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जबलपुर में अंग्रेजी भाषा स्कूलों में शिक्षकों के 152 पद खाली - बीमा क्लेम दिलाने सरकार लड़ेगी केस
डिजिटल डेस्क जबलपुर भोपाल । राज्य विधानसभा में सोमवार को स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार ने विधायक सुशील तिवारी को बताया कि जबलपुर जिले के शासकीय स्कूलों में अंग्रेजी विषय के शिक्षकों के कुल 179 पद स्वीकृत हैं जिनमें से वर्तमान में 27 ही भरे हुये हैं और 152 पद रिक्त पड़े हुये हैं। राज्य मंत्री ने बताया कि शिक्षकों की भर्ती की कार्यवाही प्रचलन में है। अतिथि शिक्षकों के माध्यम से अंग्रेजी पढ़ाई जा रही है।एक अन्य सवाल के जवाब में राज्य मंत्री परमार ने बताया कि जबलपुर जिले में विगत 5 वर्षों में 33 माध्यमिक शालाओं का उन्नयन हाईस्कूलों में एवं 8 हाईस्कूलों का उन्नयन हायर सेकेण्ड्री में किया गया है। इन उन्नयित 41 शालाओं में से 13 शालायें स्वभवन में संचालित हैं। आवश्यक्तानुसार शालाओं का संचालन दो पालियों, प्रयोगशाला एवं आर्ट-क्राफ्ट कक्षों का उपयोग भी कक्षा संचालन हेतु किया जाता है, जिससे अध्यापन कार्य बहुत अधिक प्रभावित नहीं होता है। भवन निर्माण की स्वीकृति उपरान्त ही शासकीय भूमि प्राप्त की जाती है, न कि उन्नयन के पश्चात।
अनुकम्पा नियुक्ति के लंबित प्रकरण
स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री ने विधायक तरूण भनोत को बताया कि संयुक्त संचालक लोक शिक्षण जबलपुर संभाग द्वारा विगत छह माह में अनुकम्पा नियुक्ति के 51 प्रकरण लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल भेजे गये जिनमें से 43 प्रकरण संचालनालय ने वापस निराकरण हेतु संयुक्त संचालक जबलपुर को भेजे। आठ प्रकरणों में संबंधित जिला कलेक्टर हेतु शासन द्वारा जारी एनओसी के क्रम में प्रकरण संबंधित जिलों को भेजे गये तथा इनमें से एक प्रकरण में अनुकम्पा नियुक्ति के आदेश जारी किये गये। स्कूल शिक्षा विभाग ने 1 फरवरी 2021 को अनुकम्पा नियुक्ति के संबंध में नवीन निर्देश जारी किये हैं जिस पर निर्धारित शैक्षणिक योग्यता एवं अर्हता के आधार पर अनुकम्पा नियुक्ति प्रदाय की जा रही है।
जबलपुर में कैंसर इन्स्टीट्यूट हेतु लक्ष्य नहीं
विधायक विनय सक्सेना को चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि जबलपुर में चिकित्सा महाविद्यालय में निर्माणाधीन स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट को प्रारंभ करने के संबंध में लक्ष्य निर्धारित नहीं किया गया है। विभाग ने 22 जून 2016 को 135 करोड़ 21 लाख रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की तथा माह अगस्त 2016 से निर्माण कार्य आरंभ हुआ जिसे अगस्त 2018 तक पूर्ण किया जाना था। 24 दिसम्बर 2020 को इस इंस्टीट्यूट हेतु 153 करोड़ 9 लाख रुपयों की पुनरीक्षित स्वीकृति जारी की गई है। निर्माण अंतिम चरण में है। निर्माण कार्य पूरा होने पर मशीनें स्थापित की जायेंगी। कुल पन्द्रह प्रकार की मशीनें 83 करोड़ 80 लाख रुपयों की लागत से लगना हैं जिनके क्रय की कार्यवाही प्रचलन में है तथा भवन प्राप्त ही मशीनें स्थापित करने की कार्यवाही प्रारंभ कर दी जायेंगी।
Created On :   2 March 2021 3:18 PM IST