मराठा आरक्षण: अधिसूचना जारी होने के बाद भी आंदोलन जारी रखने पर अड़े हुए हैं जरांगे-पाटील

अधिसूचना जारी होने के बाद भी आंदोलन जारी रखने पर अड़े हुए हैं जरांगे-पाटील
  • जब तक सगे संबंधियों को कुणबी प्रमाण पत्र नहीं, तब तक जारी रहेगा आंदोलन
  • मंत्री भुजबल के अपनी ही सरकार के खिलाफ बगावती सुर
  • जरांगे-पाटील आंदोलन जारी रखने पर अड़े

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मराठा समुदाय के लोगों और उनके सगे-संबंधियों को भी कुणबी जाति का प्रमाण पत्र देने संबंधी अधिसूचना जारी होने के बाद भी मनोज जरांगे-पाटील ने आंदोलन खत्म करने का ऐलान नहीं किया है। जालना के अंतरवाली सराटी में आंदोलन के प्रमुख कार्यकर्ताओं के साथ रविवार को जरांगे-पाटील ने बैठक कर फैसला लिया कि भले ही मराठा आरक्षण को लेकर सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी लेकिन जब तक कुणबी समाज के सगे संबंधियों को पहला कुणबी प्रमाण पत्र नहीं मिल जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। उधर राज्य सरकार में मंत्री और ओबीसी के नेता छगन भुजबल ने अपनी ही सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि ओबीसी को नुकसान पहुंचाकर आरक्षण से बाहर करने का प्रयास किया जा रहा है।

जरांगे-पाटील ने रविवार दोपहर मराठा आंदोलन के प्रमुख पदाधिकारियों के साथ बैठक में सरकार द्वारा जारी की गई अधिसूचना का महत्व समझाते हुए इस पर चर्चा की। इस बैठक में फैसला लिया गया कि जब तक मराठा समुदाय के किसी भी गैर पंजीकृत (सगे संबंधी) कुणबी व्यक्ति को कुणबी प्रमाण पत्र नहीं मिल जाता, तब तक आंदोलन को सफल नहीं माना जा सकता। इसलिए जब तक सरकार कम से कम एक प्रमाण पत्र कुणबी समुदाय के सगे संबंधियों को जारी नहीं कर देती तब तक आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि कानून पारित होना सिर्फ कानून नहीं रहना चाहिए। यदि कुणबी समाज के सगे संबंधियों को इसका लाभ नहीं मिला तो फिर इस कानून का क्या फायदा? हम सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हैं, लेकिन हमें सावधान रहना होगा। क्योंकि जीत अभी भी 10 कदम दूर है। उन्होंने कहा कि मैं सोमवार को रायगढ़ किले पर जाऊंगा जहां छत्रपति शिवाजी महाराज के दर्शन करूंगा।

मराठा समुदाय के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में जरांगे-पाटील ने उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने मराठा युवाओं के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेने का वादा किया था। लेकिन उन्होंने अभी कहा है कि मराठा युवाओं के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस नहीं लेंगे। भले ही हम वापस अपने गांव आ गए हैं लेकिन आंदोलन हमारा जारी रहेगा।

राज्य सरकार द्वारा मराठा आरक्षण को लेकर अधिसूचना जारी होने के बाद मंत्री छगन भुजबल ने एक बार फिर अपनी ही सरकार के खिलाफ आवाज उठाई है। भुजबल ने रविवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि ओबीसी समाज के लोगों में घबराहट पैदा हो गई है कि उनका आरक्षण खत्म हो गया है। अब ये हमसे पूछ रहे हैं कि उन्हें आगे क्या करना है। भुजबल ने कहा कि पूरे मराठा समाज को पिछले दरवाजे से कुणबी प्रमाण पत्र देना शुरू हो गया है। जिससे उन्हें शिक्षा के साथ-साथ नौकरियों में भी आरक्षण मिलेगा।

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भुजबल की नाराजगी पर टिप्पणी करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने ओबीसी के अधिकारों में हस्तक्षेप किए बिना आरक्षण देने का काम किया है। भुजबल हमारे सहयोगी हैं और उन्हें राज्य सरकार द्वारा जारी की गई अधिसूचना की जानकारी मिलने के बाद उनकी गलतफहमी दूर हो जाएगी। उन्होंने कहा कि मराठा समुदाय को किसी भी समुदाय के आरक्षण में से आरक्षण नहीं दिया जाएगा।

केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने भी मराठाओं को ओबीसी कोटे से कुणबी प्रमाण पत्र देने का विरोध किया है। राणे ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि भाजपा ने मराठा आरक्षण का समर्थन किया है लेकिन मैं ओबीसी कोटे से कुणबी प्रमाण पत्र जारी करने का विरोध करता हूं।

राज्य सरकार द्वारा मराठा आरक्षण को लेकर अधिसूचना जारी करने के बाद छगन भुजबल ने रविवार को अपने सरकारी निवास स्थान पर सर्वदलीय ओबीसी नेताओं की बैठक बुलाई। जिसमें राज्य सरकार द्वारा जारी की गई अधिसूचना पर चर्चा की गई।

Created On :   28 Jan 2024 2:00 PM GMT

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