ट्रक ड्राइवर से ऑनलाइन एक हजार की रिश्वत लेने पर  सहकारिता इंस्पेक्टर और एएसआई के साथ 4 निलंबित

4 suspended along with Inspector and ASI for taking bribe of one thousand online from truck driver
ट्रक ड्राइवर से ऑनलाइन एक हजार की रिश्वत लेने पर  सहकारिता इंस्पेक्टर और एएसआई के साथ 4 निलंबित
 खनिज अधिकारी के नाम पर रेत से लोड ट्रक  के ड्राइवर में मांगे थे 15 हजार   ट्रक ड्राइवर से ऑनलाइन एक हजार की रिश्वत लेने पर  सहकारिता इंस्पेक्टर और एएसआई के साथ 4 निलंबित

डिजिटल डेस्क सतना। रैगांव उपचुनाव के लिए बनाई गई  स्टैटिक सर्विलांस टीम ( एसएसटी )   में शामिल सहकारिता निरीक्षक  आशीष शर्मा , पुलिस लाइन के एएसआई उमेश पांडेय, सिटी कोतवाली के हेड कांस्टेबल मनोज सिंह और पुलिस लाइन में ही पदस्थ एक कांस्टेबल ललनदेव पांडेय को प्रथम दृष्टया आरोप सही पाए जाने पर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। आरोप है कि खाम्हा खूजा टोल नाका पर तैनात एसएसटी टीम ने रेत से लोड एक ट्रक के ड्राइवर से रिश्वत के तौर पर महज एक हजार रुपए गूगल-पे के माध्यम से लिए।
सीएसपी को सौंपी गई जांच 
मामले की जांच एसडीएम से कराए जाने के बाद कलेक्टर अजय कटेसरिया ने जहां सहकारिता निरीक्षक को निलंबित कर दिया, वहीं एसपी धर्मवीर सिंह ने एएसआई, हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल को सस्पेंड कर दिया। एसपी ने मामले की जांच सीएसपी महेन्द्र सिंह चौहान को सौंपी है। सौदा 15 हजार में हुआ था। बात अंतत: हजार रुपए में बनी। आरोप है कि पुलिस वालों ने सहकारिता निरीक्षक को खनिज अधिकारी बता कर ट्रक ड्राइवर को घेरा। ट्रक ड्राइवर से भुगतान पास ही स्थित किराने की एक दुकान में गूगल-पे के माध्यम से प्राप्त किया गया।  निलंबित सहकारिता निरीक्षक आशीष शर्मा जिला केंद्रीय सहकारी बैंक से अटैच किए गए हैं।
 एसएसटी की करतूत 
 उल्लेखनीय है, जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर ने रैगांव उप चुनाव के   मद्देनजर कई स्टैटिक सर्विलांस टीम ( एसएसटी )  बना रखी हैं। इन्हीं में से एक टीम सतना-चित्रकूट स्टेट हाइवे पर स्थित खाम्हा खूजा के बंद पड़े टोल नाके पर तैनात की गई है। भारी मात्रा में  नकदी, अवैध शराब, संदेहास्पद वस्तु एवं शस्त्रों की आवाजाही पर सतत निगरानी के लिए लगाई गई इसी टीम  के सदस्यों ने 24 अक्टूबर को अनाधिकृत एवं नियम विरुद्ध रूप से बालू से भरे ट्रक को रोक कर
ड्राइवर से एक हजार रुपए की रिश्वत ली। शिकायत की पुष्टि होने पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 13(ग) एवं मध्यप्रदेश सिविल सेवा वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील अधिनियम 1966 के नियम 9(क) के तहत निलंबन की कार्यवाही की गई है।
 

Created On :   26 Oct 2021 9:58 AM GMT

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