नागपुर: जिला परिषद लोककर्म विभाग को नहीं मिली 100 करोड़ की निधि, विकास पर राजनीति हावी

जिला परिषद लोककर्म विभाग को नहीं मिली 100 करोड़ की निधि, विकास पर राजनीति हावी
  • 100.53 करोड़ निधि अभी मिलना बाकी
  • विभाग को नहीं मिली निधि

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिला वार्षिक योजना अंतर्गत जिला परिषद के लोककर्म विभाग को वित्तीय वर्ष 2022-2023 के लिए 211.61 करोड़ रुपए निधि मंजूर की गई। उसमें से 111.07 करोड़ निधि जिप को प्राप्त हुई। 100.53 करोड़ निधि अभी मिलना बाकी है। जो निधि प्राप्त हुई, उसमें से 38.91 करोड़ रुपए खर्च हो पाई। 72.15 करोड़ निधि खर्च नहीं होने की चौंकानेवाली जानकारी सामने आई है। लोककर्म समिति की बैठक में सभापति कुंदा राऊत ने विभाग की कार्यकारी अभियंता को खरी-खोटी सुनाई। वित्तीय वर्ष समाप्त होने से पहले निधि खर्च नहीं होने पर अविश्वास प्रस्ताव लाने की चेतावनी दी।

विकास पर राजनीति हावी : ग्रामीण क्षेत्र में विविध विकास कार्यों के लिए डीपीसी से निधि दी जाती है। जिला परिषद के विविध विभागों से निधि के लिए डीपीसी को प्रस्ताव भेजे जाते हैं। जिला परिषद में महाविकास आघाड़ी की सत्ता है। राज्य में महायुती की सरकार है। दोनों सत्ता केंद्रों में परस्पर विरोधी दलों की सत्ता रहने से विकास पर राजनीति हावी हो रही है।

जिप में सत्तापक्ष को जनता की नजरों में अकार्यक्षम ठहराने के लिए वरिष्ठ स्तर से दबाव बनाकर विकासकार्य में अड़ंगा डाला जा रहा है। विकास कार्यों को ब्रेक, निधि उपलब्ध कराने में लेटलतीफी, अधिकारियों की मनमानी उसी का प्रमाण माना जा रहा है।

जिला परिषद के लोककर्म विभाग के निधि का लेखा-जोखा तैयार है। विभाग को प्राप्त निधि व उसमें से खर्च हुई निधि का हिसाब समिति के सामने रखा गया। खर्च नहीं हो पाई निधि में अधिकांश रकम डीपीसी से प्राप्त है। 31 मार्च निधि खर्च करने की अंतिम तिथि है।

वित्तीय वर्ष समाप्त होने में 38 दिन बचे हैं। 72.15 करोड़ रुपए खर्च करना है। इस अवधि में खर्च नहीं होने पर शेष निधि सरकार वापस ले लेगी।




Created On :   25 Feb 2024 12:34 PM GMT

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