बर्बादी...: पीने के पानी से हो रही स्टेशन की सफाई , रेलवे का रीसाइक्लिंग प्लांट बंद पड़ा

पीने के पानी से हो रही स्टेशन की सफाई , रेलवे का रीसाइक्लिंग प्लांट बंद पड़ा
  • रेलवे को रोजाना 35 से 38 लाख लीटर पानी की होती है जरूरत
  • नागपुर स्टेशन पर जलसंग्रहण क्षमता केवल 19 लाख लीटर की
  • आने वाले समय में स्टेशन पर पीने के पानी की दिक्कतें आ सकती हैं

डिजिटल डेस्क, नागपुर। ग्रीष्म में शहर के विभिन्न इलाकों में पानी की त्राहि-त्राहि मच जाती है, लेकिन नागपुर रेलवे स्टेशन पर इन दिनों लाखों लीटर पीने का पानी स्टेशन की सफाई के लिए उपयोग में लाया जा रहा है। अभी तक यह सफाई नाले के पानी को साफ कर की जाती थी, लेकिन रखरखाव के अभाव में इन दिनों रेलवे का रीसाइक्लिंग प्लांट बंद पड़ गया है। इसलिए पीने के पानी का उपयोग किया जा रहा है।

नागपुर रेलवे स्टेशन देश के बड़े स्टेशनों में शामिल हैं। यहां रोजाना हजारों की संख्या में लोगों का आवागमन होता है। गाड़ियां भी सौ से ज्यादा आती हैं। ऐसे मेंरेलवे को रोजाना 35 से 38 लाख लीटर पानी की जरूरतरहती है, लेकिन नागपुर स्टेशन पर जलसंग्रहण क्षमता केवल 19 लाख लीटर की है। बावजूद इसके रेलवे को शायद ही पानी की कमी हुई है। 24 घंटे नल में पीने के पानी के साथ सफाई के लिए भी भरपूर मात्रा में पानी उपलब्ध रहता था। इसका मुख्य कारण यह है कि रेलवे प्रतिदिन लाखों लीटर गंदा पानी साफ कर उसे उपयोग में लाता है।

रामझूला के समीप बने रेलवे के जलशुद्धिकरण केंद्र में बगल में बने नाले का काले रंग का गंदा पानी लिया जाता था। उसे मशीनों के माध्यम से साफ किया जाता था। इसके बाद इस पानी का इस्तेमाल किया जाता था। प्रतिदिन 6 लाख लीटर नाले का पानी पूरी तरह से साफ कर सफाई के लिए इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन इन दिनों लापरवाही कहे या तकनीकी खामी कि यह प्लांट बंद पड़ गया है। नतीजतन प्लेटफार्म के सरफेस को साफ करने के लिए पीने का पानी उपयोग में लाया जा रहा है। इन मशीनों के पाइप को सीधे पीने के पानी के वॉटर मशीनों से जोड़ा जा रहा है, जिससे एक ओर पानी में गंदगी की आशंका बढ़ रही है, वहीं दूसरी ओर पीने के पानी के बर्बादी का चित्र सामने आ रहा है।

रीसाइक्लिंग प्लांट शुरू होने का इंतजार :बताया जा रहा है कि बंद पड़े रीसाइक्लिंग प्लांट को अभी शुरू होने में देरी लग सकती है, क्योकि इसे चलाने की कोई जिम्मेदारी नहीं ले रहा है। ऐसे में इसके लिए निविदा निकाली जा रही है, जिसके बाद इसे शुरू किया जाने वाला है।

कम न पड़ जाए पीने का पानी : स्टेशन पर यात्रियों की तुलना में संग्रहण क्षमता बहुत कम है। ग्रीष्म में पानी की मांग बढ़ जाती है। ऐसे में अभी तक सफाई के लिए रीसाइक्लिंग प्लांट का पानी व पीने के लिए स्टोरेज का पानी उपलब्ध रहने से कोई दिक्कत नहीं आती थी, लेकिन अब सफाई के लिए ही रोजाना लाखों लीटर पानी लगने से आने वाले समय में स्टेशन पर पीने के पानी की दिक्कतें आ सकती हैं।

Created On :   2 April 2024 6:16 AM GMT

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