छूटी पढ़ाई: फीस न होने के चलते निजी स्कूल छोड़ने को मजबूर हुए बच्चों को बीएमसी स्कूल में भी दाखिला नहीं

फीस न होने के चलते निजी स्कूल छोड़ने को मजबूर हुए बच्चों को बीएमसी स्कूल में भी दाखिला नहीं
  • शिक्षा का अधिकार कानून कागजों पर सिमटा
  • बाल अधिकार संरक्षण आयोग से शिकायत
  • बच्चों ने स्कूल जाना ही छोड़ा

डिजिटल डेस्क,मुंबई । महानगर के धारावी की झुग्गी बस्तियों में रहने वाले सात बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं क्योंकि फीस न भरने के चलते निजी स्कूल ने उन्हें बाहर कर दिया है और मुंबई महानगर पालिका का स्कूल बच्चों के पढ़ाई में कमजोर होने का हवाला देकर दाखिला देने को तैयार नहीं हैं। सामाजिक कार्यकर्ता श्रीनिवास कुचन जो धारावी इलाके में रहते हैं उनकी नजर 26 जनवरी को इलाके में होने वाले झंडा वंदन कार्यक्रम के दौरान इन बच्चों पर नजर गई। बातचीत के दौरान पता चला कि बच्चों के गरीब माता-पिता फीस नहीं भर पा रहे थे इसलिए निजी स्कूल में उन्हें अक्सर कक्षा में बाहर खड़ा कर दिया जाता था। परेशान बच्चों ने स्कूल जाना ही छोड़ दिया।

कुचन ने बच्चों से पूछा कि क्या वे स्कूल जाना चाहते हैं तो उन्होंने हामी भरी। इसके बाद उन्होंने माटुंगा स्थित मुंबई मनपा के स्कूल सिटी ऑफ लॉस एंजलिस में बच्चों का दाखिला कराने की कोशिश की लेकिन आरोप है कि स्कूल प्रबंधन ने नियमों के खिलाफ जाकर पहले तो बच्चों का टेस्ट लिया गया फिर पढ़ाई में कमजोर होने का हवाला देकर दाखिला देने से इनकार कर दिया। बच्चे दूसरी से नौवीं कक्षा तक के विद्यार्थी हैं। मामले में महाराष्ट्र राज्य विद्यार्थी पालक महासंघ के नितीन दलवी ने शिक्षा का अधिकार कानून के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए बाल अधिकार संरक्षण आयोग से शिकायत की है। दलवी ने कहा कि शिक्षा का अधिकार कानून के तहत स्कूलों में मुफ्त व अनिवार्य शिक्षा बच्चों का अधिकार है फिर कोई सरकारी स्कूल बच्चों को दाखिला देने से इनकार कैसे कर सकता है। उन्होंने दाखिला देने से इनकार करने वालों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की है। मामले में मुंबई महानगर पालिका के शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उनके पास पूरे मामले की जानकारी नहीं है लेकिन वे जानकारी लेकर जरूरी कदम उठाएंगे।

बच्चों का साल हो जाएगा खराब : रुखसाना सैयद की पांचवीं और दूसरी कक्षा में पढ़ने वाली बेटियां स्कूल नहीं जा पा रही है उन्होंने कहा कि पिछले चार महीने से बच्चे स्कूल नहीं गए ऐसे में टेस्ट के नाम पर वे डर गईं। फिर भी उन्हें जितना आता था उतना लिखा। मैं निजी स्कूल की फीस नहीं भर पा रही हूं इसलिए उन्हें पढ़ाई छोड़नी पड़ी। बीएमसी स्कूल प्रबंधन का कहना है कि इस सत्र में कुछ महीने ही बचे हैं ऐसे में वे अगले साल दाखिला दे देंगे लेकिन इससे बच्चों का एक साल खराब हो जाएगा।


Created On :   10 Feb 2024 1:57 PM GMT

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