चेन्नई की मैंगो फैक्ट्री में बालाघाट के 29 बच्चों को बनाए थे बंधुआ मजदूर

29 child labourer belonging to balaghat mp rescued in khammam
चेन्नई की मैंगो फैक्ट्री में बालाघाट के 29 बच्चों को बनाए थे बंधुआ मजदूर
चेन्नई की मैंगो फैक्ट्री में बालाघाट के 29 बच्चों को बनाए थे बंधुआ मजदूर

डिजिटल डेस्क, बालाघाट। बालाघाट के नक्सल प्रभावित बैगा बाहुल्य क्षेत्र के 29 बच्चों से चेन्नई में बंधुआ मजदूरी कराने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इन बच्चों को मैंगो जूस फैक्ट्री में काम कराया जा रहा था। बच्चों को अन्यत्र ले जाने के दौरान जीआरपी ने सोमवार को शक के आधार पर खम्मम स्टेशन पर पकड़ लिया। इन बच्चों में 16 लड़के और 13 लड़कियां शामिल हैं। बच्चों से जब पुलिस ने पूछताछ की तो मामले का खुलासा हुआ।
 

खम्मम से लाया भोपाल

बच्चों ने बताया कि उन्हें चेन्नई ले जाया गया था जहां पर मैंगो जूस फैक्ट्री में उनसे काम लिया गया। उन्हें एक कमरे में बंधक रखकर 12 से 14 घंटे तक काम कराया जाता था। बच्चों के साथ कुछ वयस्क लोग भी थे जो पुलिस की पूछताछ के दौरान इधर-उधर हो गए। बच्चों को कौन चेन्नई ले गया था, इसका पता नहीं लगा पाया है। म.प्र. के बच्चे होने की वजह से इन्हें खम्मम पुलिस ने भोपाल लाया और बाल कल्याण तथा मानव अधिकार के समक्ष इन्हें उपस्थित किया गया। बच्चो से बात करने पर यह पता चला कि इसमे से अधिकांश बच्चे 12 से 17 वर्ष आयु के बीच के है। जो बालाघाट जिले के सोनगुड्डा, कोद्दापार, जगला गांव के ही बैगा आदिवासी बच्चे है। इन बच्चों को बालाघाट उनके परिजनो को सांैपने के लिए भेजा जा रहा है और इस संंबंध में पुलिस अधीक्षक बालाघाट को जांच कर इस तरह से बच्चों से बाल मजदूरी कराने, उन्हें बंधुआ बनाकर रखने और अधिक समय तक काम लेने के मामले में जांच कर अपराध पंजीबद्ध करने के निर्देश  देकर इन्हें बालाघाट भेजा जा रहा है।
 

इनका कहना है

हमें खम्मम जीआरपी पुलिस ने मुस्कान अभियान के तहत ट्रेन में बच्चों को देखकर उनसे मजदूरी कराए जाने के संदेह पर जांच कर बच्चों को रोककर आज सुबह भोपाल भेजा था। जिस पर हमारे द्वारा नियमानुसार बाल कल्याण  एवं मानव अधिकार के तहत बच्चो के बयान लेकर उन्हें बालाघाट पुलिस को परिजनो तक पहुंचाने एवं आगे की कार्रवाई के लिए रवाना किया गया। इन बच्चों को बालाघाट से किसी गिरोह द्वारा मैंगो सीजन में फैक्ट्री में काम करने के लिए ले जाया गया था और आम का सीजन खत्म होने पर अन्य स्थान पर भेजने का भी अंदेशा बताया गया है।  अर्चना सहाय, डायरेक्टर भोपाल सिटी चाइल्ड लाइन
 

 

Created On :   22 July 2019 4:58 PM GMT

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