेंस चालकों के साथ मारपीट करने की बात सामने आई थी। एक निजी एम्बुलेंस संचालक के एकाधिकार के चलते मेडिकल कॉलेज में अन्य एम्बुलेंस संचालक अब जाने से भी कतराने लगे हैं, जिसका नतीजा मरीजों से अनाप-शनाप पैसे वसूलने के रूप में आए दिन देखने को मिलता है। परिवहन कार्यालय द्वारा भी कई माह से किसी तरह की कार्रवाई न किए जाने से निजी एम्बुलेंस माफिया के हौसले बुलंद हैं। मेडिकल कॉलेज प्रबंधन द्वारा भी पूर्व में हुई घटनाओं के बाद पुलिस को सूचना दी जा चुकी है, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई अब तक देखने नहीं मिली है। लगातार सामने आ रही घटनाओं के बाद अब एक नया सुझाव लोगों की तरफ से आ रहा है। लोगों का कहना है कि किसी व्यक्ति के एकाधिकार काे खत्म करने के लिए प्री-पेड एम्बुलेंस का विकल्प रखा जा सकता है, जहाँ बिना किसी झगड़े के बुकिंग के आधार पर एम्बुलेंस मरीजों के लिए उपलब्ध होंगी। इनका किराया भी पहले से निर्धारित हाेगा। लोगों के इस सुझाव को लेकर अस्पताल प्रबंधन का रवैया सकारात्मक रहा है और अधिकारी आने वाली मीटिंग में इसे रखने की बात कह रहे हैं।

उठाते हैं पेशेंट की मजबूरी का फायदा

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शहर में निजी एम्बुलेंस संचालन का क्षेत्र असंगठित है। कई बार पेशेंट की मजबूरी का फायदा उठाकर मनमाने पैसे वसूल लिए जाते हैं। सबसे ज्यादा शिकायतें शव ले जाने को लेकर सामने आती हैं, जहाँ मृतक का परिवार शीघ्रता के साथ शव को घर ले जाने का प्रयास करता है, ऐसी स्थिति में ही मनमानी रकम वसूली जाती है। बीते हफ्ते मेडिकल कॉलेज में हुआ विवाद शव ले जाने को लेकर ही हुआ था।

कई जिलाें से आते हैं मरीज

जानकार बताते हैं कि मेडिकल कॉलेज संभाग के सबसे बड़े अस्पताल के रूप में जाना जाता है, यहाँ न सिर्फ जबलपुर, बल्कि आसपास के सभी जिलाें से मरीज आते हैं। रोजाना बड़ी संख्या मेें मरीज भर्ती होते हैं, तो वहीं डिस्चार्ज भी होते हैं। कई बार मरीज को घर तक ले जाने के लिए एम्बुलेंस की जरूरत होती है, कुछ मामलों में उपचार के दौरान मौत होने के बाद भी शव को एम्बुलेंस से ले जाया जाता है। ऐसे में अगर मरीजों के लिए प्री-पेड बूथ जैसा विकल्प सामने होगा तो उन्हें परेशान नहीं होना पड़ेगा।

प्री-पेड एम्बुलेंस बूथ संचालन का सुझाव अच्छा है, हालांकि इसके क्रियान्वयन में कई चुनौतियाँ हैं। मरीजों का हित देखते हुए रोगी कल्याण समिति और कार्यकारिणी की आगामी बैठक में इस सुझाव को रखा जाएगा।

डॉ. अरविंद शर्मा

अधीक्षक, मेडिकल कॉलेज अस्पताल

Created On :   14 Sep 2023 8:31 AM GMT

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