Nagpur News: गुंठेवारी या छोटे भूखंड का नियमितिकरण होगा, विधानसभा में विधेयक मंजूर

गुंठेवारी या छोटे भूखंड का नियमितिकरण होगा, विधानसभा में विधेयक मंजूर
  • गुंठेवारी या अन्य छोटे भूखंडों का नियमितकरण होगा
  • सभी भूखंडधारकों के नाम सातबारा में शामिल रहेगा

Nagpur News. शहर व नगरीय क्षेत्र में गुंठेवारी या अन्य छोटे भूखंडों का नियमितकरण होगा। अकृषिक भूमि अथवा अन्य कारणों से इन भूखंडधारों का नाम सातबारा में शामिल नहीं था। ले-आऊट संचालक से लेकर सभी भूखंडधारकों के नाम सातबारा में शामिल रहेगा। मंगलवार को विधानसभा में महाराष्ट्र जमीन महसूल संहित सुधार विधेयक 2025 मंजूर किया गया है। अधिनियम प्रक्रिया पूरी होने पर भूखंडधारकों को त्वरित लाभ मिलेगा। राजस्वमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा है कि इस नियम संशोधन से राज्य में करीब 60 लाख परिवार के 3 करोड नागरिकों को राहत मिलेगी। अनेक वर्ष से नगरीय क्षेत्र में 5-10 गुंठा या उससे कम जमीन पर मकान बनाकर रहनेवाले नागरिकों को मालकी हक के लिए तकनीकी अड़चन का सामना करना पड़ रहा था। जमीन के एनए अर्थात अकृषक इस्तेमाल के लिए जिलाधिकारी से अनुमति लेना पड़ता था। नए विधेयक से विकास योजना प्रारुप या प्रादेशिक प्रारुप मंजूर होने पर संबंधित क्षेत्र में एनए की आवश्यकता नहीं रहेगी। इसके लिए एक समय का अधिमूल्य भरकर प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

विधेयक पर चर्चा में शिवसेना उद्धव के सदस्य भास्कर जाधव ने कहा नए विधेयक से बिल्डर लॉबी को अधिक लाभ िमलने की संभावना है। इससे पहले मुद्रांक शुल्क माफ करने का निर्णय सरकार ने लिया तो अकेले एक नेता बिल्डर को 3300 करोड का लाभ हुआ। इस विधेयक से भी बिल्डर को लाभ नहीं मिलना चाहिए। कांग्रेस सदस्य विजय वडेट्टीवार ने कहा कि शहर का डीपी प्लान तैयार किए बिना भूखंड नियमित करना ठीक नहीं होगा। भाजपा सदस्य प्रवीण दटके ने कहा कि नागपुर में भांडेवाडी क्षेत्र की जमीन प्लाट डालकर बेच दी गई। ऐसा न हो कि नए कानून से ऐसे गलत काम करनेवालों का लाभ मिले। चर्चा में नाना पटोले, सुरेश धस, अमित देशमुख, राहुल कूल, कृष्णा खोपडे, हीरामण खोसकर, प्रशांत सोलंके, अभिजीत पाटील, संजय गायकवाड, रवि राणा सहभागी हुए।

विधेयक की खास बात

  • -15 नवंबर 1965 से 15 अक्टूबर 2024 तक अनियमित भूखंडधारकों को विधेयक संशोधन से लाभ मिलेगा।
  • -नगरीय क्षेत्र में जमीन के अकृषक इस्तेमाल के लिए जिलाधिकारी की पूर्व अनुमति की आवश्यकता नहीं रहेगी।
  • -नियोजन प्राधिकरण की अनुमति को एनए की अनुमति माना जाएगा।
  • -गंुठेवारी व छोटे प्लाट की खरीदी-बिक्री प्रक्रिया का मार्ग सुलभ होगा।
  • -संपूर्ण ग्रामीण भाग में सुधारित कानून लागू नहीं होगा लेकिन रहवासी क्षेत्र घोषित होने पर लागू होगा।

Created On :   9 Dec 2025 9:04 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story