संकट: नागपुर जिले में करोड़ों के बांधों का उपयोग नहीं , जलसंकट गहराने का है बड़ा कारण

नागपुर जिले में करोड़ों के बांधों का उपयोग नहीं , जलसंकट गहराने का है बड़ा कारण
  • 860 कोल्हापुरी व गेटेड संग्रहण बांधों में जलसंग्रहण नहीं
  • 1868 बांध जलसंकट में राहत के लिए बनाए गए हैं जिले में
  • 1008 बांधों में गेट लगाए गए हैं, इसलिए सदुपयोग में आसानी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। गर्मी के मौसम में जलसंकट से राहत के लिए करोड़ों रुपए की लागत से जिले में नालों पर कोल्हापुरी तथा गेटेड संग्रहण बांधों का निर्माण किया गया। जिप के सिंचाई विभाग के अनुसार जिले में 1868 बांध बनाए गए हैं। उनमें से 1008 बांधों में गेट लगाए गए हैं। 860 बांधों में गेट नहीं लगाए जाने से जलसंग्रहण नहीं हो रहा है। जलसंकट में राहत के लिए करोड़ों रुपए की लागत से बनाए गए बांधों में गेट नहीं लगाए जाने से कोई उपयोग नहीं हो रहा है।

पशु-पक्षी और सिंचाई के लिए उपयोगी : नदी, नालों पर बनाए गए कोल्हापुरी तथा गेटेड संग्रहण बांध में लगे दरवाजे बरसात के मौसम में खोल दिए जाते हैं। बरसात का मौसम निकल जाने पर उसमें लकड़ी अथवा लोहे के गेट लगाकर पानी संग्रहण किया जाता है। गर्मी के मौसम में बांध में संग्रहित पानी पशु-पक्षी की प्यास बुझाने तथा आसपास की खेती में फसल को सिंचाई के लिए उपयोग में लाया जाता है।

72.11 लाख खर्च का नियोजन : कोल्हापुरी तथा संग्रहण बांध के दरवाजे खोलने तथा बंद करने की जिम्मेदारी जिला परिषद के लघु सिंचाई विभाग पर है। बांधों में दरवाजे लगाने के लिए इस वर्ष 72 लाख, 11 हजार रुपए खर्च का नियोजन किया गया। बांधों में दरवाजे लगाने का ठेका निजी एजेंसी को दिया गया है। दिसंबर तक अंत तक सभी बांधों में दरवाजे लगाने की डेडलाइन दी गई थी। मार्च महीना समाप्त होने की कगार पर है, लेकिन अभी तक 860 बांधों को दरवाजे नहीं लगाए जाने की चौकानेवाली जानकारी सामने आई है। ठेकेदार की लेटलतीफी तथा लघु सिंचाई विभाग का ठेकदार एजेंसी पर नियंत्रण नहीं रहने से भीषण गर्मी में ग्रामीणों को जलसंकट का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।

सार्वजनिक स्थानों पर गंदगी फैलाने के 111 मामले दर्ज : मनपा के उपद्रव शोध पथक ने सार्वजनिक स्थानों पर कचरा डालने और प्रतिबंधित कैरीबैग का इस्तेमाल करने को लेकर गुरूवार को 111 मामले दर्ज कर 47 हजार 700 रुपए जुर्माना वसूल किया।शहर को स्वच्छ रखने हाथगाड़ी, स्टॉल्स, पानठेले, फेरीवालों के 45 मामलों में 18 हजार रुपए, सड़क, फुटपाथ, खुली जगह पर कचरा डालने के 11 मामलों में 1100 रुपए, दुकानदाराें द्वारा सड़क, फुटपाथ पर कचरा डालने के 11 मामलों में 4,400 रुपए जुर्माना वसूल किया गया। इसके अलावा लॉजिग बोर्डिंग और हाटेल द्वारा गंदगी फैलाने के 2 मामलों में 3 हजार रुपए और रास्ते पर कमान, स्टेज और मंडप लगाने को लेकर 2 मामलों में 2 हजार रुपए सहित अन्य मामलों में जुर्माना वसूल किया गया। कार्रवाई उपद्रव शोध पथक प्रमुख वीरसेन तांबे के नेतृत्व में की गई।

प्लास्टिक कैरीबैग सहित 5 मामलों में दंड : पथक ने प्रतिबंधित प्लास्टिक कैरीबैग इस्तेमाल के 5 मामलों में 30 हजार रुपए जुर्माना वसूल किया। इस दौरान सतरंजीपुरा जोन अंतर्गत मस्कासाथ, इतवारी के रतिलाल किराना स्टोर्स के संचालक वसंत रतिलाल और गांधीबाग जोन अंतर्गत शहीद चौक इतवारी में सागर स्वीट मार्ट के संचालक दिनेश साहू द्वारा प्लास्टिक कैरीबैग इस्तेमाल करने पर प्रत्येक से 5-5 हजार रुपए जुर्माना वसूल किया गया। इसके अलावा आसी नगर जोन अंतर्गत कामठी रोड पर इंडियन प्लास्टिक के संचालक इरफान शेख और हनुमान नगर जोन अंतर्गत नयन घाटे द्वारा रास्ते पर कचरा डालने पर प्रत्यके से 5-5 हजार रुपए जुर्माना वसूला गया। रास्ते पर निर्माणकार्य सामग्री डालने पर धरमपेठ जोन अंतर्गत राम नगर में स्वास्तिक इंफ्रास्ट्रक्चर के राहुल पटेल से 10 हजार रुपए जुर्माना वसूल किया गया।

Created On :   29 March 2024 10:38 AM GMT

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